दुनिया के विश्वविद्यालयों में भारत का नहीं होना अखरता है : राष्ट्रपति - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 26 जुलाई 2014

दुनिया के विश्वविद्यालयों में भारत का नहीं होना अखरता है : राष्ट्रपति




pranab mukherjii in raipur
राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी का कहना है कि दुनिया के शीर्ष 200 विश्वविद्यालयों में भारत का कोई भी विश्वविद्यालय नहीं होना अखरता है। बेहतर साधन और सुविधाओं के बावजूद यह स्थिति है। पं.रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर के 20वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए मुखर्जी ने कहा कि 1500 साल पहले यह हालत नहीं थी तब तक्षशिला और नालंदा जैसे विश्वविद्यालय हुआ करते थे। उन्होंने कहा कि हमें उस दौर को हासिल करना है। इसके लिए उन्होंने आधारभूत ढांचे में बदलाव की जरूरत बताई।

राष्ट्रपति छत्तीसगढ़ की प्रमुख समस्या नक्सलवाद पर कुछ नहीं बोले अलबत्ता उन्होंने छत्तीसगढ़ के ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व का उल्लेख करते हुए कहा कि इन संसाधनों का भरपूर दोहन किया जाना चाहिए। इससे पहले यहां पहुंचने पर प्रदेश के राज्यपाल बलराम जी दास टंडन और मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह सहित अनेक मंत्रियों, जनप्रतिनिधियों और प्रबुद्ध नागरिकों सहित वरिष्ठ अधिकारियों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।

समारोह में 57 छात्रों को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए।। इनमें से 15 छात्रों को राष्ट्रपति के हाथों स्वर्ण पदक दिए गए। बाकी छात्रों को राज्यपाल, मुख्यमंत्री व अन्य अतिथियों के हाथों स्वर्ण पदक दिए गए। साथ ही 157 विद्यार्थियों को कुलपति डॉ.एसके पांडेय ने पीएचडी उपाधि से सम्मानित किया।

उल्लेखनीय है कि इस साल 184 छात्रों को पीएचडी दी जानी थी लेकिन इनमें से 157 विद्यार्थी ही दीक्षांत में उपस्थित होकर पीएचडी ली। इसी तरह कुल 77 छात्रों को स्वर्ण पदक दिया जाना था लेकिन 57 ने ही दीक्षांत में शामिल होकर पदक ग्रहण किए।

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