पंचायत सचिव धरमदास अहिरवार निलंबित
छतरपुर/25 जुलाई/प्रभारी कलेक्टर एवं जिला पंचायत सीईओ डाॅ. सतेन्द्र सिंह ने बड़ामलहरा जनपद पंचायत सीईओ के प्रतिवेदन पर कार्यवाही करते हुये ग्राम पंचायत परा के पंचायत सचिव धरमदास अहिरवार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में सचिव श्री अहिरवार का मुख्यालय जनपद पंचायत कार्यालय बड़ामलहरा नियत किया गया है। निलंबन काल के दौरान सचिव को जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी। सचिव के निलंबन पश्चात् ग्राम पंचायत परा का अतिरिक्त सचिवीय प्रभार सड़वा पंचायत के सचिव हरबल अहिरवार को आगामी आदेश तक सौंपा गया है। उल्लेखनीय है कि पंचायत सचिव धरमदास अहिरवार द्वारा मनरेगा योजना के तहत संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन, प्रगतिरत कपिलधारा कूपों को पूर्ण कराने एवं नवीन शौचालय प्रारंभ कराने में कोई रूचि नहीं ली जा रही थी, साथ ही सुदूर ग्राम सम्पर्क सड़क स्वीकृत होने के बावजूद कार्य प्रारंभ नहीं कराया जा रहा था। सचिव के विरूद्ध कार्यों में लापरवाही व मनमानी करने, पंचायत के प्रत्येक कार्य में उदासीनता बरतने एवं पंचायत की कोई बैठक आहूत न करने का भी आरोप था। अतः सचिव द्वारा उक्त कार्यों में लापरवाही बरतने पर निलंबन की कार्यवाही की गई है।
परीक्षार्थियों की सहायता हेतु टीम गठित
छतरपुर/25 जुलाई/रविवार को आयोजित होने वाली राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा के दौरान जिले में पहुंचने वाले परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्रों की जानकारी, केंद्र तक आने-जाने के रास्ते एवं दूरी की जानकारी देने के उद्देश्य से दो टीमों का गठन किया गया है। टीम के सदस्य छत्रसाल चैक एवं बस स्टैण्ड में स्थापित किये गये हेल्प सेंटर में उपस्थित रहकर परीक्षार्थियों की सहायता करेंगे। छत्रसाल चैक स्थित हेल्प सेंटर की टीम में बीआरसी छतरपुर शिव प्रसाद वाजपेयी 9424760832, राजस्व निरीक्षक महिपाल प्रजापति एवं पटवारी जुगल पटेल शामिल हैं। इसी तरह बस स्टैण्ड में स्थापित हेल्प सेंटर की टीम में बीएसी छतरपुर धर्मेन्द्र सिंह 9407335565, राजस्व निरीक्षक कुंजी लाल प्रधान एवं पटवारी पन्ना लाल राजपूत शामिल हैं।
अवैध परिवहन पर 1 लाख रूपये का जुर्माना
छतरपुर/25 जुलाई/यातायात पुलिस व मजिस्ट्रेट चेकिंग के दौरान डम्फर क्रमांक एमपी-16, एच-0386 एवं एमपी-16, एच-0616 को गिट्टी का अवैध रूप से परिवहन करते पाये जाने के बाद डम्फर को थाना सिविल लाइंस में खड़ा कराया गया था। वाहन के कागजात व गिट्टी का फिटपास न रहने पर सहायक खनिज अधिकारी ने दोनों डम्फरों पर 50-50 हजार रूपये के जुर्माने की कार्यवाही की है।
पीएससी परीक्षा के दौरान केंद्र परिसर में धारा 144 लागू रहेगी
छतरपुर/25 जुलाई/रविवार, 27 जुलाई को आयोजित होने वाली राज्य लोक सेवा आयोग परीक्षा के दौरान शहर में कुल 18 परीक्षा केंद्र बनाये गये हैं। इन केंद्रों में 8,291 परीक्षार्थी लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा में शामिल होंगे, जो अलग-अलग स्थानों से शहर में आयेंगे। इन परीक्षार्थियों के साथ अन्य लोगों के भी केंद्र के बाहर आने की संभावना है। ऐसी परिस्थिति में परीक्षा केंद्रों के बाहर बड़ी संख्या में जनसमुदाय के एकत्र होने की संभावना, परीक्षा के महत्व व संवेदनशीलता तथा केंद्र के बाहर एकत्र जनसमुदाय को नियंत्रित करने एवं परीक्षा शांतिपूर्ण, निष्पक्ष, निर्भीक व व्यवस्थित रूप से सम्पन्न कराने के उद्देश्य से जिला दण्डाधिकारी द्वारा परीक्षा के एक दिन पूर्व से परीक्षा समाप्ति तक धारा-144 लागू करने का आदेश जारी किया गया है। धारा-144 लागू रहने तक परीक्षा केंद्रों से 100 मीटर के क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति किसी प्रकार का घातक शस्त्र, बंदूक, राईफल, पिस्टल, भाला, बल्लम, बरछी, लाठी एवं अन्य प्रकार के घातक हथियार व विस्फोटक सामग्री लेकर नहीं चल सकेगा। इसके साथ ही अनावश्यक रूप से परीक्षार्थियों के अलावा पांच से अधिक व्यक्तियों का समूह बनाकर उपस्थित नहीं रहा जा सकता है। परीक्षा केंद्र के 100 मीटर की परिधि में दो पहिया या चार पहिया वाहनों का अस्थायी रूप से खड़ा किया जाना भी प्रतिबंधित रहेगा। आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति के विरूद्ध भारतीय दण्ड विधान की धारा 188 के अंतर्गत कार्यवाही की जायेगी।
बाधारहित वातावरण हेतु निर्देश
छतरपुर/25 जुलाई/जिले में स्थित ऐसे शासकीय भवन एवं स्कूल-काॅलेज, जहां पर निःशक्तजन एवं वृद्धजनों का आना-जाना होता है, वहां इनकी सुविधा के लिये कार्यालय प्रमुख तथा प्राचार्य रैम्प, रेल्स, लिफ्ट, बाधारहित टायलेट, ब्रेल सायनेज, आॅडियोटरी सिग्नल एवं टेक्सटाईल बनवाने के लिये प्रस्ताव भेज सकते हैं। प्रस्ताव तकनीकी स्वीकृति के साथ अविलंब उप संचालक, सामाजिक न्याय कार्यालय में भेजना होगा। इस कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ करने की अपील उप संचालक, सामाजिक न्याय वीरेश सिंह बघेल ने संस्था प्रमुखों से की है।
नजरी नक्शा के संबंध में निर्देश
छतरपुर/25 जुलाई/म0प्र0 राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा नगरीय निकायों की फोटोयुक्त मतदाता सूची के हैडर में नजरी नक्शा वार्डवार तैयार कर लगाने के निर्देश दिये गये हैं। अतः आयोग के निर्देशानुसार नगरीय निकायों के वार्ड के भाग की मतदाता सूची में सम्पूर्ण वार्ड का नक्शा लगाने के निर्देश उप जिला निर्वाचन अधिकारी रवीन्द्र चैकसे ने नगर पालिका निर्वाचन हेतु नियुक्त किये गये रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों को दिये हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि वार्डवार नक्शा तैयार कराकर वेंडर को उपलब्ध करायें एवं जिला निर्वाचन कार्यालय में सूचित करें।
अब श्रमिकोें का पंजीयन नगर पालिका से होगा
छतरपुर/25 जुलाई/श्रम पदाधिकारी के. के. गुप्ता ने जानकारी दी है कि निर्माण श्रमिकों के पंजीयन, नवीनीकरण एवं मण्डल के द्वारा संचालित योजनाओं का क्रियान्वयन अब श्रम कार्यालय के स्थान पर मुख्य नगर पालिका अधिकारी, छतरपुर के द्वारा किया जायेगा। इस संबंध में श्रम पदाधिकारी ने बताया है कि म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल के तहत निर्माण श्रमिकों के पंजीयन, नवीनीकरण तथा विवाह सहायता योजना, मृत्यु की दशा में अंत्येष्टि व अनुग्रह सहायता योजना का क्रियान्वयन करने के लिए श्रम पदाधिकारी के स्थान पर मुख्य नगर पालिका अधिकारी, छतरपुर के पक्ष में शासन के द्वारा विगत् 11 जुलाई 2014 को राजपत्र में अधिसूचना का प्रकाशन कर अधिकारों का प्रत्यायोजन किया गया है। इसी प्रकार प्रसूति सहायता तथा चिकित्सा सहायता योजना के क्रियान्वयन हेतु जिला छतरपुर के सभी शहरी क्षेत्र के लिए जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन तथा ग्रामीण क्षेत्र के लिए खण्ड चिकित्सा अधिकारी के पक्ष में अधिकार का प्रत्यायोजन किया गया है। उक्त अधिसूचना 11 जुलाई, 2014 से प्रभावशील हो गई है, जिसके परिपालन में श्रम पदाधिकारी के द्वारा मुख्य नगर पालिका अधिकारी, छतरपुर को श्रमिकों से संबंधित समस्त दस्तावेज तथा आवश्यक बजट प्रदाय कर दिया गया है। अधिसूचना के अनुसार जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों तथा छतरपुर के अलावा अन्य नगर पालिका अधिकारियों के द्वारा विवाह सहायता एवं अंत्येष्टि व अनुग्रह सहायता प्रदान करने और निर्माण श्रमिकों के पंजीयन एवं नवीनीकरण का कार्य किया जायेगा। प्रसूति सहायता एवं चिकित्सा सहायता योजना का क्रियान्वयन सिविल सर्जन/खण्ड चिकित्सा अधिकारियों के द्वारा किया जायेगा। श्रम पदाधिकारी द्वारा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, छतरपुर को पत्र सहित आवश्यक बजट प्रेषित कर शासन के निर्देशानुसार कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिये अनुरोध किया गया है। श्रम पदाधिकारी ने सभी पात्र निर्माण श्रमिकों से अपील की है कि वे नवीन पंजीयन अथवा पूर्व में जारी पंजीयन का नवीनीकरण कराने हेतु तथा मण्डल की योजनाओं के तहत सहायता प्राप्त करने के लिए विधिवत् आवेदन लोक सेवा केन्द्र, छतरपुर में करें।
ग्राम कुपी एवं गुलाट में स्नेह शिविर आयोजित
छतरपुर/25 जुलाई/बिजावर विकासखण्ड के ग्राम कुपी एवं गुलाट में सुपोषण अभियान के तहत स्नेह शिविर का आयोजन किया गया। शिविर के दौरान म.प्र. पोषण परियोजना केयर इंडिया, छतरपुर के जिला परियोजना समन्वयक अजित कुमार भी उपस्थित रहे। उन्होंने शिविर में शामिल बच्चों की माताओं एवं उपस्थित ग्रामीणों से चर्चा के दौरान कहा कि जब तक समाज एवं हमारे परिवारों में लिंग आधारित भेदभाव को खत्म नहीं किया जायेगा, कुपोषण को खत्म करना बहुत मुश्किल है, इसके साथ ही जब तक बच्चों को उनकी उम्र के अनुसार उचित भोजन नहीं मिलेगा तब तक हमें इस कार्य में सफलता मिलना कठिन है। इसी तरह जब तक बच्चों को घर पर बना भोजन परिवार के सदस्य अपनी निगरानी में पूर्ण स्वच्छता के साथ नहीं देगें, तब तक म.प्र. को कुपोषण मुक्त करने का सपना मात्र सपना ही रह जायेगा। उन्होंने कहा कि बच्चे के देखभाल की जिम्मेदारी सिर्फ मां की नहीं अपितु पूरे परिवार की है। इस दिशा में ज्यादा काम की जरूरत है। पोषण परियोजना के ब्लाक समन्वयक गौरव शर्मा ने जीवन चक्र के आधार पर प्रथम 1000 दिनों तक मां एवं बच्चे की देखभाल एवं पोषण पर विशेष ध्यान देने को कहा तथा बताया कि किस प्रकार हम अनजाने में ही सही पर किशोरावस्था से ही बालिकाओं के पोषण के साथ खिलवाड़ करना शुरू कर देते हैं, इस कारण से किशोरी कमजोर रहती है और वही कमजोर किशोरी जब आगे चलकर शादी के बाद बच्चे को जन्म देती है तो एक अस्वस्थ शिशु का जन्म होता है। सुपोषण अभियान वर्तमान कुपोषण को खत्म करने के उद्देश्य से चलाये जा रहे हैं। स्नेह शिविर में पर्यवेक्षक गीता भटनागर एवं अरूणा खरे ने अपने-अपने शिविरों की जानकारी दी एवं महिलाओं से प्रतिदिन शिविर में समय पर आने को कहा।
मैनेजर, कैशियर सहित 9 लोगों की जमानत नामंजूर
छतरपुर। नगर के आईसीआईसीआई बैंक में नकली गोल्ड लोन के मामले में बैंक के शाखा प्रबंधक समेत कुल 9 लोगों की जमानत याचिकाओं को अदालत ने खारिज किया है। जमानत याचिकाओं में तीन आरोपी जेल में है, जबकि छ: आरोपी फिलहाल पुलिस गिरफ्त से बाहर बताए गए है। आईसीआईसीआई बैंक में विगत 15 मई 2013 से 31 मई 2014 के दौरान 156 गोल्ड लोन के मामले स्वीकृत किए गए थे, जिनमें से 68 लोन मामलों में 1 करोड़ 26 लाख 537 रूपए का ऋण बैंक प्रबंधन की मिली भगत से नकली सोना रखकर दिया गया था। मामले का खुलासा होने के बाद 68 ऋण प्रकरणों में 49 लोगों के खिलाफ सिटी कोतवाली पुलिस ने आईपीसी की धारा 418, 420, 406, 120बी, 467, 468 के तहत जुर्म दर्ज किया था। गोल्ड लोन मामले में जिन 10 लोगों को सिटी कोतवाली पुलिस ने आरोपी बनाया था वे मुख्य आरोपियों के मोहरे मात्र थे। बकाया आरोपी आज भी पुलिस गिरफ्त से बाहर है। इस मामले में बैंक के शाखा प्रबंधक बृजेंद्र सिंह गौर, कैशियर वरूण साहू, खातों से संबंधित दस्तावेज चैक करने बाला कर्मचारी कुंजन जायसवाल समेत लोन लेने वाले क्रांतिवन गोस्वामी, शुभम अग्रवाल, संजीव गुप्ता ने अग्रिम जमानत की याचिका और जेल में बंद दुर्गाप्रसाद, कृष्णगोपाल पचौरी और अरविंद पचौरी ने अपनी जमानत याचिकाएं अदालत में पेश की थी। चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश कृष्णमूर्ति मिश्र की अदालत ने सभी जमानत याचिकाओं में सुनवाई की और मैनेजर सहित 9 लोगों की अपराध में संलिप्ता पाये जाने पर जमानत याचिकाएं खारिज कर दी है। ज्ञात हो कि पिछले दिनों सीएसपी डीएस परिहार ने दावा किया था कि गोल्ड लोन प्रकरण में फरार आरोपियों के खिलाफ इनाम घोषित करने की प्रक्रिया जारी है। अभी तक पुलिस ने किसी भी फरार आरोपी के खिलाफ इनाम घोषित नहीं किया है।
मैनेजर, कैशियर सहित 9 लोगों की जमानत नामंजूर
- आईसीआईसीआई बैंक में सवा करोड़ के गोल्ड लोन घोटाले का मामला
छतरपुर। नगर के आईसीआईसीआई बैंक में नकली गोल्ड लोन के मामले में बैंक के शाखा प्रबंधक समेत कुल 9 लोगों की जमानत याचिकाओं को अदालत ने खारिज किया है। जमानत याचिकाओं में तीन आरोपी जेल में है, जबकि छ: आरोपी फिलहाल पुलिस गिरफ्त से बाहर बताए गए है। आईसीआईसीआई बैंक में विगत 15 मई 2013 से 31 मई 2014 के दौरान 156 गोल्ड लोन के मामले स्वीकृत किए गए थे, जिनमें से 68 लोन मामलों में 1 करोड़ 26 लाख 537 रूपए का ऋण बैंक प्रबंधन की मिली भगत से नकली सोना रखकर दिया गया था। मामले का खुलासा होने के बाद 68 ऋण प्रकरणों में 49 लोगों के खिलाफ सिटी कोतवाली पुलिस ने आईपीसी की धारा 418, 420, 406, 120बी, 467, 468 के तहत जुर्म दर्ज किया था। गोल्ड लोन मामले में जिन 10 लोगों को सिटी कोतवाली पुलिस ने आरोपी बनाया था वे मुख्य आरोपियों के मोहरे मात्र थे। बकाया आरोपी आज भी पुलिस गिरफ्त से बाहर है। इस मामले में बैंक के शाखा प्रबंधक बृजेंद्र सिंह गौर, कैशियर वरूण साहू, खातों से संबंधित दस्तावेज चैक करने बाला कर्मचारी कुंजन जायसवाल समेत लोन लेने वाले क्रांतिवन गोस्वामी, शुभम अग्रवाल, संजीव गुप्ता ने अग्रिम जमानत की याचिका और जेल में बंद दुर्गाप्रसाद, कृष्णगोपाल पचौरी और अरविंद पचौरी ने अपनी जमानत याचिकाएं अदालत में पेश की थी। चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश कृष्णमूर्ति मिश्र की अदालत ने सभी जमानत याचिकाओं में सुनवाई की और मैनेजर सहित 9 लोगों की अपराध में संलिप्ता पाये जाने पर जमानत याचिकाएं खारिज कर दी है। ज्ञात हो कि पिछले दिनों सीएसपी डीएस परिहार ने दावा किया था कि गोल्ड लोन प्रकरण में फरार आरोपियों के खिलाफ इनाम घोषित करने की प्रक्रिया जारी है। अभी तक पुलिस ने किसी भी फरार आरोपी के खिलाफ इनाम घोषित नहीं किया है।

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