प्रशासकीय अधिकारी अब ऑनलाइन भर सकेंगे सी.आर.हेडक्वार्टर लीव भी ऑनलाइन,
- मुख्य सचिव की उपस्थिति में ऑनलाइन साटवेयर पर कार्यशाला
खण्डवा (26 अप्रैल, 2014) - मुख्य सचिव श्री अन्टोनी डिसा की उपस्थिति में भोपाल में मंत्रालय में प्रशासनिक अधिकारियों को सी.आर. और सी.एल. के संबंध में बनाए गए ऑनलाइन साटवेयर के बारे में बताया गया। साटवेयर के जरिये अब प्रशासनिक अधिकारी ऑनलाइन सी.आर. भर सकेंगे। साथ ही हेडक्वार्टर छोड़ने की अनुमति भी अब उन्हें ऑन लाइन मिल सकेंगी। स्मार्ट परफार्मेंस एप्रेजल रिपोर्ट रिकार्डिंग ऑनलाइन विन्डो (ैच्।त्त्व्ॅ) के माध्यम से सी.आर. प्रस्तुत की जा सकेंगी। दिल्ली के एनआयसी विशेषज्ञ लक्ष्मीकांत सुमांत्र ने सॉटवेयर की बारीकियों से अधिकारियों को अवगत करवाया। अधिकारियों ने अपनी समस्या और सुझाव भी बताए। मेप आईटी के संजीव मिश्रा ने हेडक्वार्टर लीव के लिए बनाए गए सॉटवेयर की जानकारी दी।
ग्रीष्मजन्य बीमारियों से बचें - एडवायजरी जारी
खण्डवा (26 अप्रैल, 2014) - भागदौड भरी जिंदगी में गर्मी के डर से घर में बैठा भी तो नहीं जा सकता। धूप की तपिश को देखते हुए यह जरूरी है कि पहले से ही इस मौसम के लिए अपनी तैयारी कर ली जाये। इससे मौसम के नकारात्मक असर से बचा जा सकेगा। ऐसे खुष्क और ऊष्ण मौसम में खान-पान और पहनावे पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है, ताकि लू और गर्मी की वजह से शरीर में पानी की कमी से बचा जा सके। प्रायः शरीर में जल की कमी के कारण अनेक दिक्कतें पैदा होने लगती है। इसलिए इस मौसम में स्वास्थ्य को बनाये रखने के लिए विशेष सावधानी बरतनी चाहिये। गर्मी में लापरवाही के कारण शरीर में निर्जलीकरण, लू लगना, चक्कर आना, घबराहट होना, नकसीर आना, उल्टी-दस्त, घमौरियां जैंसी कई समस्याएं हो सकती हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस बारे में एडवायजरी जारी की गई है। गर्मी से होने बाली बीमारियों से कैसे बचें :- रोग हो जाने के बाद उपचार से बेहतर पहले ही इससे बचाव कर लेना ठीक होता है। गरमी से बचने के लिये जहां तक हो सके, ये उपाय जरूर करें - § गर्मी में सूती हल्के रंग के कपडे़ पहनना चाहिये। गर्मी के मौसम में चमकदार भड़कीले और चटक रंग वाले कपडे़ गर्मी को अवशोषित करते हैं। जिससे शरीर की त्वचा जलने लगती है। इसके विपरीत हल्के रंग वाले सादे रंग उत्तम माने जाते है। खास कर पूरी गर्मी में सूती कपड़े पहनना चाहिये। यदि सूती कपडे़ उपलब्ध न हो तो ऐसे कपडे़ चुने जिसमें सूती का अंश अधिक हो। § चेहरा और सर रूमाल या साफे से ढंक कर ही निकलना चाहिये। § गर्मी में ज्यादा भारी या बासी भोजन कतई न करें, क्योंकि गर्मी में शरीर की जठराग्नि मंद-मंद रहती है। इसलिये भारी खाना और जरूरत से ज्यादा खाने से उल्टी दस्त की षिकायत हो सकती है। गरमी में गरम मसालों का उपयोग लौंग, जायफल, दालचीनी का उपयोग कम से कम करें। § गर्मी में जब घर से निकलें कुछ खाकर और पानी पीकर ही निकलें, खाली पेट तो बिलकुल नही। § बाजार की ठण्डी चीजे नहीं, बल्कि घर की बनी ठण्डी चीजों का ही सेवन करना चाहियें। जैंसे- आम का पना, नीबू पानी, फलों का रस, संतरे का सरवत, ठण्डाई, सतू, दही की लस्सी, छांछ, गुलकंद का सेवन करना चाहिये। § हरी ताजी सब्जियों यथा लौकी, ककडी, खीरा, तुररई, पालक, पुदीना, नीबू, तरबूज, खरबूज, नेनुआ आदि का सेवन अधिक से अधिक करना चाहिये। § शीतल जल का सेवन रोजाना चार से पांच लीटर मात्रा में करना चाहिये। § सफेद प्याज का सेवन तथा बाहर निकलते समय जेब में प्याज रखना चाहिये। § भोजन के समय पुदीना, प्याज, और कच्चे आम की चटनी अवश्य खांयें। § चाय और कॉफी का उपयोग कम से कम करें। शराब का सेवन यथासंभव न ही करें। § सुपाच्य खादय पदार्थों का सेवन करें। खिचडी में सब्जियां डालकर प्रतिदिन लें। § गर्मियों में सिरदर्द और अधकपारी बढ जाती है। जिन्हे सिरदर्द रहता है उन्हें धूप में नहीं निकलना चाहिये। यदि मजबूरन बाहर जाना ही है तो सिर पर टोपी, पगडी, अंगोछा, या कोई सूती कपडा रखकर ही निकलना चाहिये। § गर्मियों में त्वचा जनित समस्या से छुटकारा पाने के लिये हर्बल फेसपैक अपनायें। गर्मियों में धूप की बजह से चेहरे पर रूखापन आ जाता है। अधिक समय तक रूखापन बने रहने से त्वचा सबंधी रोगों की संभावनाएं बढ जाती हैं और इससे एलर्जी हो सकती है। § गर्मी में शरीर के साथ ही आंखो पर भी ज्यादा नकारात्मक असर पडता है। इसलिये जरूरी है कि आंखों का भी खास ख्याल रखा जाये। धूप के चश्में (सन्ग्लासेस) का उपयोग जरूर करें।
चकित्सा प्रतिपूर्ति करने की स्वीकृति की प्रदान
खण्डवा (26 अप्रैल, 2014) - शासकीय कर्मचारियों एवं अधिकारियों के राज्य के बाहर केन्द्र सरकार अथवा अन्य राज्य सरकार तथा मान्यता प्राप्त निजी चिकित्सालयों में उपचार कराने के लिये बीमारियों के लिये निश्चित सीमा तय तक या वास्तविक व्यय जो भी कम हो की चिकित्सा प्रतिपूर्ति करने की स्वीकृति प्रदान करने की गई है। बीमारियाँ जिनके लिये स्वीकृति प्रदान की गई :- केन्द्र सरकार अथवा अन्य राज्य सरकार के चिकित्सालय में जिन बीमारियों के लिये राशि स्वीकृति प्रदान की गई है, वे हैं:- § एंजोग्राफी के लिये 15 हजार रूपये § हृदय रोग (सर्जरी) के लिये 2 लाख 50 हजार रूपये § किडनी प्रत्यारोपण के लिये 4 लाख रूपये § न्यूरो सर्जरी एवं न्यूरोलाॅजी के लिये 3 लाख रूपये § कैंसर रोग के लिये 4 लाख रूपये § कांकलीयर इम्प्लांट के लिये 5 लाख 20 हजार रूपये § लीवर ट्रांसप्लाट या हिप रिप्लेसमेंट (हड्डी रोग) के लिये 4 लाख की स्वीकृति प्रदान की गई है। वहीं मान्यता प्राप्त निजी चिकित्सालय में किडनी प्रत्यारोपण के लिये 2 लाख 40 हजार रूपये की स्वीकृति प्रदान की गई है। उपसचिव मध्यप्रदेश शासन चिकित्सा शिक्षा विभाग एस.एस.कुमरे से प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य शासन एतद् द्वारा उक्त निर्धारित प्रतिपूति सीमा अब राज्य के बाहर मान्यता प्राप्त एवं गैर मान्यता प्राप्त चिकित्सालयों में कराये गये उपचार के कार्योत्तर स्वीकृति के प्रकरणों में भी लागू कर दी है। संभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में गठित कार्योत्तर समिति उक्त निर्धारित प्रतिपूर्ति सीमा तक या वास्तविक व्यय जो भी कम हो की चिकित्सा प्रतिपूर्ति करने की स्वीकृति जारी कर सकेंगे।
सेना भर्ती की जानकारी के लिए वेबसाइट प्रारंभ, आई.वी.आर.एस. के तहत फोन पर भी मिलेगी जानकारी
खण्डवा (26 अप्रैल, 2014) - मुख्यालय भर्ती क्षेत्र जबलपुर द्वारा मध्यप्रदेश के युवाओं का भारतीय सेना में विभिन्न पदों के लिये प्रतिवर्ष चयन किया जाता है। मुख्यालय ने मध्यप्रदेश राज्य के युवाओं के लिये सभी जानकारी से परिपूर्ण वेबसाइट ूूूण्ीुतजह्रवदमण्रंइ-उचण्दपबण्पद का निर्माण किया है। किसी भी समय वेबसाइट से भर्ती संबंधित आवश्यक जानकारी अंग्रेजी एवं हिन्दी भाषा में उपयोग के लिए प्राप्त की जा सकती है। यह वेबसाइट मध्यप्रदेश सरकार की वेबसाइट ूूूण्उचण्हवअण्पद के माध्यम से मुख्य पृष्ठ पर नागरिक कॉलम पर भर्ती एवं अवसर उप शीर्षक से भी देखी जा सकती है। इसके अलावा फोन द्वारा प्रभावी आदान-प्रदान प्रणाली (आई.वी.आर.एस.) का संचालन सुनिश्चित किया गया है। इसमें एक साथ 30 व्यक्ति फोन के माध्यम से भर्ती संबंधित जानकारियाँ प्राप्त कर सकते हैं। यह सुविधा 0761-2600242 नम्बर पर उपलब्ध है। भर्ती मुख्यालय ने राज्य के सभी निवासियों विशेष तौर पर युवाओं को सलाह दी है कि सेना में भर्ती प्रक्रिया पूर्ण रूप से निष्पक्ष एवं पारदर्शी है जो उम्मीदवारों की गुणवत्ता (डमतपज) के आधार पर ही की जाती है। भर्ती प्रक्रिया के संबंध में किसी दलाल या बिचैलिये से दूर रहने तथा इसकी जानकारी भर्ती कार्यालय
या पुलिस को देने का अनुरोध भी किया है।
माह मई-2014 का खाद्यान्न आवंटित, अन्त्योदय कार्डधारी सदस्य संख्या 6 तक को 35 किलो प्रतिकार्ड
- वहीं 7 और उससे अधिक सदस्य वाले परिवारों को 5 किलो प्रति सदस्य मिलेगा खाद्यान्न
खण्डवा (26 अप्रैल, 2014) - राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 के प्रावधान को जिले में 1 मार्च, 2014 से क्रियान्वयन किया गया है। आयुक्त खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण संचालनालय मध्यप्रदेश भोपाल के द्वारा लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली की नवीन व्यवस्था अंतर्गत माह मई-2014 के लिये खाद्यान्न का शक्कर एवं नमक का आवंटन प्राप्त हुआ है। यह आवंटन समग्र पोर्टल पर दर्ज सत्यापित पात्र परिवारों के मान से अन्त्योदय अन्न योजना परिवारों तथा प्राथमिकता परिवारों के सदस्यों के लिये प्राप्त हुआ है। जिला आपूर्ति अधिकारी से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में 28 हजार 819 अंत्योदय परिवार शामिल हैं। जिनके लिये गेहूँ 7204.75 क्विंटल, चांवल 1440.95, मक्का 1440.95 क्विंटल प्राप्त हुआ हैं। वहीं जिला आपूर्ति अधिकारी द्वारा बताया गया है कि जिले में प्राथमिकता परिवार की संख्या 6 लाख 37 हजार 860 है। जिनकें लिये गेहूँ 19135.80 क्विंटल, चांवल 6378.60 क्विंटल तथा मक्का भी 6378.60 क्विंटल खाद्यान्न प्राप्त हुआ है। इसी प्रकार दोनों ही प्रकार के परिवारों के लिये शक्कर 1712.48 क्विंटल तथा नमक 1712.48 क्विंटल का आवंटन प्राप्त हुआ है। जिला आपूर्ति अधिकारी ने निर्देश दिये है कि वितरण मात्रा अन्त्योदय कार्डधारी सदस्य संख्या 6 तक को 35 किलो प्रतिकार्ड एवं 7 और उससे अधिक सदस्य वाले अन्त्योदय परिवारों को 5 किलो प्रति सदस्य तथा प्राथमिकता श्रेणी के परिवारों को प्रति सदस्य 5 किलों के मान से खाद्यान्न वितरण किया जाये। उन्होंने खाद्यान्न वितरण मात्रा की जानकारी देते हुए बताया है कि अन्त्योदय परिवार को गेहूँ 25 किलो, चांवल और मक्का 5-5 किलो इस प्रकार कुल 35 किलो खाद्यान्न 1/- किलो की दर से आवंटित किया जायेगा। वहीं प्राथमिकता परिवार के कार्डधारियों को गेहूँ 3 किलो चांवल और मक्का 1-1 किलो इस प्रकार कुल खाद्यान्न 5 किलो 1/- रूपये प्रति किलो की दर से आवंटित किया जायेगा। शक्कर एवं नमक दोनों परिवार के कार्डधारियों को 1-1 किलो आवंटित की जायेगी। शक्कर 13.50 /- रूपये प्रति किलो तथा नमक 1/- रूपये प्रति किलो से आवंटित होगा। जिला आपूर्ति अधिकारी ने समस्त लीड संस्थाओं को निर्देश दिये है कि वे 6 मई तक आवंटित मात्रा का उठाव अवश्य कर लें।
यदि पोलियो पीड़ित राष्ट्रों की ओर भ्रमण पर जा रहे हैं, तो पहले पोलियो टीकाकरण जरूर करा लें
- भारत सरकार द्वारा एडवायजरी जारी
खण्डवा (26 अप्रैल, 2014) - भारत राष्ट्र विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा पोलियो मुक्त घोषित हो चुका है। बड़े लम्बे प्रयासों के बाद हमें यह दर्जा मिला है। हम इसे हर हाल में बनाये रखेंगे। इसीलिये यह जरूरी है कि यदि कोई भारतीय नागरिक किसी पोलियो पीड़ित राष्ट्र की ओर भ्रमण पर जा रहे हैं या भविष्य में ऐसा कोई प्रोग्राम बना रहे हों, तो पहले अपना पोलियो टीकाकरण जरूर करा लें। ताकि पोलियो के वायरस पुनः यहाँ न फैल सकें। भारत सरकार ने इस बारे में एडवायजरी जारी कर दी है। भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के टीकाकरण डिवीजन द्वारा जारी एडवायजरी के हवाले से जिला टीकाकरण अधिकारी खंडवा ने जानकारी दी है कि भारत राष्ट्र तो पोलियो मुक्त घोषित हो चुका है, परंतु विश्व के सात राष्ट्र पाकिस्तान, अफगानिस्तान, नाइजीरिया, सोमालिया, केन्या, सीरिया एवं इथोपिया में अभी भी पोलियो के वायरस मौजूद है। इन राष्ट्रों से यात्रियों के आवागमन के जरिये हमारे देश में पोलियो से खतरा रहने की आशंका बनी रहती है। इस संदर्भ में जिला टीकाकरण अधिकारी ने खंडवा जिले के ऐसे सभी व्यक्ति या व्यक्तियों या परिवार या परिवारों से अपील की है कि यदि वे पोलियो पीड़ित सात राष्ट्रों में से किसी भी जगह भ्रमण या किसी अन्य कारणों से जा रहे हों या निकट भविष्य में ऐसे किसी देश में जाने का कोई कार्यक्रम हो, तो ऐसे सभी संभावित यात्री अपनी यात्रा दिवस के एक माह पहले से पोलियो टीकाकरण अनिवार्यतः करा लें। भले ही उन्होंने पहले कभी पल्स पोलियो की दवा पी ली हो, चाहे वे किसी भी मुल्क के हों या किसी भी आयु वर्ग के हों। टीकाकरण कार्य के लिये शहरी परिवार कल्याण केन्द्र ख्ंाडवा जिला चिकित्सालय परिसर ख्ंाडवा को केन्द्र बनाया गया है। वहीं इसके नोडल अधिकारी डाॅ.शरद हरणे, षहरी नोडल अधिकारी को बनाया गया है।
उन्होंने बताया कि जिला चिकित्सालय खंडवा के शहरी टीकाकरण केन्द्र में ऐसे संभावित यात्रियों को कार्यालयीन दिवस में पोलियो की दवा पिलाने की व्यवस्था की गई है। जिला टीकाकरण अधिकारी द्वारा पोलियो की दवा पीने वाले यात्रियों को सर्टिफिकेट दिया जायेगा। यह सर्टिफिकेट वैक्सीन दिये जाने की तिथि से एक साल तक वैध रहेगा। जिला टीकाकरण अधिकारी ने सिविल सर्जन सहित जिले के सभी ब्लाॅक मेडीकल आफिसर्स से कहा है कि वे उनके क्षेत्र से पोलियो पीड़ित राष्ट्रों में जाने वाले यात्रियों को ओ.पी.व्ही. को डोज एवं सर्टिफिकेट दिलायें।

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