प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के निशाने पर नरेंद्र मोदी सहित देश के कई वरिष्ठ नेता हैं। इसका खुलासा मंगलवार को मध्यप्रदेश के बड़वाली जिले से गिरफ्तार अबू फैजल और दो आंतकियों की हुई गिरफ्तारी से हुआ है। मध्यप्रदेश पुलिस में महानिरीक्षक और राज्य के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस)के प्रमुख संजीव शमी ने बुधवार को भोपाल स्थित पुलिस मुख्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि पटना में मोदी की रैली में हुए विस्फोट में शामिल लोगों से फैजल नियमित संपर्क में था। वह कई वरिष्ठ व्यक्तियों पर हमले करने की योजना बना रहा था। उन्होंने बताया कि फैजल और सिमी के सात आतंकी इसी साल खंडवा जेल से फरार हुए थे, जिनमें से तीन को गिरफ्तार कर लिया गया है, पांच अभी फरार हैं।
उन्होंने कहा कि फैजल से की गई पूछताछ में खुलासा हुआ है कि उसका संपर्क पाकिस्तानी आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान से भी है। वह और उसके साथी तालिबान की विचारधारा और काम करने के तौर तरीकों पर अमल कर रहे थे। शमी ने कहा कि इनके साथ कुछ और लोग भी शामिल हैं जिनकी तलाश की जा रही है। हालांकि, उन्होंने इस बारे में मिले सुरागों को मीडिया से साझा करने से इनकार कर दिया।
शमी ने कहा कि बड़वानी से गिरफ्तार अन्य आतंकी खालिद अहमद की निशानदेही पर शोलापुर स्थित ठिकाने से तीन बम बरामद किए गए हैं, जिन्हें कहीं भी और कभी भी लगाया जा सकता है। इसके अलावा वहां से 100 से अधिक डेटोनेटर और 70 से अधिक जिलेटिन की छड़ें जब्त की गई हैं। इसमें मध्यप्रदेश एटीएस की मदद महाराष्ट्र एटीएस ने की। शोलापुर से इनकी मदद करने वाले दो संदिग्धों को भी गिरफ्तार किया है। इस बीच, बुधवार को छत्तीसगढ़ एटीएस ने रायपुर से धीरज साओ नामक सिमी और इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) कार्यकर्ता को गिरफ्तार किया है। उसपर इन आतंकी संगठनों के लिए धन इकट्ठा करने और उसे आतंकियों को सौंपने का आरोप है। मूल रूप से बिहार के जमुई के रहने वाले साओ के खातों में एक करोड़ से अधिक राशि मिली है, जिनके स्नोतों की जांच पुलिस कर रही है।

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