लोकपाल को भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में गंभीर हथियार बताते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को सभी राजनीतिक दलों से लोकपाल विधेयक को पारित कराने में एकजुटता दिखाने की अपील की। संवाददाता सम्मेलन के दौरान केंद्र सरकार के मंत्री भी मौजूद थे। 24 अकबर रोड स्थित कांग्रेस मुख्यालय में वित्त मंत्री पी. चिदंबरम और कानून मंत्री कपिल सिब्बल और प्रधानमंत्री कार्यालय के प्रभारी राज्य मंत्री वी. नारायणसामी के साथ संवाददाताओं से मुखातिब राहुल ने कहा कि यह 'राष्ट्रीय महत्व' का मामला है और यह 'भ्रष्टाचार के मुद्दे को पूरी तरह बदल कर रख देगा।'
उन्होंने कहा, "विधेयक पर हमारी व्यापक सहमति है। कांग्रेस पार्टी इस विधेयक का पूरा समर्थन करती है और हम चाहते हैं कि विपक्षी पार्टी और अन्य दल हमारे साथ मिलकर इसे संसद में पारित कराने में हमारी मदद करें।" लोकपाल विधेयक को लोकसभा में दिसंबर 2011 में पारित किया जा चुका है और सोमवार को राज्यसभा में इसपर चर्चा होगी। यदि सत्र विस्तार नहीं किया जाए तो संसद का शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर को समाप्त होना है अगले वर्ष के शुरू में ओने वाले आम चुनावों से पूर्व का यह संभवत: अंतिम सत्र भी हो सकता है।
अगले वर्ष फरवरी में अल्पकालिक सत्र बुलाया जाएगा जिसका उद्देश्य लेखानुदान मांग पारित कराना होगा ताकि नई सरकार का गठन होने तक संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की व्यय जरूरतें पूरी हो सके। राहुल ने कहा, "मेरी नजर में अत्यंत महत्वपूर्ण इस विधेयक को यदि सभी पार्टियों का समर्थन मिले तो हम उसे पारित कराने में कामयाब होंगे।" उन्होंने कहा कि 'राष्ट्रीय महत्व' के विधेयक को पारित कराने में 'सभी पार्टियों को अपनी चिंताओं को किनारे रख कर हमें समर्थन देना चाहिए।'
उन्होंने कहा, "हमें अन्य पार्टियों के समर्थन की जरूरत है। अन्य पार्टियां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एवं अन्य.. सभी पार्टियां एकसाथ मिलकर यह काम करें। कांग्रेस पार्टी पूरी तरह इसका समर्थन करेगी। मैं अन्य पार्टियों से इसे समर्थन देने की अपील करता हूं क्योंकि यह राष्ट्रीय महत्व का मामला है।" उन्होंने आगे कहा, "ऐसा नहीं है कि हम विधेयक को पारित नहीं कराना चाहते हैं। हम काम कर रहे हैं। यह भ्रष्टाचार से निपटने में काम करेगा और आरटीआई की ही तरह यह भी भ्रष्टाचार से लड़ाई में एक हथियार होगा।"

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