अमेरिकी ओपन : सिलिक बने फ्लशिंग मिडोस के नए बादशाह - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 9 सितंबर 2014

अमेरिकी ओपन : सिलिक बने फ्लशिंग मिडोस के नए बादशाह


marin cilic
क्रोएशिया के मारिन सिलिक ने सोमवार देर रात (भारतीय समायानुसार) जापान के केई निशिकोरी को हराकर साल के अंतिम ग्रैंड स्लैम अमेरिकी ओपन का पुरुष एकल खिताब जीत लिया। सिलिक और निशिकोरी पहली बार किसी ग्रैंड स्लैम के लिए प्रयास कर रहे थे। दिग्गजों को चौंकाकर फाइनल में जगह बनाने वाले टूर्नामेंट के 14वें वरीय खिलाड़ी सिलिक ने 10वें वरीय निशिकोरी को सीधे सेटों में 6-3, 6-3, 6-3 से हराया। पहला सेट 33, दूसरा सेट 37 और तीसरा सेट 44 मिनट चला।

पूरे मैच के दौरान सिलिक ने एक बार भी निशिकोरी को हावी होने का मौका नहीं दिया। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सिलिक ने जहां 17 एस लगाए वहीं निशिकोरी सिर्फ दो एस लगा सके। सिलिक ने अपने इस विजयी अभियान के दौरान जहां 38 विनर्स लगाए वहीं किसी ग्रैंड स्लैम के फाइनल में स्थान बनाने वाले पहले एशियाई पुरुष स्टार निशिकोरी को 19 विनर्स से ही संतोष करना पड़ा। मोंटे कार्लो (मोनाको) में जन्में 6 फुट 6 इंच लम्बे सिलिक छठी बार अमेरिकी ओपन में अपनी किस्मत आजमा रहे थे। इससे पहले वह 2012 और 2009 में क्वार्टर फाइनल तक पहुंचे थे। एक साल पहले सिलिक प्रतिबंधित दवाओं के सेवन के आरोप में चार महीने का प्रतिबंध झेल चुके हैं।

दूसरी ओर, वर्ष 2007 में पेशेवर सर्किट का रुख करने वाले निशिकोरी भी छठी बार अमेरिकी ओपन में खेल रहे थे। 2008 में वह पहली बार चौथे दौर में पहुंचे थे और यह अब तक का उनका श्रेष्ठ प्रदर्शन था। निशिकोरी ने हालांकि इस साल दिग्गजों को चौंकाकर फाइनल में स्थान बनाया और ग्रैंड स्लैम जीतने वाले पहले एशियाई खिलाड़ी बनने की दहलीज तक पहुंचे। अपने पहले ही प्रयास में चौथे दौर में पहुंचने वाले निशिकोरी 2012 में आस्ट्रेलियन ओपन के क्वार्टर फाइनल में पहुंचे थे।

सिलिक और निशिकोरी ने 2005 के बाद विश्व टेनिस में एक मिथक को तोड़ा है। एटीपी में सक्रिय शीर्ष-4 खिलाड़ियों के बगैर बीते 9 साल में किसी भी ग्रैंड स्लैम का फाइनल नहीं खेला गया। इस साल हालांकि यह चलन टूट गया। सिलिक ने विश्व के 14वें वरीय खिलाड़ी के तौर पर अमेरिकी ओपन खिताब जीता है। 2002 के बाद ऐसा पहली बार हुआ है, जब शीर्ष-10 से बाहर के किसी खिलाड़ी ने अमेरिकी ओपन हासिल किया। 2002 में पीट सैम्प्रास ने 17वें वरीय खिलाड़ी के तौर पर यह खिताब जीता था।

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