हाल ही में विजय हजारे ट्राफी में रनरअप रही पंजाब के स्टार खिलाडी हरभजन सिंह ने अपने घरेलू प्रर्दशन पर खुशी जताते हुए कहा है कि उनका लक्ष्य आगामी विश्वकप के लिए टीम इंडिया में जगह बनाना है। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद.आईसीसी. के एक प्रचारात्मक कार्यक्रम में यहां हिस्सा लेने आए हरभजन ने कहा.. मेरा लक्ष्य विश्वकप है। आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में होने वाले विश्वकप में टीम का हिस्सा बनना अहम होगा। एक खिलाडी के लिए विश्वकप बहुत बडा टूर्नामेंट है और मेरी उम्मीदें अभी जिन्दा है। वर्ष 2011 में विश्वकप विजेता भारतीय टीम का हिस्सा रहे हरभजन ने कहा.. हर सुबह जब मैं उठता हूं तो सकारात्मक रहता हूं और सोचता हूं कि मैं टीम का हिस्सा बनने जा रहा हूं। मैं दोबारा भारत के लिए अच्छा करने के लिए अपने आप को प्रेरित करता हूं। जाहिर है कि मैं आगे हर मैच में अच्छा प्रर्दशन करके भारतीय टीम में फिर से जगह बनाने की तरफ देख रहा हूं।
पंजाब की तरफ से राष्ट्रीय वनडे टूर्नामेंट में अपने प्रर्दशन के बारे में भज्जी ने कहा.. मैं अपने गेंदबाजी के प्रयासों से खुश हूं कि मैंने टीम को विजय हजारे के फाइनल तक पहुंचाया। मुझे गर्व है कि पंजाब के खिलाडियों ने अच्छा प्रर्दशन किया। यह थोडा दुर्भाग्यपूर्ण रहा कि हम ट्राफी नहीं उठा सकें। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि अगली बार हम ज्यादा बेहतर तैयारी के साथ आए और ट्राफी जीते। 101 टेस्ट और 229 वनडे मैचों में खेल चुके हरभजन ने भारतीय टीम के आस्ट्रेलियाई दौर के बारे में कहा..आस्ट्रेलिया में खेलने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप सकारात्मक खेले लेकिन जितना आस्ट्रेलियाई टीम को जानता हूं वह बेहद खतरनाक टीम है विशेषकर अपनी सरजमीं पर। उन्हें हराने के लिए आपको आक्रामक होने की जरुरत है। वर्ष 2007..08 में आस्ट्रेलियाई दौरे के दौरान कुख्यात .मंकीगेट. प्रकरण में शामिल रहे हरभजन ने कहा कि आक्रामक होने का मतलब अपशब्दों का इस्तेमाल करना नहीं है। उन्होंने कहा..आक्रामक से मेरा मतलब कुछ गलत करने से नहीं है। जैसा आप खेलते हो उससे आक्रामकता दिखती है।

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