सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को 1993 के मुंबई बम विस्फोट मामले में दोषी ठहराए गए और मौत की सजा पाए याकूब अब्दुल रज्जाक मेनन की सजा के अमल पर रोक बढ़ा दी। शीर्ष अदालत ने सजा बहाल रखने संबंधी आदेश की समीक्षा याचिका पर खुली अदालत में सुनवाई करने के अनुरोध पर महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी किया है। सजा निलंबित करने संबंधी 2 जून को दिए गए आदेश को बढ़ाते हुए न्यायमूर्ति टी. एस. ठाकुर, न्यायमूर्ति एस. ए. बोबडे और न्यायमूर्ति आर. बानुमति ने अपने आदेश में कहा कि सजा स्थगित रहेगी।
अपनी खारिज समीक्षा याचिका को फिर से सुनने का अनुरोध करते हुए मेमन ने शीर्ष अदालत की संविधान पीठ द्वारा 2 सितंबर को दिए गए फैसले का हवाला दिया। संविधान पीठ ने कहा था कि शीर्ष अदालत के मौत की सजा बहाल रखने के आदेश को वापस लेने की मांग करने वाली याचिका पर तीन न्यायाधीशों की पीठ द्वारा खुली अदालत में सुनवाई की जाएगी। मेनन की याचिका पर न्यायाधीशों ने कक्ष में सुनवाई की थी।

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