अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने 18 साल बाद दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (एबीवीपी) के चुनाव में सभी चारों सीटों पर जीत हासिल की है। एबीवीपी के उम्मीदवारों ने शनिवार को अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव के पद बड़े मतों के अंतर से अपने नाम किए। एबीवीपी को इससे पहले 1997 में डूसू के चुनाव में सभी चार सीटों पर जीत मिली थी।
छात्र संघ का अध्यक्ष पद मोहित नागर ने जीता, जबकि उपाध्यक्ष पद पर परवेश मलिक, सचिव पद पर कनिका शेखावत और संयुक्त सचिव पद पर आशुतोष माथुर को जीत हासिल हुई है। मोहित ने कहा, "मैं बेहद खुश हूं। छात्र हमारे करीब आए क्योंकि हम चार वर्षीय विवादास्पद स्नातक कार्यक्रम के खिलाफ लड़े और अंतत: उसे हटवाया।"
नई सचिव कनिका ने कहा, "महिला होने के नाते मैं कैंपस को महिलाओं के लिए सुरक्षित बनाने और बस सेवा में वृद्धि करने पर काम करूंगी।" कांग्रेस की छात्र शाखा, भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) दूसरे और आईसा तीसरे स्थान पर रही। हालांकि, आईसा को मिले वोट में पिछले वर्षो की तुलना में वृद्धि हुई है।
गत वर्ष एबीवीपी ने तीन सीटें जीती थीं, जबकि एनएसयूआई ने संयुक्त सचिव का पद जीता था। उम्मीदवारों की जीत के बाद उन पर गुलाब की बारिश की गई और गेंदे की माला पहनाई गई। उनके समर्थक ढोल-नगाड़े के साथ नाचते नजर आए और दिल्ली पुलिस के सुरक्षा घेरे के बीच जीत का जश्न मनाया।

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