संयुक्त राष्ट्र (यूएन) मिशन या विदेशों में भारतीय सेना के अधिकारी स्तर के नीचे के कर्मी (पीबीओआर) को भेजने की चयन नीति पर दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार की खिंचाई की है। कोर्ट ने केंद्र को निर्देश दिया कि भविष्य में केवल योग्य पीबीओआर को भेजना ही सुनिश्चित किया जाए।
जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस दीपा शर्मा की खंडपीठ ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए हालांकि, सरकार को यूएन मिशन के लिए चयनित पीबीओआर को नियुक्त करने की अनुमति दे दी। जबकि, इनमें से कई कर्मचारी योग्यता मानकों को पूरा नहीं करते हैं। योग्यता में संबद्ध इकाई के साथ कम से कम पांच वर्षों का कार्यकाल होना जरूरी है। पीठ ने इस आधार पर पीबीओआर को नियुक्त करने की अनुमति दी, ताकि भारतीय सेना का विदेशों में शांति मिशन प्रभावित नहीं हो।
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