जनपद सीईओ पर बलात्कार, जबरन गर्भपात कर शोषण करने का आरोप, पूलीस ने प्रकरण किया कायम
झाबूआ---फरियादिया ने बताया कि आरोपी महेन्द्र कुमार पिता हरिराम घनघोरिया मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत मनावर जिला धार ने उसको झूठा आशवासन देकर मंगलसूत्र पहनाकर शोषण करता रहा। पहले से शादीशुदा व बच्चे होने का पता चलने पर जान से मारने की धमकी दी व जबरन गर्भपात करवाया गया। प्र्रकरण में थाना कोतवाली झाबुआ में अपराध क्रमांक 638/14, धारा 376,493,496,506 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
प्रश्नमंच में केन्द्रीय विद्यालय रहा सिरमौर, मिशन स्कूल ने पाया दूसरा स्थान,
- राजवाडा चैक पर आयोजित हुआ ज्ञानवर्धक प्रश्नमंच
झाबुआ --- शनिवार को राजवाडा चैक पर नगर के सभी प्रमुख विद्यालयों के छात्रों का जमावडा हुआ । प्रसंग था सार्वजनिक गणेश मंडल झाबुआ द्वारा 80 वें गणेशोत्सव में अन्तर्विद्यालयीन प्रश्न मंच प्रतियोगिता के आयोजन का । नगर की कैथोलिक मिशन स्कूल हिन्दी माध्यम, जैन पब्लिक स्कूल, कैथोलिक मिशन स्कूल अंग्रेजी माध्यम,केशव इंटरनेशनल स्कुल, इन्दौर पब्लिक स्कूल, केन्द्रीय विद्यालय गेल टाउनशीप,शारदा विद्या मंदिर, शारदा विद्या मंदिर हिन्दी माध्यम, उत्कृष्ठ उमावि झाबुआ एवं रातीतलाई उमावि से प्रत्येक टीम से 8-8 छात्र,छात्राओं ने प्रश्नमंच में सहभागिता की । कार्यक्रम में गैल टाउनशीप स्थित केन्द्रीय विद्यालय झाबुआ के लेक्चरार मनीष त्रिवेदी एवं सौभाग्यसिंह चैहान द्वारा स्कूली बच्चों को विभिन्न सामयिक एवं सामान्य ज्ञान पर आधारित प्रश्न पुछे गये और बच्चों ने भी उत्साह के साथ इस कार्यक्रम में भाग लिया । सार्वजनिक गणेश मंडल एवं पं. हरिप्रसाद अग्निहोत्री की स्मृति में हेमेन्द्र अग्निहोत्री की ओर से विजेता टीमों के लिये प्रथम 2551 रुपये, द्वितीय 1651 रुपये तथा तृतीय पुरस्कार 1051 रु. का रखा गया वही विजेता टीमों को शिल्ड एवं पेन सेट पुरस्कार स्वरूप दिये जाने का प्राधान रखा गया । मनीष त्रिवेदी ने गुलजार कीे एक बचपन का जमाना था कविता के साथ अपने खास अंदाज एवं लुभावनी शैली में आई हुई 10 टीमों के बच्चों से विभिन्न विषयों एवं घटनाओं आदि पर प्रश्न पुछे । तीन घण्टे चले इस कार्यक्रम में प्रथम पुरस्कार 2251 रुपये एवं शिल्ड पर केन्द्रीय विद्यालय झाबुआ ने कब्जा किया, दूसरे स्थान पर कैथोलिक मिशन हाई स्कूल अंग्रेजी माध्यम रही जिसने 1651 रु. एवं शिल्ड प्राप्त की तथा तीसरे स्थान पर उत्कृष्ठ उमावि झाबुआ की टीम रही जिसने 1051 रूपये एवं शिल्ड हांसील की । मण्डल द्वारा आयोजित कार्यक्रम को देखने-सुनने के लिये पूरा राजवाडा चैक खचाखच भर गया था तथा लोगों ने तालियों के साथ बच्चों का उत्साहवर्धन किया । श्री त्रिवेदी ने जनता से भी सामान्य ज्ञान पर आधारित प्रश्न पुछे एवं करीब एक दर्जन लोगों ने अलग अलग प्रश्नों के सही जवाब दिये जिन्हे तत्काल ही उपहार दिया गया । कार्यक्रम में छोटी बिटीया निहाली चैहान ने भी फिल्मी गीतों के अन्तरों को गाकर गीत के मुखडे प्रस्तुत करने के लिये प्रश्न पुछे और सभी टीमों ने सही गाने गाकर अपने फिल्मी ज्ञान का प्रस्तुतिकरण किया वही मास्टर अनंत ने वाद्ययंत्र पर फिल्मी धुने बजाकर गीत के बोल बताने के लिये प्रश्नमंच में भाग लिया तथा सहभागी बच्चों ने इसे भी सही सही बताया । कार्यक्रम के अन्त में डा. विक्रंात भूरिया के मुख्य आतिथ्य में विजेता टीमों एवं प्रश्नमंच के सूत्रधारद्वय मनीष त्रिवेदी एवं सौभाग्यसिंह चैहान को उपहार प्रदान किये वहीं प्रश्नमंच में भाग लेने वाले प्रत्येक बच्चे को उपहार पैकेट दिया गया । कार्यक्रम में अध्यक्ष राजेन्द्र अग्निहोत्री, नानालाल कोठारी, हेमेंद्र अग्निहोत्री, तुलसीदास बैागी, रविवराज राठौर,रमेश उपाध्याय, भागवत शुक्ल,नीरज राठौर, राजेन्द्र सोनी,मोहन माहेश्वरी, मनीष व्यास, भेरूसिंह राठौर, धर्मेन्द्र मालवीय, हर्षभटृ, निरंजनभाई, जितेन्द्र अग्निहोत्री, सहित बडी संख्या मे समिति पदाधिकारी एवं कार्यकर्तागण भी उपस्थित रहे । कार्यक्रम की नगर में सर्व़ प्रसंशा की जारही है । कार्यक्रम का संचालन नीरज राठौर ने किया ।
मनुष्य जीवन में श्रृद्धा बहुत दूर्लभ हैं : आचार्य रवीन्द्रसूरि
झाबूआ---राजगढ़ मोहनखेड़ा पर प.पू. गच्छाधिपति वर्तमान आचार्य देवेश श्रीमद्विजय रवीन्द्रसूरीश्वर जी म.सा. ने ध्यान साधना कराने के पश्चात आराधकों एवं खाचरौद मध्यप्रदेश व छोटी सादड़ी यात्रा संघ में आये यात्रियों को कहा कि मानव जीवन पाना बहूत दुर्लभ है और उससे भी ज्यादा जीवन में श्रृद्धा का आना दूर्लभ है । मानव जीवन को सार्थक करने के लिये ज्ञानीयों ने अनेक मार्गो की रचना की है व्यक्ति अपनी रुचि अनुसार धर्म कर्म करके उत्साह के साथ कर्म करता है तो आत्मा में आनन्द और उत्साह का उद्भव होता है और वह उद्भव हमारी आत्मा में चेतना पेदा करता है । बिना श्रृद्धा के कोई कर्म पूर्ण नहीं होता है जिसके प्रति हम श्रृद्धानवत है वह पर बुद्धि और तर्क - वितर्क के सारे रास्ते बंद हो जाते है । केवली अपनी आत्मा के अनुभव बताते है । वही श्रृद्धा का मुख्य बिन्दू हैं । श्रृद्धा अन्धी नहीं होती है प्रेम अन्धा होता है प्रेम के मोह में व्यक्ति मोह वश सारी बाते स्वीकार कर लेता है । श्रृद्धा जब हमारी आत्मा में पैदा होती है जो शब्द हम श्रवण करते है वह सभी शब्द मंत्र बन जाते है । इस लिये जीवन में अपने ह्रदय में श्रृद्धा को उत्पन्न करने का प्रयास करें । श्रृद्धा व्यक्ति को सफलता दिलाती है हमारे जीवन में यदि व्यक्तिवाद का उदय हुआ तो हम धर्म के मार्ग से भटक जायेगें और हमारी आत्मा का विकास रुक जायेगा । शास्त्रों में कहा है कि मोह कर्म बहुत बलवान होता है व्यक्ति को अन्तिम समय तक नहीं छोड़ता है मोह वश वह व्यक्ति को गिरा कर उसकी आत्मा को भटका देता है । संसार में बिना मोह के रिश्ते नहीं बनते पर संसार के रिश्ते जरुरी है पर उन रिश्तों में जितना मोह जितना जरुरी हो उतना ही रखें अन्यथा वह मोह आपकी आत्मा का विकास रोक देगा इस लिये अपनी मोह की प्रवृति पर अंकुश रखें मोह प्रवृति से विरक्ती के भावों के साथ रहना होगा । जिस प्रकार कीचड़ व पानी में कमल विकसित होकर निर्लीप्त भाव से रहता है उसी प्रकार हमें अपना जीवन मोह के त्याग के साथ जिना चाहिये । मुनिराज श्री रजतचन्द्रविजयजी म.सा. ने कहा कि जीवन में अच्छे कर्म करेगें तो नर कहलायेगें एवं बूरे कर्म किये तो वानर कहलायेगें अपनी संकीर्ण विचारधारा को छोड़कर विस्तृत विचारधारा बनाने का प्रयास करें । युधिष्टिर की दृष्टि, अर्जून की दृष्टि, राम की दृष्टि, प्रभु महावीर की दृष्टि की विस्तृत व्याख्या करते हुऐ कहा कि अपने जीवन को वन और उपवन बनाना अपने हाथों में निहीत है । पैसा सुविधा दे सकता है सुरक्षा नहीं, पूण्य सुविधा और सुरक्षा दे सकता है, परमात्मा हमें पूण्य सुविधा एवं सूरक्षा तीनों दे सकते है इस लिये परमात्मा के चरणों में अपना जीवन समर्पित करने से हमारा जीवन सुगंधमयी बनकर उपवन बन जायेगा ।
आचार्यश्री की निश्रा में 7 साध्वीजी की बड़ी दीक्षा विधि सम्पन्न
श्री मोहनखेड़ातीर्थ पर प.पू. गच्छाधिपति वर्तमान आचार्य देवेश श्रीमद्विजय रवीन्द्रसूरीश्वर जी म.सा., ज्योतिषम्राट मुनिप्रवर श्री ऋषभचन्द्रविजयजी म. सा., मुनिराज श्री पीयूषचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री रजतचन्द्रविजयजी म. सा., शासन ज्योति साध्वी श्री महेन्द्रश्रीजी म. सा., सेवाभावी साध्वी श्री संघवणश्रीजी म.सा. आदि ठाणा की पावनतम निश्रा में आचार्यश्री द्वारा आज 7 साध्वीवृदों की बड़ी दीक्षा की विधि के साथ आचार्यश्री ने पहला सूत्र कृतांग सूत्र, आचारांग सूत्र, उतराध्ययन सूत्र में प्रवेश कराते हुऐ योगोंद्वहन विधि में प्रवेश प्रदान किया ।
प्रभु श्री आदिनाथ भगवान की खाचरौद में पंचान्हिका प्रतिष्ठा महोत्सव 27 नवम्बर से 1 दिसम्बर 2014 तक होगा
झाबूआ--- मोहनखेड़ातीर्थ पर प.पू. गच्छाधिपति वर्तमान आचार्य देवेश श्रीमद्विजय रवीन्द्रसूरीश्वर जी म.सा., ज्योतिषम्राट मुनिप्रवर श्री ऋषभचन्द्रविजयजी म. सा., मुनिराज श्री पीयूषचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री रजतचन्द्रविजयजी म. सा., शासन ज्योति साध्वी श्री महेन्द्रश्रीजी म. सा., सेवाभावी साध्वी श्री संघवणश्रीजी म.सा. आदि ठाणा की पावनतम निश्रा में आज खाचरौद श्रीसंघ के 250 से अधिक सदस्यों ने आचार्यश्री से खाचरौद नगर में 525 वर्ष प्राचीन श्वेत वर्णीय श्री आदिनाथ प्रभु की मंदिर के जीर्णोद्धार के पश्चात् पूनः प्रतिष्ठा महोत्सव का मुहूर्त प्राप्त करने हेतु विनती की एवं आचार्यश्री से सामुहिक क्षमायाचना कर आचार्यश्री को 60 वें जन्म दिवस की शुभ कामना प्रेषित की उक्त मंदिर के जीर्णोद्धार के लिये प.पू. ज्योतिष सम्राट मुनिप्रवर श्री ऋषभचन्द्रविजयजी म.सा. की निश्रा में 10 अक्टूम्बर 2008 को खाद मुहूर्त हुआ था और 13 नवम्बर 2008 को शिला पूजन सम्पन्न हुआ था । उक्त शिखर बद्ध जिनालय में आदिनाथ प्रभु, गणधर गौतमस्वामी, दादा गुरुदेव की प्रतिमा विक्रम संवत 2071 मार्गशीर्ष शुक्ला दशमी सोमवार 1 दिसम्बर 2014 को गादीनशीन होगी । उक्त पंचान्हिका महोत्सव 27 नवम्बर 2014 से प्रारम्भ होगा एवं 2 दिसम्बर को आचार्य श्री की निश्रा में नूतन जिनालय का द्वार उद्घाटन किया जायेगा । इस अवसर पर खाचरौद संघ के सर्वश्री नरेश जी नागदा, श्रेणिकजी नागदा, भटेवरा समाज अध्यक्ष अशोक भटेवरा, चैथमल जी भटेवरा, सुभाष जी भटेवरा, माणकचंद जी नांदेचा, मनोहरलालजी हिंगड़, अनोखीलालजी भण्डारी, संजय हिंगड़ आदि का बहुमान श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वेताम्बर पेढ़ी ट्रस्ट के महामंत्री फतेहलाल कोठारी, मेनेजिंग ट्रस्टी सुजानमलजी सेठ, चातुर्मास समिति सदस्य के.एम. जैन द्वारा शाल, श्रीफल, तिलक, माला, साफा द्वारा बहुमान किया गया । खाचरौद का प्रतिनिधित्व अनोखीलाल भण्डारी द्वारा किया गया ।स अवसर पर छोटी सादड़ी राजस्थान से आये संघ में श्री कांतिलाल दख ने आचार्यश्री से श्रीसंघ की तरफ से सामुहिक क्षमायाचना करते हुऐ आचार्यश्री को छोटी सादड़ी राजस्थान पधारने की भाव भरी विनन्ती रखी ।
अगामी पांचवी महामांगलिक 8 अक्टूम्बर 2014 शरद पूर्णिमा पर होगी
श्री मोहनखेड़ातीर्थ पर प.पू. गच्छाधिपति वर्तमान आचार्य देवेश श्रीमद्विजय रवीन्द्रसूरीश्वर जी म.सा., ज्योतिषम्राट मुनिप्रवर श्री ऋषभचन्द्रविजयजी म. सा., मुनिराज श्री पीयूषचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री रजतचन्द्रविजयजी म. सा., शासन ज्योति साध्वी श्री महेन्द्रश्रीजी म. सा., सेवाभावी साध्वी श्री संघवणश्रीजी म.सा. आदि ठाणा की पावनतम निश्रा में आचार्यश्री के मुखारबिंद से 5 वीं महामांगलिक शरद पूर्णिमा 8 अक्टूम्बर को श्रवण करायी जायेगी । उक्त मांगलिक का आयोजन 7 सितम्बर को किया गया था परन्तु प.पू. ज्योतिष सम्राट मुनिप्रवर श्री ऋषभचन्द्रविजयजी म.सा. के स्वास्थ्य की प्रतिकुलताओं के चलते महामांगलिक का आयोजन शरद पूर्णिमा के पावन अवसर पर आयोजित किया जायेगा ।
चैकी कुंदनपुर में तैनात प्रधान आरक्षक लाईन अटैच
झाबूआ---वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0पी0सिंह ने बताया कि उप पुलिस अधीक्षक, महिला अपराध प्रकोष्ठ झाबुआ द्वारा यह अवगत कराया गया कि चैकी कुंदनपुर में तैनात प्र0आर0 54 अरूण गोयल ड्यूटी के दौरान शराब का सेवन करता है तथा कार्य के प्रति कोई रूचि नहीं लेता है। अतः चैकी कुंदनपुर में तैनात प्र0आर0 54 अरूण गोयल को तत्काल प्रभाव से पुलिस लाईन झाबुआ अटैच किया गया।
छेडछाड बूरी नियत से हाथ पकडा
झाबूआ---फरियादिया ने बताया कि वह काॅलेज आयी थी, राजगढ नाका झाबुआ पर बस का इंतजार कर रही थी, तभी आरोपी राकेश माली, निवासी जोबट आया व उसका बुरी नीयत से हाथ पकडा वह हाथ में चाकू भी लिया था। प्र्रकरण में थाना कोतवाली झाबुआ में अपराध क्रमांक 637/14, धारा 354,354-घ भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
दीवार के धसने चार की मौत
झाबूआ---मन्नु पिता कसन जाति मुणिया, उम्र 35 वर्ष, निवासी छोटी जुलवानिया ने बताया कि मृतक कालिया पिता मगन गणावा निवासी छोटी जुलवानिया अनिल पिता जोसफ अमलियार उम्र 35 वर्ष, निवासी छोटी धामनी अमरू पिता रूमाल भील, निवासी रनीगढ हावसिंह पिता बडदा डामोर, उम्र 35 वर्ष, निवासी देवीगढ पुराने पोस्ट आॅफिस थांदला में बिम काॅलम का काम कर रहे थे कि पुरानी दीवाल ठस गई, जिससे दबने से उक्त लोगो की मृत्यु हो गयी। प्र्रकरण में थाना थांदला में मर्ग क्रमांक 50,51,52,53/14, धारा 174 जाफौ का कायम कर विवेचना में लिया गया।
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