बंद हुईं दो और पत्थर खदानें लीज मालिकों ने कलेक्टर को सौंपा खदान छोड़ने का पत्र
- स्थानीय मंत्री और प्रशासन द्वारा नाजायज तरीके से परेशान करने का आरोप
पन्ना। जिले में बड़ी संख्या में मजदूरों को रोजगार देने का जरिया रहीं पत्थर खदानें मंत्री कुसुम सिंह महदेले के चलते एक बार फिर से संकट के दौर में आ खड़ी हुई हैं। इसकी वजह यह है कि पत्थर खदान संचालित करने वाले ठेकेदारों पर इस समय प्रशासन द्वारा जबरिया दबाव बनाते हुए परेशान करते हुए उन पर अनुचित तरीके से कार्यवाही की जा रही है। बीते दिनों जिला प्रशासन द्वारा पत्थर खदान ठेकेदार और कांग्रेस के महामंत्री श्रीकांत दीक्षित की जमुनहाई में संचालित खदान में एकतरफा छापामार कार्यवाही करते हुए वैधानिक प्रक्रिया अपनाये वगैर अवैध उत्खनन का प्रकरण पंजीबद्ध कर दिया और साथ ही साथ वैधानिक प्रक्रिया अपनाये वगैर पत्थर खदान से निकासी का कार्य रोक दिया। इस पत्थर खदान के बंद होने के साथ ही प्रशासन द्वारा की गयी कार्यवाही को स्थानीय मंत्री सुश्री कुसुम सिंह महदेले द्वारा राजनैतिक रंजिश भुनाने के चलते जिले के हजारों मजदूर, जिनकी पत्थर खदान से रोजी रोटी चलती थी, उनका रोजगार छीनने की साजिश रचने की बात सामने लाई गयी और कांग्रेस नेता द्वारा स्थानीय मंत्री सुश्री कुसुम सिंह महदेले को सीधे तौर पर इसके लिए जिम्मेदार ठहराया तथा कहा कि जहां एक ओर रोजगार विहीन जिले में रोजगार के साधन एवं अवसर निर्मित करने की बात की जा रही है, वहीं दूसरी ओर स्थानीय व्यवसाई जो जिले के गरीब मजदूरों को रोजगार उपलब्ध हो सके तथा शासन को राजस्व मिल सके, इसके लिए पत्थर खदान का संचालन कर रहे थे, उन्हीं पत्थर खदान ठेकेदारों को स्थानीय मंत्री अवैधानिक तरीके से प्रकरणों में फसाने की कोशिश कर रहीं हैं। ऐसी स्थिति में इस जिले में व्यवसाईयों को काम करने का माहौल ही नहीं रहेगा। जिसके चलते पत्थर खदान ठेकेदार पत्थर खदानों का संचालन बंद करने के लिए मजबूर हो गये हैं।
कलेक्टर को खदान बंद करने की चिट्ठी
कलेक्टर द्वारा की गयी कार्यवाही के चलते जमुनहाई की खदान जिसका संचालन श्रीकांत दीक्षित कर रहे थे, उसकी निकासी पहले से ही अवैध तरीके से बंद कर दी गयी थी और इसी के चलते आज श्रीकांत दीक्षित द्वारा अपनी लीज की एक और पत्थर खदान जिसका उत्खनन पट्टा ग्राम माझा में खसरा क्र. 20/2 में उन्हें मिला था, खदान को पूरी तरह से बंद करने के संबंध में आज उनके द्वारा जिला कलेक्टर रवीन्द्र मिश्रा को लिखित पत्र सौंप दिया गया। श्रीकांत दीक्षित के अलावा एक अन्य ठेकेदार ओम प्रकाश पाठक जिनके द्वारा शासन से ग्राम रक्सेहा के खसरा क्रमांक 143 रकवा 2 हेक्टेयर में स्वीकृत पत्थर खदान संचालित की जा रही थी, उनके द्वारा भी उत्खनन पट्टा त्यागने संबंधी लिखित पत्र कलेक्टर को सौंप दिया गया है। दोनों पत्थर खदान लीज होल्डरों श्रीकांत दीक्षित तथा ओम प्रकाश पाठक ने अपनी खदानों से त्याग पत्र दिये जाने की वजह भी पत्र में उल्लेखित की है, जिसमें कहा गया है कि मंत्री सुश्री कुसुम सिंह महदेले एवं प्रभारी मंत्री गौरी शंकर शेजवार ने जिला प्रशासन को गहरे दबाव में ले रखा है, जिनके द्वारा राजनैतिक प्रतिशोध के तहत् जमुनहाई की पत्थर खदान में अवैधानिक तरीके से कार्यवाही कराई गयी और खदान का रास्ता खुदवाकर निकासी बंद करा दी गयी। जबकि माईनिंग एक्ट के तहत् किसी भी खदान का रास्ता नहीं रोका जा सकता और न ही निकासी रोकी जा सकती है। ठेकेदारों का कहना है कि स्थानीय मंत्री सुश्री कुसुम सिंह महदेले का जिस तरह से प्रतिशोधात्मक रवैया है, उससे ऐसा महसूस हो रहा है कि इन परिस्थितियों में यदि वह अथवा उनके रिश्तेदार खदान या व्यवसाय संचालित रखते हैं तो उन्हें फर्जी प्रकरणों में फंसाया जा सकता है और उनकी सामाजिक मान प्रतिष्ठा को भी क्षति पहुंचाई जा सकती है।
मंत्री और उनके परिजनों की अनियमितताएं सामने आएंगी
पत्थर खदानों से इस्तीफा सौंपने के बाद कांग्रेस नेता श्रीकांत दीक्षित ने अपने कार्यालय में एक प्रेस कान्फ्रेंस की, जिसमें उन्होेने कहा कि प्रदेश की केबिनेट मंत्री सुश्री कुसुम सिंह महदेले अपने पद एवं प्रभाव का लम्बे समय से दुरुपयोग कर रहीं हैं। जिले के विकास की जगह इनका ज्यादातर ध्यान अपने पारिवारिक जनों को संरक्षण देने एवं उन्हें अनुचित तरीके से लाभ दिलाने में रहा है। अब सुश्री महदेले अपने राजनैतिक द्वैष एवं स्वार्थ सिद्धि के चलते पत्थर खदानों को बंद कराकर लोगों का रोजगार छीनने में लगीं हैं। इस पूरे मामले पर वह शांत नहीं रहेंगे। आपने कहा कि उन्हें विश्वस्त सूत्रों के माध्यम से मंत्री सुश्री महदेले एवं उनके परिजनों द्वारा की गयीं अनियमितताओं की जानकारियां प्राप्त हो रहीं हैं, जिन्हें प्रमाण के साथ वह शीघ्र ही सामने रखेंगे तथा जिले एवं आम जनता के हित में अपने निजी हितों को त्यागकर संघर्ष करेंगे।

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