जम्मू एवं कश्मीर में आई भयंकर बाढ़ के बाद बिहार के कई लोगों का अपने परिजनों से संपर्क नहीं हो पा रहा है। हालांकि राज्य का आपदा प्रबंधन विभाग बिहार के लोगों की सूचना जुटाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है, इसके लिए पटना में नियंत्रण कक्ष भी बनाए गए हैं। बिहार के सीतामढ़ी, किशनगंज, सारण, गोपालगंज, अररिया सहित कई जिले के 6,000 से ज्यादा लोग जम्मू एवं कश्मीर के अनंतनाग, ईदगाह, श्रीनगर, नवगांव में रहते हैं। इनमें से ज्यादातर लोग डेंटिंग-पेंटिंग, बागवानी, ईंट भट्ठा, बिस्कुट कारखाने और बेकरियों में काम करते हैं। इनमें से कई लोगों का पिछले चार-पांच दिनों से परिजनों से संपर्क नहीं हो रहा है।
जिनके परिजन घाटी में फंसे हुए हैं, अनहोनी की आशंका के कारण उनके घरों में चूल्हा तक नहीं जल रहा है, महिलाओं का रोकर बुरा हाल है। फोन की घंटी बजते ही पूरा परिवार फोन उठाने को दौड़ पड़ता है। सीतामढ़ी जिले के बेलसंड प्रखंड के 500 से ज्यादा लोग कश्मीर में रहते हैं। कंसार पंचायत के जैतून खान के परिवार के 11 सदस्यों का पांच दिनों से कोई पता नहीं चल पाया है। यही हाल 65 वर्षीया जन्नता खातून का है। दो बेटों समेत उनके परिवार के 10 सदस्य लापता हैं, उनके फोन भी बंद हैं।
किशनगंज जिले के बेलवा, गोविन्दपुर समेत आसपास के इलाकों के 400 लोग रोजी-रोटी कमाने जम्मू एवं कश्मीर गए थे, अब उनका कोई पता नहीं चल पा रहा है। इन गांवों के लोग किशनगंज थाना में पहुंच कर पुलिस से अपने परिजनों के बारे में पता लगा रहे हैं। जम्मू गए किशनगंज के ग्वालपोखर थाना क्षेत्र के नासिम अख्तर के परिजनों ने बताया कि चार सितंबर को आखिरी बार नासिम से उनकी बात हुई थी।
इधर, राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के नियंत्रण कक्ष में तैनात कर्मचारी परिजनों को सांत्वना दे रहे हैं। नियंत्रण कक्ष में तैनात चन्द्रभूषण पांडेय बताते हैं कि सैकड़ों लोगों के फोन आ रहे हैं। कोई अपने परिजनों की खोज-खबर ले रहा है तो कोई उनके घरों का पता बता कर खोजने का निवेदन कर रहा है। आपदा प्रबंधन विभाग ने दिल्ली स्थित कश्मीर भवन को बिहार के लापता लोगों की सूची भेजकर उनके परिजनों को सूचना देने का आग्रह किया है।
उल्लेखनीय है कि बिहार सरकार ने जम्मू एवं कश्मीर में बाढ़ राहत कार्यो में मदद के लिए 10 करोड़ रुपए की राशि देने की घोषणा है। राज्य सरकार द्वारा बुधवार को पटना के बिहटा हवाई अड्डे से आठ मोटरबोट, 6000 खाने के पैकेट जम्मू एवं कश्मीर भेजे गए हैं।

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