स्वच्छता अभियान में जुटा प्रशासन, झाड़ू लगाते अधिकारी
नरकटियागंज(अवधेश कुमार शर्मा) राष्ट्रीय स्वच्छता जागरूकता अभियान अन्तर्गत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अपील पर पूरे देश की जनता जिसमें कर्मचारी, अधिकारी, जनप्रतिनिधियों ने हाथ में झाड़ू लेकर प्रतिकात्मक सफाई अभियान चलाया। जिसकी तस्वीरे तकरीबन सभी मीडिया समूह ने प्रकाशित किया। नरकटियागंज अनुमण्डलीय शहर में वैसे इस अभियान के बावजूद कचरे सड़कों पर दिखे। इस प्रकार स्वच्छता अभियान औचित्यहीन नज़र आया। हालाकि अधिकारियों नेताओं और समाज की अगुवाई करने वाले अन्य प्रबुजनों का प्रतीकात्मक सफाई अभियान जैसे सराहनीय पहल के बावजूद परिणाम विहिन अभियान हास्यास्पद है। सफाईकर्मी कन्हैया, योगी राउत, रमेश राउत, सुनरपति देवी, प्रदीप मलीक, हीरा लाल, जयकान्त व अन्य बताते है कि हम सफाइकर्मियों को समाज समुचित महत्व नहीं देता। उधर अखबार वाले एक दिन प्रतीकात्मक काम करने वाले अधिकारियों व नेताओं की तस्वीरे प्रकाशित कर अपने आपको बड़े समाज का श्रेष्ठ पहरूआ समझते है। स्वच्छता अभियान का कड़वा सच यह कि कुछ देर के लिए हाथ में झाड़ू लेकर फोटो खिंचवाने वाले हमारे समाज के कर्णधार पत्रकारों के फोटो खिंचने के साथ स्वयं को स्वच्छ करने के लिए साबुन और हैण्डवास का सहारा ले लिया। उसके बाद शहर में चर्चा बन गयी कि अधिकारियों, कर्मचारियों व नेताओं ने शहर की सफाई की। अधिकारिक स्वच्छता अभियान में अनुमण्डल पदाधिकारी कौशल कुमार, अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी अमन कुमार, भूमि सुधार उपसमाहर्ता इस्तेयाक अली अंसारी, अंचलाधिकारी सुनिल कुमार सिंह, नगर परिषद के मुख्य पार्षद सुनिल कुमार व अन्य शामिल हुए। स्वच्छता व स्वच्छ भारत अभियान के बावजूद थाना व डाकघर के पूर्वी किनारे पर कचरे का अम्बार लगा हुआ है।
भिखनाठोरी बीओपी बना तस्करों का सुरक्षित क्षेत्र, भारत के लिए आतंकी खतरा
नरकटियागंज (कासं.) भारत-नेपाल की खुली सीमा का भिखनाठोरी बाॅर्डर इन दिनों तस्करों का सेफजोन बन गया है। भारतीय लोगों ने सशस्त्र सीमा बल के सेनानायक को पत्र भेजकर बताया है कि एसएसबी के इन्सपेक्टर की मिली भगत से अवगत कराया है। सूत्र बताते हैं कि भारतीय देशी शराब, कपड़ा, दाल, चीनी, तेल, युरिया(उर्वरक) समेत अन्य खाद्य सामग्री खुलेआम एक निश्चित समय में सीमा पार कराया जाता है। उस वक्त बिहार पुलिस व सशस्त्र सीमा बल के जवान तस्करों को खुली छूट दिये होते हैं। वैसे अन्य समय में आप छोटी-छोटी सामान भी नहीं ले जा सकते है। इतना ही नहीं सीमा पार से बड़ी मात्रा में नेपाली तस्कर भारत में हथियार, मादक द्रव्य, नकली नोट भेजने में कामयाब होते है। आतंकवाद के पोषक उनके सहयोगी भी सीमा पर तैनात प्रहरियों और अधिकारियों की समुचित कीमत लगाकर खुलेआम आते-जाते रहते है। जिससे भारत को भविष्य में किसी बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। गौनाहा प्रखण्ड के लोगों ने एसएसबी के सेनानायक को भेजे गुप्त पत्र में खुलासा किया है, नेपाल को भेजे जाने वाले अवैध कारोबारियों का सीधा सम्पर्क सीमा पर तैनात अधिकारियों से बना हुआ है। बावजूद सीमा पर तस्करी में कोई कमी नज़र नहीं आ रही है। भारतीय सामान के नेपाल जाने से नेपाल को राजस्व प्राप्ति होती है। अलबत्ता भारत सरकार को कोई राजस्व नही मिलता। मुनाफे में भारत मंे आतंकवादी के लिए भिखनाठोरी एक सुरक्षित रास्ता बन गया है।
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