डॉक्टर के खिलाफ विभागीय जांच के निर्देश
छतरपुर। न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी प्रदीप दुबे की अदालत ने जिला अस्पताल में पदस्थ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. लखन तिवारी के द्वारा कार्य में लापरवाही बरतने पर डॉ. तिवारी के विभागीय जांच कराने के निर्देश दिए हैं। जिला अस्पताल छतरपुर में कार्यरत डॉ. लखन तिवारी के द्वारा मारपीट के एक मामले में थाना ओरछा रोड द्वारा भेजे गए घायल पूरन विश्वकर्मा की एमएलसी में लापरवाही की गई थी। डॉक्टर की इस लापरवाही के कारण अदालत ने घायल पूरन के संबंध में आरोपी को बरी कर दिया। डॉ. लखन तिवारी की लापरवाही बरतने पर जेएमएफसी प्रदीप दुबे की अदालत ने डॉ. श्री तिवारी के खिलाफ विभागीय जांच एवं अनुशासनात्मक कार्यवाही करने के लिए आयुक्त स्वास्थ्य सेवाएं मप्र शासन भोपाल को पत्र भेजकर निर्देशित किया है साथ ही इस संबंध में अदालत के द्वारा कलेक्टर छतरपुर एवं सीएमएचओ को भी सूचित किया गया है।
क्या है मामला
विधि संवाददाता लखन राजपूत ने बताया कि दिनांक 30 अप्रैल 2012 को ग्राम कालापानी निवासी जामवती बढ़ई अपने पति पूरन के साथ खेत पर काम कर रही थी। सुबह करीब 9 बजे गांव का ही शंकर पुत्र माखन बढ़ई खेत पर आ गया। शंकर ने जामवती के साथ गाली-गलौच कर वाद-विवाद किया और जामवती, पूरन के साथ शंकर ने मारपीट की जिसकी शिकायत पर थाना ओरछा रोड ने शंकर के खिलाफ मामला दर्ज किया था। पुलिस द्वारा जामवती और पूरन को आई चोटों का मेडिकल कराने के लिए जिला अस्पताल भेजा गया था। जिला अस्पताल में पदस्थ डॉ. लखन तिवारी के द्वारा पूरन बढ़ई की एमएलसी में आरोपी शंकर का नाम घायल व्यक्ति के रूप में दर्शा दिया एवं अन्य लापरवाही एमएलसी में बरतीं जिसका लाभ उठाकर आरोपी शंकर को पूरन की मारपीट के संबंध में न्यायाधीश श्री दुबे की अदालत ने बरी कर दिया गया।
दुष्कर्मी को 8 साल की कठोर कैद
छतरपुर। द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश शशिकांता वैश्य की अदालत ने विवाहित महिला के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी को दोषी करार दिया। अदालत ने आरोपी को 8 साल की कठोर कैद के साथ 6 हजार रूपए के जुर्माने की सजा सुनाई। एडवोकेट लखन राजपूत ने बताया कि पुलिस थाना ईशानगर क्षेत्र अंतर्गत स्थित रमनपुर निवासी कथुल्ला पुत्र रजुआ अहिरवार पर आरोप था कि उसने दिनांक 13 अगस्त 2013 को पीडि़ता महिला के घर में जब वह अकेली थी तभी दिन के करीब 2-3 बजे जबरन आरोपी घुस गया। आरोपी कथुल्ला ने महिला को जबरन पकड़ कर जमीन में पटकते हुए मुंह कपड़ा ठूंस दिया और महिला के दुष्कृत्य किया। थाना ईशानगर में कथुल्ला के खिलाफ दुष्कृत्य का मामला दर्ज किया गया। थाना ईशानगर के तत्कालीन एसआई के.एन. अरजरिया ने आरोपी को गिरफ्तार कर मामला अदालत को सुपुर्द कर दिया। द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश शशिकांता वैश्य की अदालत ने मामले की अंतिम सुनवाई करते हुए आरोपी कथुल्ला को दुष्कृत्य के आरोप का दोषी करार दिया। न्यायाधीश श्रीमती वैश्य की अदालत ने आरोपी कथुल्ला को आईपीसी की धारा 450 एवं 376 (1) में तीन तीन साल की कठोर कैद के साथ 6 हजार रूपए के जुर्माने की सजा सुनाई।

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