आंध्र प्रदेश की राजधानी हैदराबाद में गुरुवार से आरंभ हो रहे 18वें अंतर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव में बाल प्रतिनिधि के रूप में बिहार से पांच बच्चियों का चयन किया गया है। क्षेत्रीय प्रचार निदेशालय के निदेशक एस.के. मालवीय और पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) पटना के निदेशक विजय कुमार ने मंगलवार को बताया कि यह बाल महोत्सव हैदराबाद में बाल दिवस के दिन यानी14 नवंबर से शुरू होगा।
गोल्डेन एलिफेंट के नाम से मशहूर इस महोत्सव का आयोजन आंध्र प्रदेश सरकार के सहयोग से बाल फिल्म सोसाइटी द्वारा किया जा रहा है। मालवीय ने बताया कि बाल महोत्सव के लिए चुने देश-विदेश से चुने गये 111 बाल प्रतिनिधियों में से बिहार के पांच बच्चियों को चुना गया है। इनमें प्रियांशु सोनी, काजल, सुकन्या, वर्षा मेहता और रजनी कुमारी शामिल है। महोत्सव 14 नवंबर से आरंभ होकर 20 नवंबर तक चलेगा।
सात दिवसीय इस महोत्सव के दौरान भारत समेत 48 देशों की करीब 200 फिल्में दिखायी जायेंगी। विभिन्न देशों में 894 प्रविष्ठियों में अंतिम तौर पर 200 फिल्मों का चयन किया गया है। महोत्सव के क्रार्यक्रमों पर प्रकाश डालते हुए पीआईबी निदेशक विजय कुमार ने बताया कि फिल्मों को दिखाने के लिए हैदराबाद के विभिन्न सिनेमा घरों में विशेष रूप से दस स्क्रीन्स लगाई गई है।
इन स्क्रीनों पर प्रतिदिन 30 शो का आयोजन किया जायेगा। एक अनुमान के मुताबिक करीब डेढ़ लाख बच्चे इन फिल्मों का लुत्फ उठा सकेंगे। उन्होंने बताया कि महोत्सव का मुख्य उद्देश्य देश भर के लोगों में फिल्मों के प्रति जारूकता प्रेरित करना और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर फिल्मों को पहचान दिलाना है।
पीआईबी निदेशक ने बताया कि महोत्सव में चार श्रेणियों के तहत 16 पुरस्कार दिये जायेंगे। इन चार श्रेणियों में अंतर्राष्ट्रीय सजीव एक्शन, अंतर्राष्ट्रीय एनीमेशन, लघु फिल्मों और लिटिल डायरेकटर्स श्रेणी में ट्राफी जीतने की होड़ होगी। कुमार ने कहा कि महोत्सव की सबसे खास बात है कि आस्ट्रिया, अजरबैजान, चिली, क्यूबा, एस्टोनिया, इथियोपिया, घाना, ग्रीनलैंड, जार्डन, कुर्दिस्तान, लाओस, लेबनान, मलेशिया, पोर्टोरिको, स्काटलैंड, सेनेगल, स्लोवानियां, ट्यूनेशिया और उरुग्वे जैसे देश पहली बार हिस्सा ले रहे है।
पीआईबी निदेशक ने कहा कि महोत्सव के दौरान चेक गणराज्य की बाल फिल्मों का विशेष तौर पर प्रदर्शन होगा। भारतीय सिनेमा के 100 वर्ष पूरे होने पर इस बार महोत्सव में विशेष बाल फिल्में दिखाई जायेंगी जिनमें राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त बाल फिल्में भी शामिल हैं। पुनरावलोकन खंड में चेक गणराज्य के जिलिन फिल्म समारोह के सहयोग से चेक फिल्मों पर देश-विदेश पुनरावलोकन आयोजित किया जायेगा।
महोत्सव के दौरान दिखाई जाने वाली फिल्मों में गोपी गवैय्या भागो भय्यो, कफाल, एडवेन्चर्स आफ शूगर डाल, चरणदास चोर, दोस्त मगरमच्छ, संडे हालो, कारामाती कोट प्रमुख है। इस बार महोत्सव में उन फिल्मों के चयन पर विशेष ध्यान दिया गया है जो प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय बाल फिल्म समारोह में दिखाई जा चुकी है।
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