सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को सहारा समूह के चेयरमैन सुब्रत रॉय की 40 दिनों तक पैरोल पर रिहा करने की याचिका खारिज कर दी। रॉय ने विदेश में स्थित तीन होटलों को बेचने के लिए पैरोल मांगी थी ताकि वे निवेशकों का पैसा लौटने के लिए 10,000 रुपये जुटा सकें। निवेशकों को आंशिक भुगतान के लिए 10,000 करोड़ रुपये जुटाना, राय और उनके दो निदेशकों की जमानत पर छूटने की शर्त भी है।
न्यायमूर्ति टी. एस. ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि संपत्ति बेचने के बारे में अदालत के सामने ठोस प्रस्ताव सामने आने के बाद उसकी जांच की जाएगी और तब उन्हें हस्तांतरण के लिए सुबह 10 से शाम चार बजे तक के लिए छोड़ा जाएगा। न्यायमूर्ति ठाकुर का आदेश आने के बाद रॉय के वकील राजीव धवन ने अदालत से कहा कि इस आदेश उन्हें 'गहरी पीड़ा' हुई है। शीर्ष अदालत ने चार जुलाई को रॉय की याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।
सहारा की विदेश में तीन संपत्तियों में उसके तीन होटल, लंदन में ग्रोसवेनोर हाउस होटल और न्यूयार्क में न्यूयार्क प्लाजा और ड्रीम न्यूयार्क होटल हैं। निवेशकों का पैसा लौटाने के बारे में 31 अगस्त, 2012 और पांच दिसंबर, 2012 को शीर्ष अदालत के आदेश को पूरा नहीं करने के कारण रॉय और दो निदेशक रविशंकर दुबे एवं अशोक रॉय चौधरी चार मार्च से ही हिरासत में हैं। 2012 के आकलन के मुताबिक, सहारा को निवेशकों के 24,000 करोड़ रुपये लौटाने हैं।

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