भारत ने कहा है कि गुट निरपेक्ष आंदोलन के संस्थापक सदस्य होने के नाते उसने हमेशा फिलिस्तीन का समर्थन किया है और यह उसकी विदेश नीति की एक महत्वपूर्ण विशेषता है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने यहां फिलिस्तीन पर गुट निरपेक्ष आंदोलन समिति में कहा, "फिलिस्तीन और वहां के लोगों का भारत लंबे समय से समर्थन करता रहा है। गुट निरपेक्ष आंदोलन के संस्थापक सदस्य होने के नाते उसने हमेशा से फिलिस्तीन का समर्थन किया है और यह उसकी विदेश नीति की एक महत्वपूर्ण विशेषता है।"
उन्होंने कहा, "भारत फिलिस्तीन के लोगों के लिए एकजुट है। महात्मा गांधी ने अपने जीवनकाल के दौरान फिलिस्तीन के लोगों के अधिकारों का समर्थन किया। भारत का फिलिस्तीन के प्रति रुख उन्हीं से प्रेरित है।" सुषमा ने कहा, "फिलिस्तीन समस्या का समाधान संयुक्त राष्ट्र के नए प्रासंगिक प्रस्ताव, अरब शांति योजना के आधार पर होना चाहिए, ताकि एक संप्रभु, स्वतंत्र, आर्थिक रूप से संपन्न फिलिस्तीन का निर्माण हो सके, जिसका इजरायल के साथ सीमा संबंधी कोई विवाद न हो।"
उन्होंने कहा कि इजरायल और फिलिस्तीन के बीच संघर्ष विराम का भारत स्वागत करता है और सभी पक्षों से संघर्ष विराम का उल्लंघन न हो, इसके लिए अपील करता है। फिलिस्तीन को भारत मानवीय सहायता, विकास परियोजना, शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना, आर्थिक सहयोग, फिलिस्तीन के अधिकारियों को प्रशिक्षण के रूप में प्रौद्योगिकी और सहायता में बढ़ोतरी करता रहा है।
विदेश मंत्री ने कहा, "इसके अलावा, पूरब के निकट फिलिस्तीन के शरणार्थियों के लिए भारत ने संयुक्त राष्ट्र राहत एवं कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) को 10 लाख अमेरिकी डॉलर का योगदान किया है। ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के साथ भारत भी फिलिस्तीन में विकास योजनाओं का क्रियान्वयन कर रहा है। फिलिस्तीन के विकास और राष्ट्र निर्माण के लिए भारत प्रतिबद्ध है।"
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