बिहार : अंडारी ग्राम जयतिया पंचायत में आयोजित सतसभा की अभिव्यक्ति और अनुभव - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 7 सितंबर 2014

बिहार : अंडारी ग्राम जयतिया पंचायत में आयोजित सतसभा की अभिव्यक्ति और अनुभव

sunder jivan
भारत में दो तरह से लोग जीते है .एक दिल से दुसरे दिमाग से.सारे दिमागी लोग खुश रहने के लिए जीतोड़ मेहनत करते घुस लेने से हर तरह का भ्रस्ताचार करने तक कोई कसर नहीं छोड़ते.हाय पैसा हाय  करते जीवन बीत जाता है डाक्टर कोरट टेंसन डिप्रेसन हर तरह का रोग के शीकार हो मर जाते उनको पता ही नहीं चलता दुनिया में क्यों आये थे.भगवन पर भी उनको बहुत भरोसा  होता है सब कुकर्म उन्ही के नाम पर करने से बात बनाने से भी नहीं चुकते है पूजीवादी सरकार और उनकी नोकरी दलाली सेल्समनी करना उनको अच्छा लगता है. अन्याय के खिलाफ वे नहीं कहते..अपने 80%भाईओं का हक़ मारने में ये 20%लोगको मजा आता है  धरती के बोझ बन पर्यावरण का दोहन करते रहते .एक व्यक्ति दिल से सोचता है वो कम बोलता है ज्यादा काम करता है जुबान समय का पक्का आचरण आहार व्यवहार उनका सर्वोत्तम होता है अन्याय के खिलाफ बोलने की उनमे हिम्मत होती है वे जानते है जिंदगी दुबारा नहीं मिलेगी .

खुश शांत आजाद रहते  प्रयोग करते अपने जीवन को सुंदर बनाते ओरो को भी सहयोग करते ऐसे लोगो को हम दोस्त बनाने आये है .जागिए सामान शिक्षा चिकित्सा यातायात और सबको सरकारी आवास उपलब्ध हो कुछ आपसे सीखे कुछ आपको याद कराये यही प्रसिक्षण कहलाता है एक दिमागी लाल इतना तेज हो गया था की उसको दस सर निकल आया था .कहता था जो मन वो करेगे .अकेला दिल का आदमी उसके खिलाफ आवाज उठता और उसका अंत ऐसा करता की आज भी हर साल उसको निचे से बॉस कर के हम जलाते है .और दिलवाले की पूजा करते है .अब आपको निर्णय लेना है दिल की सुनेगे और करेगे या दिमाग की .साथियों हमारा पार्लियामेंट विधानसभा  के पास भी बहुत दिमाग है इसलिए इतनी गैरबराबरी अन्याय असतोष लालच प्रदूषण अपराध भारत में है जो पार्लियामेंट विधानसभा खेनी गुटका शराब बेचता हो उसको क्या कहे आप बताये ?.आये देशप्रेम को आत्मसात करे सहयोग प्रणाली विकसित करे लोकतंत्र को मजबूती दे .

मै सुंदर बनू भारत मुझसे सुंदर बने दुनिया हमसे सुंदर हो..कुमार राजीव के अभिव्यक्ति के कुछ अंस . भगवन सिंह ,उमेश सिंह ,मनीष कुमार ,रोहन कुमार ,कार्तिक पासवान ,ने बताया की इस सतसभा में उनको निडर हो दिल की बात कहने से मन की कुंठा चली गयी हमसफ़र नवल कुमार ,जीतेन्द्र कुमार अमित ,कारु ,विकाश ,प्रेम ने कहा की गाँव में इस कार्यक्रम से काफी परिवर्तन का माहोल है .नवल कुमार जो की एक हफ्ते से ग्रामीणों के साथ निवास कर रहे थे ने बतलाया यहाँ नकार्त्म्कता था जो अब नहीं है लोगो ने एक सुर में देशप्रेम जिंदाबाद किया    

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