उत्तराखंड को रेल बजट से न खुशी मिली न मिला गम
- जनोन्मुखी और अर्थोन्मुखी है रेल बजटःनिशंक
- भाजपा ने उत्तराखंड की जनता के साथ किया विश्वासघात: कांग्रेस
देहरादून, 8 जुलाई (राजेन्द्र जोशी ) । केन्द्र सरकार के रेल बजट से भले ही उत्तराखंड को कुछ खास न मिला हो लेकिन इस बजट में चार धामों को जोड़ने वाली घोषणा ने उत्तराखंड को कोई खास खुशी तो नहीं दी लेकिन नाराज भी नहीं किया। राज्य के चार धामों को जोड़ने वाली और पर्वतीय क्षेत्र की ’’लाइफलाइन‘‘ कहलाये जाने वाली सड़क तो आपदा के साल बाद भी ठीक नहीं हो पाई है ऐसे में केन्द्रीय रेल मंत्री का राज्य के चार धामों को देश की ’’लाइफलाइन‘‘ से जोड़ने का मकसद क्या है यह तो समझ से परे है, लेकिन आजादी के 67 साल के बाद भी राज्य के तराई के इलाकों के जिन क्षेत्रों तक रेल अंग्रेज पहुंचा गए थे। राज्यवासी आज भी दार्जिलिंग वासियों की तरह पर्वतीय क्षेत्र में रेल के आने का सपना देख रहे है। रेल बजट पर पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद हरिद्वार डा रमेश पोखरियाल निशंक ने रेल बजट को सराहनीय तथा जन उपयोगी की संज्ञा देते हुए कहा कि आजादी के बाद पहली बार ऐंसा बजट आया है जो कि जनोन्मुखी और अर्थोन्मुखी है। विकास मंे रेल की भूमिका महत्वपूर्ण है और नयी तकनीक और पररदर्शिता के समावेश से निश्चित तौर पर कहा जा सकता है कि सरकार ने भारतीय रेल को शिखर पर पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित कर दिया है। पहली बार इस बजट में जो व्यवस्थायें की गयी वह वह आम आदमी के लिए बहुददेशीय साबित होंगी। बजट में न तो यात्री किराया बढाया गया है और न ही माल भाडे में वृद्वि की गयी है। उत्तराखंड के लिए तो यह बजट काफी लाभकारी साबित होने जा रहा है। इसका कारण इस बजट में पुरानी योजनाओं का समायोजन तथा नयी योजनाआंे को तरजीह दिया जाना है। तीर्थ स्थलों के लिए नयी गाडी की व्यवस्था सराहनीय पहल है। रामेश्वरम से हरिद्वार के लिए नयी गाडी की व्यवस्था की गयी है तो वहीं बजट में बद्रीनाथ और केदारनाथ तक रेल लाइन के सर्वे को भी हरी झंडी दी गयी है। उत्तराखंड रेल सेवा में पहले ही अन्य प्रदेशों से पिछडा है और इसी संदर्भ में पिछले दिनों कुछ सांसदों ने रेल मंत्री से भेंट कर उत्तराखंउ को तरजीह देने की अपेक्षा जतायी थी। रेल मंत्री ने भी जन भावनाओं को देखते हुए यह बात स्वीकारी है जो कि उत्तराखंड के लिए विशेष माना जाएगा। वहीं नेता प्रतिपक्ष श्री अजय भट्ट ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार यदि रेलवे बजट में किसी ने उत्तराखण्ड का ध्यान रखा तो मोदी सरकार ने रखा। चार धामों को रेलवे लाईन से जोड़ना अपने आप में एक सराहनीय कदम है, इससे उत्तराखण्ड की पूरी तस्बीर बदल जायेगी। केन्द्र सरकार के इस कदम से उत्तराखण्ड के अलावा देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों एवं तीर्थयात्रियों को भी प्रत्यक्ष रूप से फायदा होगा तथा स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने 2014 के रेल बजट में उत्तराखण्ड को हरिद्वार से रामेश्वरम्् तक विशेष टेªन का तोहफा दिया है, जिससे तीर्थयात्रियों के साथ-साथ आम जनता को भी इसका फायदा मिलेगा तथा रामनगर से आगरा तक सीधे टेªन चलने से उत्तराखण्ड में पर्यटकों का आवागमन बढ़ेगा तथा कार्बेट पार्क एवं पहाड़ घूमने आने वाले लोगों की संख्या में बृद्धि होने से स्थानीय लोगों की आय में भी बृद्धि होगी। भट्ट ने कहा कि मोदी सरकार ने देश में कई स्थानों के लिए बुलेट टेªन, हाई स्पीड टेªन एवं सेमी स्पीड टेªन चलाने की घोषणा की है, जिससे एक स्थान से दूसरे स्थान पर आसानी से एवं बहुत ही कम समय में पहुॅचा जा सकेगा। उधर कांग्रेस की प्रवक्ता शिल्पी अरोड़ा ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुये कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार के पहले रेल बजट में उत्तराखण्ड की जनता को केवल निराशा हाथ लगी है। उन्हांेने कहा कि रेल बजट में उत्तराखण्ड को हाथ लगी निराशा पर राज्य के पांचों सांसद जवाब दे। उन्होंने कहा कि आज भले ही रेल बजट में किराये वृद्धि की घोषणा न की गई हो, लेकिन जनता को गुमराह कर रेल किराये में वृद्धि की जायेगी। रेल मंत्री ने बोला है कि अब डीजल और पेट्रोल की दरों पर रेल किराया निर्भर होगा, इसका मतलब कि रेल किराये में जनता को बिना बताये कभी भी वृद्धि होगी, जो जनता के साथ धोखा है। उन्होंने कहा कि राज्य की जनता ने भाजपा पर विश्वास कर यहां की पांचों सीटों से भाजपा उम्मीदवारों को जिताया। लेकिन केन्द्र की भाजपा सरकार ने उत्तराखण्ड की जनता के साथ विश्वासघात किया है। उन्होंने कहा रेल बजट में केवल बद्रीनाथ-केदारनाथ रेल लाइन के सर्वेक्षण की बात कही गई है, इसके अलावा देश के 9 बड़े शहरों को फास्ट ट्रैक से जोड़ने की बात की गई, जिसमें देहरादून का नाम शामिल नही है, जबकि देहरादून पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण शहर है।
मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य कामना के लिये किया महामृत्युंजय यज्ञ
देहरादून, 8 जुलाई (निस)। प्रदेश के मुख्यमंत्री हरीश रावत के शीघ्र ही स्वस्थ होने के लिए कांग्रेसियांे ने महामृत्युंज्य यज्ञ किया और उनके दीर्घायु की कामना की है। इस दौरान पंडित शशि बल्लभ शास्त्री ने विधिविधान से यज्ञ कराया। यहां पंचायती मंदिर में बडी संख्या में कांग्रेस जन इकट्ठा हुए और वहां पर उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री हरीश रावत के शीघ्र ही स्वस्थ होने की कामना के लिए महामृत्युंज्य यज्ञ किया और उनके दीर्घायु होने की कामना की। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि बीते दिनों प्रदेश के मुख्यमंत्री हरीश रावत के हैलीकाप्टर दुर्घटना में गले की हडडी टूट गई थी और जिससे वह दिल्ली स्थित एम्स में अपना ईलाज करा रहे है। उनका कहना है कि हालांकि उनका काफी ईलाज हो चुका है और अब वह काफी स्वस्थ है। उनका कहना है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री के यहां पर न रहने से विकास कार्यों की गति धीमी हो गयी है और आज उनके निर्देशन में इस गति को सुचारू करने की जरूरत है, उनका कहना है कि प्रदेश के विकास के लिए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने जो गंगा बहाई है, अब तक अन्य सरकारों ने इस दिशा में कार्य नहीं किये है। उनका कहना है कि कांग्रेस प्रदेश के विकास के लिए ंकल्पबद्ध है और उसी के अनुरूप कार्य किये जा रहे है। इस दौरान महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष सरोजनी कैंतुरा, लालचन्द शर्मा, जोत सिंह बिष्ट, कमलेश रमन, मीना रावत, ममता गुरूंग, कमला देवी, निर्मला रावत, कृष्णा चैधरी, दामेश्वरी देवी, गायत्री देवी, बबली, बबीता, सविता, प्रजापति, उर्मिला गुप्ता, गीता गोयल, कृष्णा देवी, जयावती, सावित्री भारती
आदि मौजूद थे।
सरकार से नाराज समीक्षा अधिकारी गए दो दिन की छुट्टी पर
देहरादून, 8 जुलाई (निस)। उत्तराखंड सचिवालय समीक्षा अधिकारी संघ के आव्हान पर अपनी मांगों के समाधान के लिए समीक्षा अधिकारी दो दिवसीय सामूहिक अवकाश पर चले गये है जिससे सचिवालय में कामकाज प्रभावित हो गया और अध्किारियों के साथ ही साथ जनता को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यहां उत्तराखंड सचिवालय समीक्षा अधिकारी संघ के आव्हान पर अपनी मांगों के समाधान के लिए समीक्षा अधिकारी दो दिनी सामूहिक अवकाश चले गये है। वहीं सचिव सचिवालय प्रशासन पी एस जंगपांगी ने भी समीक्षा अध्किारियों से अपील की थी कि वह ऐसा कदम न उठाये उनकी मांगों पर कार्यवाही गतिमान है और शीघ्र ही समाधान कर लिया जायेगा, लेकिन नियत समय पर समीक्षा अध्किारियों की मांगों पर कार्यवाही नहीं हो पाने से वह सामूहिक अवकाश पर चले गये है। इस दौरान संघ के महासचिव दीपक जोशी ने कहा है कि उनकी लंबित मांगों को उठाते हुए छह माह हो गये है लेकिन आज तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया है जिससे समीक्षा अधिकारियों में रोष बना हुआ है। उनका कहना है कि लगातार संघर्ष करने के बाद भी लंबित मांगों पर कार्यवाही नहीं की जा रही है। उनका कहना है कि समीक्षा अधिकारियों के मामले को लगातार लटकाया जा रहा है और जिसके चलते हुए रोष बना हुआ है। उनका कहना है कि सचिवालय सचिव पी एस जंगपांगी ने अपने पत्र में कहा कि उनकी 16 अतिरिक्त अनुभाग सृजित करने का मामला मंत्रीमंडल उप समति के पास है और दो बार समिति की बैठक बुलाई गई है लेकिन अचानक स्थगित हो गई थी, समीक्षा अधिकारियों के रिक्त पदां पर सहायक समीक्षा अधिकारियों को प्रोन्नति में छूट देने संबंधी प्रस्ताव लोक सवा आयोग को भेजा गया है, सचिवालय कर्मियों को केन्द्र सरकार की भांति ग्रेड वेतन के आधार पर परिवहन भत्ता अनुमन्य देने का मसला वित्त विभाग में विचाराधीन है, उनका कहना है कि आरओ एवं एआरओ की ज्येष्ठता सूची जारी कर दी है जबकि कंप्यूटर आॅपरेटरों को भी सीयूजी सिम कार्ड की सुविध देने संबंधी मांग विता विभाग को भेजी जा चुकी है, लेकिन समीक्षा अध्किारियों ने इस पत्र के अनुरोध को मानने से इंकार कर दिया और कहा कि छह माह से अध्कि समय हो गया है लेकिन आज तक इस ओर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही लगातार झूठ आश्वासन दिये जा रहे है जिससे उनमें रोष बना हुआ है। उनका कहना है कि आंदोलन को तेज किया जायेगा।
सांगवान के साले के घर की हुई कुर्की
देहरादून, 08 जुलाई (निस)। वॉटर पार्क के मालिक व हरियाणा के पूर्व सांसद पुत्र सांगवान के मामलें में पुलिस ने उसके साले के घर की कुर्की की कार्यवाही कर दी है। बताया जा रहा है कि आरोपी प्रदीप सांगवान के साले अजय भान ने प्रदीप व आरोप लगाने वाले युवती के बीच मामले को लेकर सौदेबाजी को लेकर डील कराई थी। इस मामलें में पुलिस लगातार उसकी गिरफ्तारी के प्रयास किये हुए थे लेकिन अभी तक उसकी गिरफ्तारी न होने से अब पुलिस को उसके घर की कुर्की करनी पड़ी। इधर प्रदीप सांगवान ने शनिवार को दून की अदालत में सरेंडर करने का प्रयास किया था लेकिन कोर्ट ने उसकी जमानत याचिका पर विचार ही नहंी किया। जानकारी के अनुसार एसआईटी ने मंगलवार को प्रदीप सांगवान के साले अजय भान के नयाबाग स्थित घर की कुर्की की है। इस दौरान एसआईटी द्वारा दिल्ली पुलिस की मदद भी ली गई है। मालूम हो कि सहस्त्राधारा में जॉयलैंड वाटर पार्क चलाने वाले प्रदीप सांगवान पर इसी वॉटर पार्क में काम करने वाली युवती का शारीरिक शोषण और वीडियो क्लीप बनाकर ब्लैकमेल करने का आरोप है। इस मामलें में पुलिस जांच कर रही थी कि इस दौरान पुलिस को युवती व प्रदीप सांगवान के बीच मामले को लेकर सौदेबाजी होने की बात मालूम हुई। जांच आगे बढ़ती गई और मामले से पर्दा हटाते प्रदीप सांगवान के साले अजय भान की बिचैलियों के रूप में भूमिका सामने आई। बताया जा रहा है कि अजय भान ने प्रदीप सांगवान व युवती के बीच मामला वापस लेने के लिए डील कराई गई थी। इधर दून पुलिस ने एक बड़ा खुलासा करते हुए यौन शोषण का शिकार हुई महिला को भी जेल भेजा है। महिला पर इस मामले में प्रदीप सांगवान को ब्लेकमेल कर लाखों की रकम व मकान लेने की बात सामने आई थी। मामलें में महिला समेत दो अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया था जो कि ब्लेकमेलिंग के लिए पीडि़त महिला की मदद कर रहे थे बिचैलियों की भूमिका निभा रहे थे। इन्हीं बिचैलियों में से एक प्रदीप सांगवान के साले अजय भान को एसआईटी लंबे समय से तलाश रही है। हालांकि अब तक अजय पुलिस के हाथ नहीं लगा है। इधर पुलिस ने कुछ समय पूर्व ही उसके नयाबाग नई दिल्ली स्थित आवास की कुर्की करने के लिए कोर्ट में आवेदन किया था, जिसकी मंजूरी मिलने के बाद उसके घर पर नोटिस चस्पा किया गया लेकिन बावजूद इसके अजय अब तक पुलिस के हाथ नहीं लगा। मंगलवार को एसआईटी ने दिल्ली पुलिस के सहयोग से अजय भान के मकान की कुर्की कर दी।
पर्यटन में नई योजनाओं को शुरू किये जाये: धनै
देहरादूनः 8,जुलाई (निस)। पर्यटन के विकास के उद्देश्य से राज्य पर्यटन मंत्री दिनेश धनै ने केन्द्रीय पर्यटन मंत्री श्री श्रीपद यसो नाईक से मुलाकात कर कई योजनाओं को स्वीकृत करने पर विचार विर्मश किया। मंत्री दिनेश धनै, ने राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार से विशेष छूट प्रदान करने व नई योजनाओं के स्वीकृति का प्रस्ताव किया गया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार, पर्यटन मंत्रालय द्वारा जो भी योजनायें स्वीकृत की जाती हैं, उनको पूर्ण करने की समय सीमा 02 वर्ष निर्धारित है। उत्तराखण्ड की भौगोलिक परिस्थितियों के कारण वर्ष में मात्र 4-5 माह ही निर्माण कार्य कराया जाना सम्भव हो पाता है। प्राविधान के अनुसार विशेष परिस्थितियों को देखते हुए स्वीकृत योजनाओं के कार्य पूर्ण होने की समयावधि 02 वर्ष से बढ़ाकरण 4 से 5 वर्ष किये जाने का प्रस्ताव किया गया। इसके साथ ही उन्होंने समयावधि बढाये जाने की दशा में राज्य सरकार को दी जाने वाली केन्द्रीय अनुदान धनराशि दिये जाने का प्रस्ताव भी दिया गया जिसमें उत्तराखण्ड के मैदानी क्षेत्रो हेतु प्रथम किश्त 80 प्रतिशत व द्वितीय किश्त 20 प्रतिशत तथा उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों हेतु प्रथम किश्त 20 प्रतिशत द्वितीय किश्त 60 प्रतिशत तथा तृतीय किश्त 20 प्रतिशत किया जाय। उन्होंनेे अवगत कराया कि उत्तराखण्ड के विभिन्न नदियों में राफ्टिंग की जा रही है, जिसमें गंगा नदी पर की जा रही राफ्टिंग विश्व प्रसिद्ध है। इस क्षेत्र में तकनीकी विशेषज्ञ प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु राष्ट्रीय जल क्रीड़ा संस्थान गोवा की तर्ज पर टिहरी/ऋषिकेश में जल क्रीड़ा खोलने का प्रस्ताव भी उनके द्वारा दिया गया। उन्होंने कहा कि वर्तमान केन्द्रीय सरकार द्वारा पर्यटन के क्षेत्र में मानव कौशल के विकास हेतु आतिथ्य विश्वविद्यालय खोलने की पहल को दृष्टिगत रखते हुए उक्त विश्वविद्यालय को उत्तराखण्ड में स्थापित किए जाने की पुरजोर मांग की। अन्य प्रदेशों से प्रतिस्पद्र्धा करने तथा आई आपदा के पश्चात प्रचार-प्रसार के महत्व को दृष्टिगत रखते हुये पर्यटन प्रचार-प्रसार हेतु पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार से अनुदानस्वरूप रू0 20.00 करोड़ की धनराशि स्वीकृत करने का प्रस्ताव किया गया। पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार की पहल पर हरकी पैड़ी की साफ-सफाई का प्रोजेक्ट तैयार कर पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार को भेजा जाना है। यह कार्य सामाजिक दायित्व के तहत बी.एच.ई.एल. द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा।
मेयर नेे अंडरग्राउंड नाले का निरीक्षण किया
देहरादून, 8 जुलाई (निस)। मेयर विनोद चमोली ने मंगलवार को टर्नर रोड-मोथरोवाला में बरसाती पानी की निकासी के लिए बन रहे अंडरग्राउंड नाले का निरीक्षण किया। इस दौरान नाले को बना रही कार्यदायी संस्था जल निगम के काम से मेयर संतुष्ट नजर आए। मेयर चमोली ने माना है कि बरसाती नाला सितंबर तक बनकर तैयार हो जाएगा। इस नाले के बनने से क्षेत्र की जनता को बरसाती पानी से राहत मिलेगी। टर्नर रोड-मोथरोवाला में बरसात में पानी भर जाता है। ये बरसात पानी लोगों के घरों में घुस जाता है। हर साल बरसात में यहां रहने वाले लोगों के लिए मुश्किल हो जाती है। इस कारण स्थानीय लोग कई बार मेयर विनोद चमोली से मिलकर डेªेनेज सिस्टम बनाने की मांग कर चुके थे। लोगों की मांग पर जल निगम की ओर से टर्नर रोड-मोथरोवाला में बरसाती पानी की निकासी के लिए डेªनेज मेयर ने किया टर्नर रोड-मोथरोवाला ड्रेनेज प्लान का निरीक्षण सिस्टम बनाया जा रहा है। इस क्षेत्र में तीन किलोमीटर लंबा अंडरग्राउंड नाला तैयार किया जा रहा है। आज इस अंडरग्राउंड नाले में पाईप डलने थे। इसलिए मेयर विनोद चमोली ने जल संस्थान, नगर निगम, पीडब्ल्यूडी और एडीबी की टीम के साथ मौके पर पहुंचकर उसका निरीक्षण किया। मेयर विनोद चमोली ने बताया कि इस डेªनेज सिस्टम के तैयार होने से क्षेत्र के सभी लोगों को राहत मिलेगी। उन्होंने बताया कि इसके निर्माण का दिसंबर तक का समय है। बावजूद इसके जल निगम के तेजी से काम करने की वजह से यह दो माह के भीतर बनकर तैयार हो जाएगा। उन्होंने बताया कि जल निगम का कार्य संतोषजनक मिला।
13 को होगा गोर्खाली सभा का काव्यपाठ
देहरादून, 8 जुलाई (निस)। सुप्रसिद्ध आदिकवि आचार्य भानुभक्त की जयंती के उपलक्ष्य पर गोर्खाली सुधार सभा भवन में हरितालिका तीज कमेटी व देहरादून के गोरर्खा समाज की सामाजिक एवं राजनीतिक महिलाओं द्वारा गोरखा सुधार सभा गढ़ी कैंट में भव्य श्रीमद भागवत कथा का आयोजन किया गया है जो 6 जुलाई से लेकर 12 जुलाई तक चलेगी एवं 13 जुलाई को आदिकवि आचार्य भानुभक्त की २०० वीं जयंती पर काव्यपाठ के साथ समाप्त होगी.सत्य के प्रति अटल निष्ठां रखते हुए विष्णु की आराधना करते हुए पांच वर्षीया बालक ध्रुव ने परमात्मा का साक्षात्कार किया। प्रहलाद ने भी सतत स्मरण भक्ति के द्वारा भगवत प्राप्ति की अजामिल जैसे पापी और दुराचारी की बुद्धि शुद्ध हुयी और पाप कर्म से विरत होकर प्रभु आराधन,नाम संकीर्तन में लगा भागवत सत्य की अनुभूति कराता है भगवान के पावन चरित्र को ही भागवत कहते हैं आचार्य भानुभक्त ने नेपाली भाषा में सरल और सुबोध शैली में पद्यात्मक रामायण कीं रचना की और वह रामायण अनपढ़ अशिक्षित , विद्वान सभी का , जन जन का गीत बना राम भक्ति पूर्ण कथा की वह शैली अद्भुत है जो गोर्खाली समुदाय के द्वारा अपनी भाषा में गया जाता है वह नेपाली आदि कवि भानभक्त विरचित भानुरामायण ही है प्रेम भक्ति नैतिकता सद्धर्म पालन के साथ समस्त मानव समाज के उत्थान हेतु मार्गदर्शन करता है कथावाचक आचार्य बसंत राज ने बताया की इस भागवत कथा के वाचन में वह आदिकवि आचार्य भानुभक्त द्वारा लिखित नेपाली सरल भाषा में रामायण के प्रसंगो पर भी चर्चा करेंगे और उनका वाचन कर श्रोताओं को अपनी लोकसंस्कृति के प्रति जागरूक करने की कोशिश करेंगे. उन्होंने व्यथित होते हुए कहा है की जिस तरह हिन्दू समाज का युवा बड़ी तेजी से पश्चिमी सभ्यता की और सिर्फ आकृष्ट ही नहीं हो रहा है बल्कि भाग रहा है वह हमारी संस्कृति के लिए बेहद घातक है इसलिए हमें हर संभव अपनी संस्कृति की रक्षा के लिए वचनबद्ध होना पड़ेगा वरना हम भी यूनान मिस्र और रोम जैसे देशो की तरह जड़ से मिट जाएंगे।
आयोजित नहीं होगा मैय्याझाड़ा मेला
उत्तरकाशी, 8 जुलाई (निस)। मैय्याझाड़ा मेला न केवल लोगों की आजीविका से जुड़ा हुआ है, बल्कि सुख, शांति और समृद्धि का प्रतीक भी है। जिले के सिरोर गांव के लोग रोपाई के बाद मेले का आयोजन करते थे, लेकिन दैवी आपदा में क्षतिग्रस्त पंपिंग योजना की मरम्मत नहीं होने से इस बार गांव में रोपाई नहीं हो पाएगी। जिससे गांव के लोग मैय्याझाड़ा मेला भी आयोजित नहीं करेंगे। धान की रोपाई संपन्न होने के बाद पहाड़ के अधिकांश गांवों में मैय्याझाड़ा मेला मनाया जाता है। सिरोर गांव के नाग देवता मंदिर में भी यह मेला धूमधाम से मनाया जाता था। ग्रामीण हरि महाराज की पूजा-अर्चना के बाद जून के आखिरी सप्ताह से रोपाई शुरू कर देते थे, जो जुलाई आखिर तक संपन्न हो जाती थी। ग्रामीणों की एक माह की कड़ी मेहनत से गांव के खेतों में हरियाली रहती थी। तब ग्रामीण एक दिन हरे-भरे खतों में बीच में नाग देवता मंदिर में मैय्याझाड़ा मेला मनाते थे। मेले में दूसरे गांवों में ब्याही गई गांव की बेटियों के साथ गांव से बाहर रहने वाले परिवार भी शिरकत करते थे। मंदिर परिसर में देव डोलियों का नृत्य होता था। किसान देवताओं से अच्छी फसल और गांव में सुख-शांति की कामना करते थे। गांव के लोगों का कहना है कि वर्ष 1074 में गांव के गदेरे एवं प्राकृतिक स्रोतों का पानी मनेरी भाली प्रथम चरण परियोजना की सुरंग में समा गया था। गांव के आधे खेतों की सिंचाई के लिए पंपिंग योजना बनाई गई, लेकिन वह भी पिछले वर्ष आपदा की भेंट चढ चुकी है। पानी न होने के चलते रोपाई नहीं हो सकी, अब रोपाई का समय निकल चुका है। ऐसे में इस बार गांव में जब रोपाई ही नहीं हुई, तो मैय्याझाड़ा मेले को कोई कैसे मनाये।
डुंगरी गांव को सडक सुविधा से जोडने की मांग
पौड़ी, 8 जुलाई (निस)। पैडलस्यूं पट्टी के डुंगरी गांव के ग्रामीणों ने शासन से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत गांव को सड़क सुविधा से जोड़ने की मांग की है। ग्रामीणों की बैठक में कहा गया कि गांव को सड़क सुविधा से जोड़ने हेतु वे कई बार शासन प्रशासन को पत्र भेज चुके है। लेकिन अभी तक गांव सड़क सुविधा से नहीं जुड़ पाया है। उन्होंने कहा कि गांव में सड़क सुविधा न होने से लोगों को खासी दिक्कतों से जूझना पड़ रहा है। लोगों का आने-जाने में परेशानी झेलनी पडती है जो बरसात में और अधिक बढ जाती है। बैठक में जसपाल सिंह नेगी, रेखा देवी, ईश्वर सिंह रावत, मीना देवी, बीरबल सिंह नेगी, गणेश नेगी, राजेंद्र सिंह बिष्ट, धनवीर सिंह रावत, दलीप रावत आदि मौजूद थे।
आकाश में बिजली कडकते ही हो जाते हैं भयभीत
गोपेश्वर, 8 जुलाई (निस)। मानसून की आहट के साथ ही पोखरी विकासखंड के हापला घाटी के दर्जनभर गांवों के लोग भयभीत हैं। आकाश में बिजली कड़कते ही ग्रामीण सुरक्षित स्थानों पर चले जाते हैं। पिछली आपदा में भी घाटी में व्यापक नुकसान हुआ था। इसका मुआवजा प्रशासन अभी तक नहीं बांट पाया है। जून 2013 में आपदा से हापला घाटी के पाटी, कलसीर, श्रीगढ़, डांडागैर, नौली, नैल, डाडों, मसोली, थलगढ़ आदि गांवों में व्यापक नुकसान हुआ था। ग्रामीणों की जहां 300 नाली से अधिक कृषि भूमि बह गई थी। वहीं, 40 से अधिक मकान भी क्षतिग्रस्त हुए थे। एक वर्ष बाद भी प्रशासन काश्तकारों व भवन स्वामियों को इसका मुआवजा नहीं दे पाया है। दो दर्जन से अधिक पैदल मार्ग भी आपदा की भेंट चढ़ गए थे। पैदल मार्गाे की बात करें तो जूनियर हाईस्कूल हंडोली तक जाने वाला पैदल मार्ग हंडोली के निकट 400 मीटर बह गया था। ग्रामीणों ने श्रमदान कर मार्ग का ठीक किया, लेकिन अब बारिश से यह मार्ग टूट गया है। नतीजन दर्जनों गांवों के छात्र छात्राएं स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। लोगों का कहना है कि उनके मकानों के पिछली आपदा में क्षतिग्रस्त होने के बाद वह एक वर्ष से इधर-उधर आसरा लिए हैं। वह एसडीएम से लेकर डीएम तक से मुआवजे की गुहार लगा चुके हैं, लेकिन मुआवजा नहीं मिला।
सडकों का मलबा बन रहा नदियों के लिये अभिशाप
पिथौरागढ़, 8 जुलाई (निस)। जीवनदायिनी नदियों के लिए अनियोजित ढंग से बन रही सड़कें भी अभिशाप हो रही हैं। प्रदेश में गत एक दशक में बनी करीब 25 हजार किलोमीटर सड़कों का लाखों टन मलबा इन्हीं नदियों में पड़ा हुआ है। जिससे नदियां की गति न केवल प्रभावित हो रही है वरन यह उन्हें छिछली बना आपदा को भी निमंत्रण दे रहा है। उत्तराखंड का बड़ा हिस्सा हिमालयी पर्वत श्रृंखलाओं में आता है और हिमालय दुनिया की सबसे नवीनतम पर्वत श्रृंखला है। हिमालय अभी भी बनने की प्रक्रिया में हैं। कमजोर पर्वत श्रृंखला में पिछले एक दशक में मनमाने ढंग से सड़कों का निर्माण हुआ है। सड़कों के निर्माण में ब्लास्टिंग किया जाता है, जिससे सैकड़ों टन मलबा पहाड़ों से टूटता है। एक अध्ययन के मुताबिक पहाड़ में एक किलोमीटर सड़क के निर्माण में करीब 25 हजार टन मलबा निकलता है। इस मलबे को चट्टानों से सीधे नीचे धकेला जाता है। जो पहाडि़यों से होता हुआ नदियों में समाता है। नदियां पहले ही अपने साथ बड़ी मात्रा में बोल्डर और रेत लाती हैं। ऊपर से बड़ी मात्रा में सड़कों के निर्माण का मलबा जाने से नदियों की स्वाभाविक गति प्रभावित होती है, जिससे नदियों के किनारे भू-कटाव होता है। इससे नदी के किनारे की बस्तियां तो प्रभावित होती ही हैं, जलीय जानवरों के तंत्र पर भी बुरा असर पड़ता है। गत वर्ष सीमांत जिले पिथौरागढ़ में आई आपदा में नदियों में जमा इसी मलबे के चलते तमाम बस्तियों में भारी तबाही हुई थी। पर्यावरण विशेषज्ञ सड़कों के मनमाने कटाव पर रोक लगाने और सड़कों से निकलने वाले मलबे के निस्तारण के लिए डंपिंग ग्राउंड बनाए जाने का सुझाव सरकार को दे चुके हैं, लेकिन लागत कम करने के चक्कर में सरकारों ने अभी तक इस दिशा में कोई पहल नहीं की है।
सप्लाई टैंकों के पानी में मानक से अधिक कोली फोर्म विषाणुओं की संख्या है घातक
रानीखेत/द्वाराहाट, 8 जुलाई (निस)। पहाड़ के अमृत सरीखे प्राकृतिक स्रोत अब विषैले होने लगे हैं। हलक तर करने के साथ ही ये स्रोत जानलेवा कोलाई (एस्केरेसिया कोलाई) वायरस की मात्रा लगातार बढ़ा रहे हैं। वहीं जल संस्थान के प्रमुख पेयजल टैंकों का पानी भी शुद्ध है, कोई गारंटी नहीं। विशेषज्ञों के अनुसार हेपेटाइटिस जैसे घातक रोग के जनक कोली फोर्म के विषाणुओं की वृद्धि में कुछ कमी तो आई है लेकिन एहतियात बरतने की सख्त जरूरत है। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के साथ ही अस्तित्व में आए एकीकृत रोग निगरानी परियोजना (आईडीएसपी) सूत्रों की मानें तो जिला मुख्यालय को छोड़ एपेडेमिक लिहाज से अतिसंवेदनशील क्षेत्रों पेयजल स्रोत की गुणवत्ता लगातार बिगड़ रही है। हालांकि वर्ष 209 के बाद पेयजल नमूनों की जांच नियमित नहीं हो सकी। इसके बावजूद सूत्र दावा करते हैं कि हवालबाग, ताड़ीखेत व सल्ट क्षेत्र के स्रोतों में घातक ई-कोलाई के वायरस की मात्रा मानक से कई गुना अधिक है। यही नहीं जल संस्थान के सप्लाई टैंकों के पानी में जानलेवा कोली फोर्म विषाणुओं की संख्या भी मानक से अधिक है। हालांकि क्लोरीनेशन व ब्लीचिंग के जरिए काफी हद तक नियंत्रण किया गया है। मगर फिर भी सरकारी पानी जलजनित रोगों के वाहक साथ ला रहा है।
बंद हो गयी बिरोजा फैक्ट्रियां
बागेश्वर, 8 जुलाई (निस)। पृथक उत्तराखंड राज्य निर्माण के बाद पर्वतीय क्षेत्रों में उद्योग स्थापित कर युवाओं को रोजगार देने के सरकार के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। सरकार यदि ईमानदारी से प्रयास करती तो जनपद की 24 बिरोजा फैक्ट्रियां बंद नहीं पड़ी होती। वन विभाग ने इन बिरोजा इकाइयों को पुनर्जीवित करने के कोई प्रयास भी नहीं किये। पर्वतीय क्षेत्र में चीड़ के पेड़ों से निकलने वाले लीसे पर आधारित उद्योग उत्तर प्रदेश के समय से संचालित हो रहे थे। इन बिरोजा फैक्ट्रियों के संचालन से कई लोगों को रोजगार भी मिल रहा था। पृथक उत्तराखंड राज्य निर्माण के बाद इन इकाइयों को प्रोत्साहन देने की बजाय इनकी उपेक्षा ही की गयी। आलम यह है कि बागेश्वर की 24 बिरोजा इकाइयां बंद हो गयी हैं। जिससे इनमें काम करने वाले मजदूर बेरोजगार हो गये हैं। वन विभाग के पास इन बिरोजा इकाइयों को पुनर्जीवित करने का कोई ठोस प्लान नहीं है। विभाग की उपेक्षा के चलते फिलहाल इन इकाइयों के दोबारा शुरू होने के आसार नहीं हैं।
बरसात में रोगों से निपटने को तैयारी में स्वास्थ्य महकमा
अल्मोड़ा, 8 जुलाई (निस)। बरसात के मौसम में जल जनित रोगों समेत कई अन्य रोगों का खतरा बना रहता है। अब पहाड़ में भी जल्द ही मानसून पहुंचने को है। ऐसे में मानसून के दौरान कई प्रकार की बीमारियां भी फैलती हैं। स्वास्थ्य महकमा अपर्याप्त संसाधनों के बावजूद बीमारियों से निपटने की तैयारी में है। वहीं चिकित्सक रोगों से बचाव के लिए जनता को आगाह कर रहे हैं। बरसात के मौसम में पानी की बौछार के साथ ही विविध रोग भी पैर पसार लेते हैं। चिकित्सीय राय में बरसात के मौसम में ज्यादातर खतरा जल जनित रोगों का रहता है। इस मौसम में ज्यादा रोगों की दस्तक का कारण विभिन्न बैक्टीरियां पनप जाने से होता है, क्योंकि बरसात का मौसम सभी प्रकार के बैक्टीरियां के लिए अनुकूल होता है। जिला मलेरिया अधिकारी अर्जुन सिंह राणा बताते हैं कि मलेरिया की आशंका इस मौसम में ज्यादा है, हालांकि अभी जिले में ऐसे मामले नहीं के बराबर हैं। फिर भी ऐसे प्रकोप से निपटने की तैयारी पूरी है और निगरानी की जा रही है। जिला चिकित्सालय के वरिष्ठ चेस्ट फिजीशियन डा. आरसी पंत ने मौसम के रोगों की जानकारी देते हुए बताया कि बरसात के मौसम में पूरी तरह एहतियात बरतना जरूरी है। बाद में इलाज कराने से सावधानियों व उपायों से रोगों को रोका जाना बेहतर है। पहाड़ में वायरल, पीलिया, डायरिया व मलेरिया की आशंका ज्यादा रहती है। डाक्टर कहते हैं बीमारियों के लक्षण व उपचार के बारे में लोगों में जानकारी होना भी जरूरी है।
मत्स्य पालन के जरिये लोग बन सकेंगे आत्मनिर्भर
अल्मोड़ा, 8 जुलाई (निस)। ग्रामीण और शहरी इलाकों में मत्स्य पालन को रोजगार का साधन बनाने के लिए प्रदेश सरकार मत्स्य पालन को बढ़ावा देने जा रही है। इसके लिए सरकार ने विभाग को स्पेशल कंपोनेंट प्लान के तहत तालाब निर्माण और इस व्यवसाय के व्यापक प्रचार प्रसार के निर्देश दिए हैं। बेरोजगारी की बढ़ती समस्या सरकार के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। ऐसे में ग्रामीण और शहरी इलाकों के लोग मत्स्य पालन से जुड़ सकें। इसके लिए सरकार ने मत्स्य विभाग को गंभीरता से प्रयास करने के निर्देश दिए हैं। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में मत्स्य पालन के लिए विभाग द्वारा तालाबों का निर्माण किया जाएगा। इस व्यवसाय में इच्छा रखने वाले लोग मछली पालन के कार्य में दक्ष हो सकें। इसके लिए बाकायदा विभाग को प्रशिक्षण और गोष्ठी कार्यक्रम भी आयोजित कराने के निर्देश दिए हैं। विभाग को बाकायदा इसके लिए प्रचार प्रसार और साहित्य उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए गए हैं। सरकार ने विभाग को फिलहाल इस कार्य के लिए 85 लाख रुपये अवमुक्त किए हैं। सरकार की यह योजना रंग लाई तो पर्वतीय और शहरी इलाकों में मत्स्य पालन के जरिए लोग आत्मनिर्भर बन सकेंगे।
ट्रचिंग ग्राउण्ड हटाने को विभिन्न संगन हुए लामबंद
रुद्रपुर, 8 जुलाई (निस)। किच्छा मार्ग स्थित ट्रचिंग ग्राउण्ड को अन्यत्र स्थानांतरित करने की मांग को लेकर नगर के विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियांे व सदस्यों ने जिलाधिकारी से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में कहा गया है कि किच्छा रोड स्थित ट्रंचिंग ग्राउण्ड पूरी तरह से कूड़े से पट चुका है और अब कूड़ा सड़क के चारों ओर फैल रहा है जिस कारण यहां हर समय दुर्गन्ध फैलती है साथ ही आने जाने वाले लोगों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पदाधिकारियों का कहना था कि ट्रंचिंग ग्राउण्ड के सामने श्मशान घाट भी है जहां दाह- संस्कार के लिए लोगों का आना जाना मुश्किल हो गया है और क्षेत्र में कभी भी महामारी फैल सकती है। उनका कहना था कि ट्रंचिंग ग्राउण्ड में कभी भी सफाई व्यवस्था दुरूस्त नहीं की गयी जिस कारण कूड़ा तेज हवाओं के साथ घरों के भीतर भी पहुंच जाता है। उन्होंने नगर निगम पर आरोप लगाते हुए कहा कि टंªचिंग ग्राउण्ड में कभी भी कीटनाशक दवाओं अथवा चूने का छिड़काव नहीं किया गया। यहां शहर की विभिन्न बस्तियों का कूड़ा कचरा फेंका जाता है लेकिन व्यवस्थाओं पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता। संगठनों के पदाधिकारियों ने आग्रह किया कि ट्रंचिंग ग्राउण्ड को शहर से बाहर स्थानांतरित किया जाये, साथ ही टंªचिंग मैदान पर सफाई व्यवस्था पूरी तरह से दुरूस्त की जाये ताकि महामारी फैलने से रोका जा सके, साथ ही राष्ट्रीय राजमार्ग से होकर गुजरने वाले लोगों के साथ-साथ टंªचिंग ग्राउण्ड के आस पास रहने वाले लोगों को परेशानियों का सामना न करना पड़े। जिलाधिकारी डा. पंकज पांडे ने मौके पर मौजूद मेयर सोनी कोली से इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही करने की बाबत बातचीत की। ज्ञापन देने वालों में पंजाबी महासभा के केवल कृष्ण बत्रा, सुधंाशु गाबा, अजय सडाना, पवन गाबा, सुनील शर्मा, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के डा. एसएन गुप्ता, राजीव सेतिया, डा. रंजीत सिंह गिल, महाराजा अग्रसेन चिकित्सालय के महावीर प्रसाद गुप्ता, कैलाश अग्रवाल, देवीशंकर अग्रवाल, राइस मिलर्स एसोसिएशन के प्रेम बंसल, महेंद्र मित्तल, गगन गर्ग,पूर्व छात्रा नेता प्रमोद शर्मा, योगेश चैहान, मनीष मुंजाल, हरेंद्र पाल, पारस कक्कड़, आदेश भारद्वाज, रवि शर्मा, योगेश यादव, हरजिंदर सिंह, कर्मजीत सिंह, सुधीर यादव, मयंक यादव, रघुनाथ, शिवम सहित विजय भूषण गर्ग, हरीशंकर अग्रवाल, ताराचंद अग्रवाल, मुंशीराम गोयल, भारत भूषण चुघ, हरनाम चैधरी, विनीत जैन, प्रभात खुराना, कैलाश गर्ग, प्रेम बंसल, महेश अग्रवाल, विकास बत्रा, सोनू खुराना, ओमप्रकाश अरोरा, बजरंग गर्ग सहित विभिन्न संगठनों से आये तमाम लोग शामिल थे।
वाल्मीकि समाज के लोगों ने फूंका कांग्रेस का पुतला
रुद्रपुर, 8 जुलाई (निस)। कांग्रेसियों द्वारा नगर निगम में आउटसोर्सिंग के माध्यम से रखे गये 50 सफाई कर्मियों का विरोध करने पर वाल्मिकी समाज के लोग आक्रोशित हो गये। उन्होंने वार्ड 10 गांधी कालोनी में कांग्रेस का पुतला फंूका। उनका कहना था कि मेयर ने वाल्मिकी समाज के लोगों को रोजगार देने के लिए नगर निगम में 50 सफाई कर्मियों को आउटसोर्सिंग के माध्यम से रखा है जिसका कांग्रेस विरोध कर रही है जो अनुसूचित जाति विरोधी मानसिकता का परिचय है। उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेसियों ने मेयर का विरोध किया तो समाज के लोग कांग्रेस केे खिलाफ जनआंदोलन करने को बाध्य होंगे। पुतला फूंकने वालों में संजीव खैरालिया, अंकुश, राजकुमार, जोगेंद्र, बंटी राजोरिया, सुनील यादव, सोनू दिवाकर, रवि, प्रेम, रानी, सरोज, बेबी, गौरव, रोहित आदि थे।
तीन बाईकों सहित वाहन चोर दबोचा
रुद्रपुर, 8 जुलाई (निस)। चोरी की तीन मोटरसाइकिलों सहित पुलिस ने एक शातिर वाहन चोर को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है। पुलिस पकड़े गये वाहन चोर से कड़ी पूछताछ कर रही है। पुलिस ने दावा किया है कि पूछताछ के दौरान वाहन चोरी की अन्य घटनाओं का भी खुलासा हो सकता है। आदर्श कालोनी चैकी प्रभारी वीरेंद्र रमोला व एसआई मनोज कुमार साथी पुलिस कर्मियों के साथ गत रात्रि काशीपुर मार्ग पर तेल मिल के समीप वाहन चेकिंग कर रहे थे। इसी दौरान मुखबिर से उन्हें जानकारी मिली कि एक युवक चोरी की मोटरसाइकिल के साथ आ रहा है। जिस पर पुलिसकर्मियों ने एनएच पर घेराबंदी कर दी। थोड़ी देर पश्चात एक युवक बिना नम्बर की मोटरसाइकिल पर आता दिखायी दिया। जब युवक ने पुलिस टीम को देखकर वापस भागने का प्रयास किया तो पुलिसकर्मियों ने पीछा कर कुछ ही दूरी पर उसे दबोच लिया। पूछताछ करने पर युवक ने अपना नाम पता ग्राम तिलक मिर्जा थाना भोट रामपुर निवासी आजम पुत्र छुट्टन बताया। पुलिस ने जब उसके पास मौजूद बाइक के कागजात मांगे तो वह टाल मटोल करने लगा। जब पुलिस ने उससे सख्ती से पूछताछ की तो आजम ने पुलिस को बताया कि यह मोटरसाइकिल चोरी की है जिसे कुछ दिन पूर्व रूद्रपुर से ही चुराया गया था और इसे बेचने जा रहा था। पुलिस ने बाइक को अपने कब्जे में लेकर आजम को हिरासत में ले लिया और उससे कड़ी पूछताछ की। पुलिस ने आजम की निशान देई पर ग्राम भूरारानी से चोरी की दो अन्य मोटर साइकिलें भी बरामद कीं। आजम का कहना था कि सभी मोटरसाइकिलें रूद्रपुर से ही चुरायी गयी हैं।
चोरों ने दो और बाईकें उड़ायी
रुद्रपुर, 8 जुलाई (निस)। अलग अलग स्थानों से दो मोटरसाइकिलें चुरा ली गयीं, जिनकी रपट कोतवाली में दर्ज करा दी गयी है। दर्ज रपट में रम्पुरा वार्ड 6 भूतबंगला निवासी संजय सिंह पुत्र रामचन्द्र सिंह ने कहा है कि वह अपनी बाईक संख्या यूके-06एक्स/ 4904 पर सवार होकर सीर गौटिया गया था जहां उसने मस्जिद गेट के सामने अपनी मोटरसाइकिल खड़ी कर दी। थोड़ी देर बाद जब वह वापस लौटा तो उसकी बाइक नदारद थी। वहीं मलिक कालोनी निवासी वीरेंद्र शर्मा पुत्रा ज्ञानचंद ने रपट में कहा है कि गत दिवस सायं 5 बजे उसने अपनी मोटर साइकिल संख्या यूके-06आर/5848 को पंचमुखी शिव मंदिर मलिक कालोनी के आगे खड़ा किया था जहां से अज्ञात व्यक्ति उसे चुरा ले गया। पुलिस ने वाहन चोरी की दोनों घटनायें दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
समस्याओं को लेकर ग्रामीणों ने कलेक्टेªट में किया प्रदर्शन
रुद्रपुर, 8 जुलाई (निस)। विधायक राजकुमार ठुकराल की अगुवाई में गंगापुर मार्ग स्थित शुभ डेल्स कालोनी, बाटा कालोनी, मां सर्वेश्वरी कालोनी व विजयलक्ष्मी कालोनी के तमाम लोगों ने प्रदर्शन कर जिलाधिकारी डा.पंकज पांडे को ज्ञापन सौंपा। श्री ठुकराल ने जिलाधिकारी को अवगत कराया कि शुभडेल्स कालोनी व गंगापुर रोड के बीच 600 मीटर सड़क है जो पिछले कई वर्षों से जर्जर हालत में है। कालोनी वासी व स्कूली बच्चों को इस मार्ग से होकर गुजरना पड़ता है जिस कारण कई बार दुर्घटनायें हो चुकी हैं। उनका कहना था कि वर्षा ऋतु में मार्ग पर स्थित गड्ढों में गंदा पानी एकत्र हो जाने से स्कूली बच्चों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि उनकी स्कूल बस मुख्य मार्ग पर ही खड़ी होती है और कालोनी से बस तक बच्चों को पैदल ही जाना होता है। ठुकराल ने उक्त मार्ग को विकास निधि अथवा आपदा निधि से बनवाने की मांग की। उनका कहना था कि उक्त समस्त कालोनीवासियों को अभी तक आधार कार्ड नहीं मिल पाया है। जबकि यह स्थायी रूप से यहां निवास करते हैं। ठुकराल ने जिलाधिकारी से क्षेत्र में शिविर के माध्यम से सभी क्षेत्रवासियों से आधार कार्ड बनवाने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि यहां के निवासियों के परिवार रजिस्टर व राशन कार्ड भी नहीं बन पाये हैं जिस कारण इन्हें शासन की अनेक लाभकारी योजनाओं सेवंचित होना पड़ रहा है। जिलाधिकारी ने कालोनीवासियों को आश्वस्त किया कि वह अपने स्तर से सभी समस्याओं का समाधन कराने का प्रयास करेंगे। ज्ञापन देने वालों में आशीष छाबड़ा, अजय यादव, राजेश गुप्ता, हरीश, तनवी, सुबोध, नवीन, निशा सिंह, सतेंद्र, युवराज, सुधीर कुमार, मंजू, लीना, सरला, मीरा शर्मा, ममता शर्मा, शिखा पाल, पूजा विश्नोई, सुनीता, अर्जुन कुमार, डेविड, सरोज सहित तमाम कालोनी वासी शामिल थे।
एसएसपी कार्यालय पर किया प्रदर्शन
रुद्रपुर, 8 जुलाई (निस)। बिना सुबूत व प्रमाण के आधार पर बदनाम किये जाने से रूष्ट एक युवती ने संजयनगर के दर्जनों लोगों के साथ एसएसपी कार्यालय पहुंचकर प्रदर्शन किया और एसएसपी को ज्ञापन सौंपा। सौंपे गये ज्ञापन में वार्ड 3 संजयनगर खेड़ा निवासी सतनाम सिंह पुत्र जगतार सिंह ने कहा कि वह कांग्रेस का कार्यकर्ता है। बसंती मंदिर के आसपास भाजपा समर्थित कुछ अराजक तत्व रहते हैं और आयेदिन उन पर भाजपा में शामिल होने का दबाव बनाते हैं। उनके मना करने पर भाजपाई अपने नेताओं के माध्यम से उन पर आरोप लगाकर उच्चाधिकारियों के खिलाफ उनकी शिकायत कर उन्हें बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं और पुलिस पर दबाव बनाकर उनपर मुकदमा दर्ज कराना चाहते हैं जबकि उनके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं है। सतनाम ने मांग की है कि बिना प्रमाण के उन पर आरोप लगाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाये। प्रदर्शन करने वालों में निरोद अधिकारी, विकास मलिक, हरी सिंह, अवतार सिंह, रामप्रसाद, नगीना, हरिमोहन, चंद्रकान्त, देवकली, रूपलाल, संता सिंह, बंता सिंह, नरेश, जोगेंद्र सहित तमाम लोग थे।
जयघोषों के साथ अमरनाथ यात्रियों का जत्था रवाना
रुद्रपुर, 8 जुलाई (निस)। अमरनाथ यात्रियों के जत्थे को बीती रात बम भोले के जयघोषों के साथ रवाना किया गया। पंजाबी सभा के अध्यक्ष केवल कृष्ण बत्रा, सुधांशु गाबा, विजय जग्गा, रजनीश ग्रोवर, मुकेश वशिष्ठ, आशीष छाबड़ा, गुलशन छाबड़ा, प्रदीप अग्रवाल सहित तमाम लोगों ने अमरनाथ यात्रा पर रवाना हुए श्रद्धालुओं को फूूल मालायें पहनाकर बम भोले के उद्घोषों के साथ रवाना किया और श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया। वहीं विधायक राजकुमार ठुकराल, व्यापार मण्डल अध्यक्ष संजय जुनेजा, महामंत्री हरीश अरोरा, कोषाध्यक्ष मनोज छाबड़ा समेत तमाम अन्य लोगों ने भी अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं देते हुए यात्रा के लिए रवाना किया। अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं में हरीश मल्होत्रा, अजय चड्डा, अशोक गुम्बर, विशाल गुम्बर, संजीव अरोरा, मोहित बत्रा, सोनू खुराना, हरीश मेंहदीरत्ता, सुमित साहनी, बलदेव ग्रोवर, सुरेश, राजीव गंगवार, विपिन कुमार, प्रेम अरोरा, राज नारंग, सुखदेव, अजय लूथरा, सुमित सहगल, सतीश दुआ, विपिन लूथरा, अतुल गुलाटी, मनीष कालरा, सहित 86 यात्री थे। सभी ने अमरनाथ यात्रियों की मंगल यात्रा की शुभकामनायें कीं।

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