प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबसे करीबी और विश्वसनीय व्यक्ति अमित शाह को भाजपा का नया अध्यक्ष बनाया जाना पार्टी के इस प्रमुख चुनाव रणनीतिकार के लिए एक असाधारण और तेज प्रगति है। 50 वर्षीय अमित शाह पार्टी के सबसे युवा अध्यक्ष है।
शाह की नियुक्ति से पहले इस पार्टी के अध्यक्ष पद पर शुरूआत से अब तक सिर्फ वरिष्ठ नेताओं की ही नियुक्ति हुई है। मोदी के सबसे करीबी और विश्वासपात्र सहायक माने जाने वाले शाह ने गुजरात भाजपा के मजबूत नेता से राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी का अध्यक्ष बनने तक में एक साल से भी कम समय लिया। भाजपा में अधिकतर नेता इस बात से सहमत हैं कि शुरूआती दिनों में आरएसएस से जुड़े रहे शाह ने सफलता का जो समुद्र बटोरा है उसका एक एक कतरा उनकी अपनी मेहनत का नतीजा है। लोकसभा चुनावों से पूर्व अमित शाह को उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया गया था, जहां पार्टी ने 80 में से 73 सीटों (अपना दल की तीन सीटें मिलाकर) पर जीत हासिल की है।
जो पार्टी के लिए यूपी में अब तक की सबसे बड़ी जीत रही है। वहीं इन चुनावों में पार्टी को मिली सीटों में यूपी ने एक बड़ी भूमिका निभाई है। अमित शाह के नाम पर अंतिम सहमति आरएसएस ने पिछले दिनों धार में हुई कार्यसमिति की बैठक में लगा दी थी। इसके बाद उनका पार्टी अध्यक्ष बनना लगभग तय माना जा रहा था। वहीं कुछ दिनों पहले पार्टी नेता जेपी नड्डा का नाम भी पार्टी अध्यक्ष के लिए चर्चा में था।
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