राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शनिवार को भारत की पूर्वोन्मुखी नीति में वियतनाम को 'महत्वपूर्ण स्तंभ' करार दिया और कहा कि उन्हें उम्मीद है कि दक्षिण पूर्व एशियाई देश के सरकारी दौरे के दौरान जब उनकी वियतनाम के अपने समकक्ष त्रुओंग तान सांग से मुलाकात होगी तब यह साझेदारी और मजबूत होगी।
14 से 17 सितंबर के बीच होने जा रही अपनी यात्रा से पहले वियतनाम की समाचार एजेंसी को यहां दिए साक्षात्कार में मुखर्जी ने कहा, "हम वियतनाम को अपनी पूर्वोन्मुखी नीति में एक महत्वपूर्ण स्तंभ मानते हैं। वियतनाम आसियान के भीतर और वृहत्तर क्षेत्र में भारत का एक रणनीतिक साझेदार है।"
उन्होंने कहा कि आसियान एकजुटता के तेज होने के साथ ही भारत और वियतनाम ने क्षेत्रीय संपर्क गहरा कर लिया है, 'नए दौर में अपनी (भारत-वियतनाम) भूमिका बढ़ाने के लिए' संपर्क बढ़ाने और लोगों के बीच संपर्क के विस्तार को प्रोत्साहन देने के लिए प्रयासों को तेज कर दिया गया है। उन्होंने कहा, "मैं भारत और वियतनाम को एक साझेदार के रूप में पाता हूं जो वृहत्तर क्षेत्र में शांति, समृद्धि और स्थायित्व में योगदान दे रहे हैं।"

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें