चुनाव आयोग ने गुरुवार को राजनीतिक दलों के चुनावी घोषणापत्रों के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किया है। इसमें राजनीतिक दलों से कहा गया है कि माहौल खराब करने वाले वादे ना करें। राजनीतिक दलों से मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए गलत तरीके नहीं अपनाने के भी निर्देश दिए गए हैं।
चुनाव आयोग की विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ सात फरवरी को बैठक हुई थी। इसी बैठक के बाद उनके विचारों को दिशा निर्देश के रूप में जारी किया गया है। यही नहीं आयोग ने इसे चुनावी आचार संहिता से जोड़ दिया है। निर्देश में कहा गया है कि पारदर्शिता के हित में राजनीतिक दल या उम्मीदवार वादा करते समय उनका तर्कपूर्ण औचित्य समझाएंगे और विस्तार से इस संबंध में बताएंगे कि वह इसके लिए जरूरी संसाधन कैसे जुटाएंगे।
आयोग ने कहा कि मतदाताओं का विश्वास सिर्फ उन वादों के आधार पर मांगा जाना चाहिए जिन्हें पूरा किया जा सके। दिशा निर्देश के मुताबिक चुनावी घोषणापत्र में संविधान के आदर्शों और सिद्धांतों के खिलाफ कुछ नहीं होना चाहिए और ये चुनावी आचार संहिता के अन्य प्रावधानों के अनुरूप होना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट की ओर से पांच जुलाई 2013 को दिए गए आदेश के आधार पर ये दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को ये दिशानिर्देश बनाने और चुनावी आचार संहिता में शामिल करने को कहा था।
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