उत्तराखंड की विस्तृत खबर (06 सितम्बर) - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 7 सितंबर 2014

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (06 सितम्बर)

मंत्रियों और विधायकों की बयानबाजियों पर आलाकमान से हरीश रावत ने कीे बात

देहरादून, 6 सितम्बर (राजेन्द्र जोशी) । मुख्यमंत्री हरीश रावत  आज (शनिवार ) दिल्ली गयेे। उनके साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को भी गये  है।  प्रदेश में मंत्रियों और विधायकों की ओर से लगातार हो रही बयानबाजियों ने उत्तराखंड की पटरी पर आ रही व्यवस्था को बेपटरी कर दिया है और हरीश रावत को भी असहज कर दिया है। यही कारण है कि भाजपा भी बार-बार सरकार के अस्थिर होने के बयान देने लगी है। राज्य में तमाम लंबित राजनीतिक मसले हैं जिन पर कांग्रेस आलाकमान को अब फैसला लेना ही होगा। उत्तराखंड कांग्रेस में गुटबाजी शांत होने का नाम नहीं ले रही है। बहुगुणा कैंप से जुड़े नेताओं के साथ अब हरीश रावत कैंप के विधायकों ने भी आवाज उठानी शुरू कर दी हैं कि उनके क्षेत्रों में विकास कार्य नहीं हो रहे हैं अधिकांश का आरोप राज्य की ब्यूरोक्रेसी का राज्य के विकास के प्रति नकारात्मक रवैया बताया जा रहा है  । बहुगुणा कैंप के तमाम विधायकों को एडजस्ट करने के बावजूद पिछले लंबे समय से बहुगुणा कैंप अपनी उपेक्षा और रावत सरकार की कार्यप्रणाली की शिकायतें दिल्ली जाकर केंद्रीय नेताओं से करता आ रहा है। जबकि सच्चाई यह है कि हरीश रावत सरकार पर लगातार दबाव के चलते सरकार में शामिल लगभग सभी विधायकों को या तो राज्य मंत्री का दर्जा मिल चुका है अथवा इनमें से कईयों को कैबिनेट मंत्री का सा रूतबा दिया जा चुका है। ये केवल मंत्रिमंडल की बैठकों में नहीं जा सकते शेष इनको मंत्रियों के स्तर की सभी सुख सुविधायें दी जा रही है। इसके बावजूद बहुगुणा कैंप की ओर से आने वाले बयानों पर अभी तक मुख्यमंत्री कोई सीधी टिप्पणी नहीं कर रहे थे लेकिन हाल के बयानों के बाद वे भी मुख्यमंत्री के खिलाफ मुखर हुए हैं। सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष केंद्रीय नेताओं के सामने दो टूक अपना पक्ष रखा है। पार्टी के कुछ नेता जिस तरह बयानबाजी कर गुटबाजी को हवा दे रहे हैं और कांग्रेस के मंत्री सीधे तौर पर मुख्यमंत्री के निर्देशों का कैबिनेट के बाहर बयान देकर विरोध कर रहे हैं इसकी जानकारी भी आलाकमान को दे दी है। केंद्रीय नेता उत्तराखंड के वरिष्ठ नेताओं को एक साथ बैठाकर राज्यसभा सीट पर उम्मीदवारी, बहुगुणा कैंप की उपेक्षा और प्रदेश कार्यकारिणी को अंतिम रूप जैसे फैसलों पर अपना देंगे। गौरतलब हो कि बहुगुणा कैंप सरकार में सहयोगी (पीडीएफ) मंत्रियों को हटाकर कैबिनेट में अपने विधायकों को शामिल करने का दबाव भी लंबे समय से बना रहा है। वहीं विधायक मयूख महर के बाद अब मुख्यमंत्री द्वारा स्वीकृत विकास कार्यों में ढिलाई को लेकर गंगोलीहाट के विधायक नारायण राम आर्य ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। राम ने निर्माण कार्य शुरू न होने पर पिथौरागढ़ के विधायक मयूख महर के साथ दो अक्तूबर से गांधी चैक पर आमरण अनशन शुरू करने की चेतावनी दी है।

सरकार राजजात यात्रा व्यवस्थाओं पर श्वेतपत्र जारी करें
  • सांसद अजय टम्टा ने सरकार पर लगाया यात्रा को गंभीरता से न लेने का आरोप 
  • कई यात्रियों के गुम होने की आशंका, एसडीआरएफ को खोजबीन में लगाए सरकार 

देहरादून, 6 सितम्बर, (निस)। भाजपा नेता और अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ लोकसभा क्षेत्र के सांसद अजय टम्टा ने प्रदेश सरकार पर हिमालयी महाकुंभ नंदादेवी राजजात यात्रा में बदइंतजामी का आरोप लगाया है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि नंदादेवी राजजात यात्रा की व्यवस्थाओं पर सरकार श्वेतपत्र जारी करें। उन्होंने कहा कि नंदादेवी राजजात यात्रा में शामिल होने गए ऐसे लोगों जिनकी कि वापसी नहीं हो पाई है की खोजबीन में एडीआरएफ को लगाया जाए। बलवीर रोड स्थित भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में सांसद अजय टम्टा ने कहा कि नंदादेवी राजजात यात्रा के लिए जिस प्रकार से व्यवस्थाएं होनी चाहिए थी सरकार द्वारा नहीं की गईं। सरकार द्वारा यात्रा के पड़ावों पर व्यवस्था न किए जाने से यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। यात्रियों को पानी की बंूंद-बूंद को तरसना पड़ा है। सरकार द्वारा यात्रा पड़ावों पर न भोजन की व्यवस्था की गई, न ठहरने की, न पेयजल और न ही विद्युत व्यवस्था की गई। लोग स्वयं के संसाधनों पर नंदादेवी राजजात यात्रा में शामिल हुए। ज्यूरागढ़ी से शीलासमुद्र तक लोग रात्रि दो बजे तक पहुंचते रहे लेकिन प्रकाश की कोई व्यवस्था नहीं थी। सुतोल पड़ाव पर 2500 यात्रियों के लिए मात्र एक लैंप की व्यवस्था थी। उन्होंने कहा कि दुर्गम पड़ाव वाली इस 280 किमी लंबी यात्रा में शामिल यात्रियों का मेडिकल भी नहीं कराया गया। उन्होंने कहा कि नंदादेवी राजजात यात्रा में शामिल होने गए कई यात्रियों के वहीं फंसे होने, भटक जाने, घायल हालत में होने और मृत्यु होने की भी आशंका है, इसलिए सरकार को यात्रियों की खोजबीन के लिए एसडीआरएफ और एसएसबी को लगाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अभी यात्रा में शामिल पश्चिम बंगाल के एक यात्री की मौत का मामला प्रकाश में आया है। कई यात्रियों के गुम होने की आशंका है। उन्होंने कहा कि सरकार ने नंदादेवी राजजात यात्रा को गंभीरता से नहीं लिया। एक यात्रा पड़ाव पर तो 14 किमी की दूरी को ढाई किमी दर्शाया गया था, जिस कारण यात्रियों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी। यात्रा रूट पर प्राथमिक चिकित्सा की भी कोई व्यवस्था नहीं थी। उन्होंने कहा कि सरकार नंदादेवी राजजात यात्रा की व्यवस्थाओं पर श्वेतपत्र जारी करें, इस मामले को वह लोकसभा में भी उठाएंगे। पत्रकार वार्ता में अभिमन्यु कुमार, पान सिंह रावत, शिवराज कठैत आदि मौजूद रहे।      

बाल एवं युवा वैज्ञानिकों को मिलेगा प्रतिभा दिखाने का मौका
  • दून में 20 व 21 को होगी राष्ट्रीय रोबोटिक चैम्पियनशिप  

देहरादून, 6 सितम्बर, (निस)। बाल एवं युवा वैज्ञानिकों की प्रतिभाओं को सबके सामने लाने के उद्देश्य को लेकर आगामी 20 अगस्त से देहरादून में दो दिवसीय राष्ट्रीय रोबोटिक चैम्पियनशिप 2014 का आयोजन किया जाएगा। फाइनल मुकाबला अक्टूबर में गुजरात में होगा। चैम्पियनशिप में किसी भी वर्ग व स्कूल का छात्र अपनी भागीदारी को सुनिश्चित कर सकता है। आज यहां गढ़ी-डाकरा कैंट क्षेत्रान्तर्गत सेवन ओक्स स्कूल में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान स्कूल के प्राचार्य ललित मोहन कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर हो रहे रोबोफिएस्टा को तीन चरणों में सम्पन्न कराया जा रहा है, जिसके तहत प्रथम चरण में प्रतिभागी प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे व द्वितीय चरण में रोबोट का प्रदर्शन किया जाएगा। सर्वश्रेष्ठ टीम अंतिम चरण में प्रवेश करेगी, जो कि आईआईटी गांधी नगर गुजरात में होगा। उन्होंने कहा कि देहरादून में इसका आयोजन आगामी 20 व 21 सितम्बर को किया जा रहा है, जिसमें प्रथम दिन प्रतिभागियों को विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा, जबकि दूसरे दिन प्रतिभागी अपने-अपने रोबोटों का प्रदर्शन करेंगे। उनका कहना था कि इसके आयोजन से जहां बाल एवं युवा वैज्ञानिकों को उनकी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलेगा, वहीं छात्रों में विज्ञान व तकनीकी विज्ञान की रूचि भी बढ़ेगी। इस अवसर पर मौजूद चैम्पियनशिप के काॅडिनेटर भरत कुमार व विभूति शर्मा ने बताया कि इस प्रतियोगिता में 6 से 12वीं तक के छात्र, वह किसी भी वर्ग के हो, अपनी भागीदारी को सुनिश्चित कर सकते है। उक्त तिथि को सेवेन आॅक्स स्कूल में होने वाली इस प्रतियोगिता में शिरकत करने को लेकर सभी स्कूलों को आमंत्रण भेजा गया है, जिनमें से कई स्कूलों की ओर से जवाब भी भेजा गया है। उन्होंने कहा कि प्रतियोगिता में एक स्कूल से एक टीम भाग लेगी, जिसमें 5 छात्र होगे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि प्रतियोगिता में हिन्दी व अंग्रेजी दोनो माध्यमों के स्कूली बच्चे अपनी भागीदारी को सुनिश्चित करेंगे। जहां तक सवाल शुल्क का है, तो इसके लिए 1250 रूपये प्रति छात्र निर्धारित किया गया है। इस दौरान उन्होंने यह भी जानकारी दी कि नवम्बर माह में नेशनल रोबोटिक ओलम्पियाड का आयोजन होने की उम्मीद है। 

सीएम ने की विभागों की समीक्षा

देहरादून, 6 सितम्बर, (निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शुक्रवार देर रात्रि तक विभिन्न विभागों की समीक्षा की। इस दौरान विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि विज्ञान को आम आदमी के हित में से जोड़े। शोध व अनुसंधान के क्षेत्र में कार्य करने वाली संस्थाओं यूकाॅस्ट, यूसैक के लिए बजट की कमी आड़े नही आने दी जायेगी। राज्य हित में नये अनुसंधान व शोध किये जाय। हल्द्वानी में वाटर व साॅयल टेस्टिंग लैब की स्थापना की जाय। भीमताल में टिश्यू कल्चर लैब की स्थापना की जाय। पर्वतीय क्षेत्रों की फसलों, अनाज, चारा प्रजाति के पौधों की न्यूट्रीशन वैल्यू की एक बैलेंस शीट तैयार की जाय। ताकि उसी अनुसार अधिक न्यूट्रीशन वाले फसलों, अनाज, चारा प्रजाति के पौधों का रोपण किया जा सके। उत्तराखण्ड पर्वतीय क्षेत्र है, यहां पर आम आदमी की बेहतरी के लिए विज्ञान का उपयोग कर नई तकनीक विकसित की जाय। पर्वतीय क्षेत्रों में नदियों से पानी की आपूर्ति कैसे की जा सकती है। पर्वतीय क्षेत्रों में लैंटाना व गाजर घास बड़ी समस्या के रूप में सामने आ रही है, उससे कैसे निपटा जा सकता है, इसके लिए वैज्ञानिक शोध कर रिपोर्ट दे। साइंस पार्क व विज्ञान क्लबों को और अधिक विकसित करे, स्कूली बच्चों को इनसे सीधा जोड़े। नये अनुसंधान व शोध के मौके राज्य के युवाओं को उपलब्ध कराये। नहरों से बिजली उत्पादन कैसे किया जा सकता है, इस पर भी चर्चा करे। गौ मूत्र पर शोध करे, कैसे उससे आर्थिक आधार बनाया जा सकता है। अंतरिक्ष उपयोग केन्द्र की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि सैटेलाइट के माध्यम से भूस्खलन, बाढ़ व आपदा प्रभावित क्षेत्रों का एक मैप तैयार करे। बैठक में प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एस.एस.संधू, अपर सचिव विजय ढौडि़याल, मीडिया प्रभारी सुरेन्द्र कुमार, मीडिया समन्वयक राजीव जैन, महानिदेशक डाॅ. राजेन्द्र डोभाल, डाॅ. डी.सी.उनियाल, डाॅ. बी.पी.पुरोहित, उप सचिव संतोष बडोनी आदि उपस्थित थे। 

राज्यपाल ने दी ओणम की शुभकामनाएं 

देहरादून, 6 सितम्बर, (निस)। उत्तराखण्ड के राज्यपाल डाॅ0 अजीज कुरैशी ने दक्षिण भारतीय राज्यों, विशेषतः केरल प्रदेश में मनाए जाने वाले खुशहाली, हरियाली तथा सुख, समृद्धि के प्रतीक पर्व ’’ओणम’’ की बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। राज्यपाल ने अपने शुभकामना संदेश में कहा कि हमारे देश के अलग-अलग प्रान्तों में ऋतुचक्र के अनुरूप मनाये जाने वाले सभी उत्सव/पर्व प्रकृति के साथ जुड़ी हमारी खुिशयों और सम्पन्नता को प्रमाणित करते हैं। प्रकृति और पर्यावरण के प्रति हमारी जिम्मेदारियों का स्मरण भी कराते हैं और निरन्तर सक्रिय व प्रसन्न रहने का हौसला देतेे हंै। तीज- त्यौहारों के रूप में हमारे समाज की यही सांस्कृतिक विविधताएं हमारी राष्ट्रीय एकता व सामाजिक सद्भाव को पोषित करती हंै। हम सबको मिलजुल कर इन त्यौहारों का आनंद लेना चाहिए।

चिकित्सकों की कमी को लेकर भाजपाइयों ने दिया धरना , दो माह में चिकित्सकों के रिक्त पद न भरे तो होगा जनांदोलन 

देहरादून, 6 सितम्बर, (निस)। श्रीनगर विधानसभा क्षेत्र के चिकित्सालयों में चिकित्सकों की कमी को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं ने स्वास्थ्य महानिदेशालय में धरना दिया। भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि यदि दो माह के अंदर चिकित्सकों की कमी दूर न की गई तो क्षेत्रवासी जनांदोलन के लिए बाध्य होंगे। भाजपा कार्यकर्ता और श्रीनगर विधानसभा क्षेत्र के लोग शनिवार को भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष डा. धन सिंह रावत के नेतृत्व में स्वास्थ्य महानिदेशालय में एकत्रित हुए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया और धरना दिया। भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना था कि श्रीनगर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत खिर्सू, थलीसैंण, पाबो, बीरोंखाल और श्रीनगर नगरपालिका क्षेत्र में विगत दो वर्षों से अस्पतालों में चिकित्सकों, नर्सों, फार्मासिस्टों की भारी कमी बनी हुई है, जिस कारण क्षेत्रवासियों को स्वास्थ्य सेवा सुचारु रूप से नहीं मिल पा रही है। मरीजों को इलाज के लिए बाहर जाना पड़ता है। भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना था कि सरकार चिकित्सालयों में चिकित्सकों, फार्मासिस्टों के रिक्त पदों को नहीं भर पा रही है। चिकित्सकों और फार्मासिस्टों की कमी के कारण लोगों को क्षेत्र में स्थित अस्पतालों का लाभ नहीं मिल पा रहा है। धरना-प्रदर्शन करने के पश्चात भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा इस संबंध में स्वास्थ्य महानिदेशक को एक ज्ञापन भी सौंपा गया। धरना-प्रदर्शन में अतर सिंह असवाल, राजेंद्र सिंह बिष्ट, प्रताप सिंह नेगी, विकास कुकरेती, हयात सिंह, पूरण सिंह राणा, उदय सिंह, गीता, दिलवर सिंह रावत, मंजीत सिंह, रणजीत सिंह, अनुज कौशिक, महेंद्र सिंह, अनुज कौशल आदि शामिल रहे।    

आर्य ने की परिसम्पत्तियां हस्तांतरण की समीक्षा 

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देहरादून, 6 सितम्बर, (निस)। प्रदेश के राजस्व, सिंचाई व सहकारिता मंत्री यशपाल आर्य ने विधानसभा स्थित अपने कार्यालय कक्ष में उत्तराखण्ड राज्य एवं उप्र के मध्य सिंचाई विभाग से सम्बन्धित परिसम्पत्तियों का हस्तातंरण के विषय में समीक्षा बैठक की। बैठक में उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य एवं उ0प्र0 के मध्य सिंचाई विभाग की परिसम्पत्तियों का हस्तातंरण के विषय में सचिव सिंचाई को निर्देश देते हुए कहा कि वे उ0प्र0 के सचिव सिंचाई से मिलकर पहले प्रारम्भिक चीजों को समझ लें, जिसमें उत्तराखण्ड की भूमि लगभग 13 हजार 813 हेक्टेयर है। जिसकी लागत 4200 करोड़ रूपये है। जिसका वर्तमान में प्रयोग हम नहीं कर पा रहे है। तथा 4000 करोड़ के बांध है। जिससे उत्तराखण्ड में निवास कर रहे व्यक्तियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस सम्बन्ध में सचिव सिंचाई 15 दिन के अन्दर लखनऊ जाकर वार्ता करें। बैठक में जमरानी बांध के विषय में अवगत होते हुए उन्होंने सचिव सिंचाई को निर्देश दिये कि गढ़वाल एवं कुमाउँ के मुख्य अभियंता एवं विभागाध्यक्ष को साथ लेकर एक समिति का गठन अपनी अध्यक्षता में करायें, जो बांध एवं उत्पादित बिजली एवं पीने के पानी की महत्ता को देखते हुए उसके अनूश्रवण का कार्य करें। बैठक में उन्होंने शारदा नहर के विषय में कहा कि काफी लम्बे समय से उस का निर्माण एवं मरम्मत नहीं हो पायी है। इसके लिए उ0प्र0 से यह अनुरोध किया जाये कि शारदा नहर पर उत्तराखण्ड राज्य में एक अधिशासी अभियंता को तैनात किया जाए जो निर्माण एवं मरम्मत के कार्याे पर नजर रख सकें। नहरों के मुद्दो का समाधान होने पर राज्य को काफी राहत मिलेगी इसके लिए भरपूर प्रयास करने के निर्देश मंत्री जी द्वारा दिये गये। बैठक में सचिव सिंचाई अजय प्रद्योत ने बताया कि उत्तराखण्ड राज्य के गठन के पूर्व उत्तराखण्ड की भौगोलिक सीमा के अन्तर्गत सिचंाई विभाग की 13,813.433 हैक्टेयर भूमि थी। हरिद्वार जनपद के अन्तर्गत 696.576 हैक्टेयर भूमि कुम्भ में आने के कारण पूर्व में ही उत्तराखण्ड राज्य को हस्तानान्तरित हो चुकी है। जनपद हरिद्वार, पौड़ी गढ़वाल एवं उधमसिंह नगर की क्रमशः 3,321.495 हैक्टेयर, भूमि 119.030 हैक्टेयर भूमि व 687.420 हैक्टेयर भूमि सम्मिलित है। जो उत्तराखण्ड राज्य को हस्तानान्तरित की जानी प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि कुल 41 नहरें (28 नहरें हरिद्वार जनपद में एवं उधमसिंह नगर में) ऐसी है जो पूर्णतः उत्तराखण्ड राज्य की भौगोलिक सीमा में स्थित है। जिनका नियंत्रण वर्तमान में उ0प्र0 राज्य के अधीन है। इसके अतिरिक्त कुल 28 नहरें (10 नहरें हरिद्वार में एवं 18 नहरें उधमसिंह नगर में) ऐसी है जो उ0प्र0 एवं उत्तराखण्ड राज्य में बहती है। एवं जिनका नियंत्रण वर्तमान में उ0प्र0 राज्य के अधीन है। इसकें अलावा कुछ नहरें उधमसिंह नगर में ऐसी है। जो पूर्णतः उ0प्र0 राज्य में स्थित है एवं जिनका नियंत्रण उत्तराखण्ड राज्य के अधीन है। तथा 11 नहरें जो उत्तराखण्ड एवं उत्तर प्रदेश में स्थित है। जिनका नियंत्रण उत्तराखण्ड राज्य के अधीन है। बैठक में डाॅ0 अजय प्रद्योत, सचिव सिंचाई, वी0 के0 टमटा, मुख्य अभियंता एवं विभागाध्यक्ष, सिंचाई, डी0 पी0 जुगरान, मुख्य अभियंता (गढ़वाल), डी0 सी0 सिंह, मुख्य अभियंता (कुमाऊँ), विनोद कुमार पंत, अधीक्षण अभियंता सिंचाई कार्यमण्डल मुनिकीरेती, डाॅ0 के0 पचैरी, अधीक्षण अभियंता, आदि उपस्थित रहे।

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