विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इराक में 39 भारतीय बंधकों के मारे जाने की खबर पर सफाई देते हुए कहा है कि अभी इन बंधकों को मृत बताना ठीक नहीं है बल्कि यह कहना उचित होगा कि उनका अभी तक अता पता नहीं चल पाया है। श्रीमीत स्वराज ने राज्यसभा में इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण की विपक्ष की मांग पर अपने जवाब में यह बात कही। उन्होंने कहा कि इराक में बंधक बनाए गए भारतीयों में से एक हरजीत ने केवल यह बताया है कि 39 भारतीय बंधक मारे गए जबकि छह अन्य स्रोतों ने उनके जीवित होने की बात कही है. लेकिन यह सच है कि उन बंधकों से अभी संपर्क नहीं हो पाया है और न ही यह सबूत मिला है कि वे जिन्दा है या मारे गए है. इसलिए अभी यह कहना ही उचित होगा वे कथित रूप से मारे गए है और उनका अता पता नहीं चल पाया है। उन्होंनें कहा कि वह गोपनीयता की शपथ लेने के कारण उन छह स्रोतो की जानकारी सार्वजनिक नहीं कर सकती और सार्जनिक कर देने से उन स्रोतों पर भी खतरा हो सकता है. लेकिन उन्होंने अपने दो सहयोगियों वित्त मंत्री अरूण जेटली तथा केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरन कौर को जरूर इन स्रोतों की जानकारी दी है।
उन्होंनें यह भी कहा कि वह कथित रूप से मारे गए बंधकों के परिवारवालों से 5 बार मिल चुकी है और उनके साथ तीन बार हरसिमरन कौर भी थी। उन्होंनें कहा कि इस पूरे प्रकरण में चश्मदीद गवाह केवल हरजीत ही है। बंगलादेश के शफी तथा हसन केवल हरजीत की बात को उद्धत कर रहे है. वे चश्मदीद गवाह नहीं है जबकि छह अन्य स्रोत भारतीय बंधकों के जीवित होने की बात कह रहे है और उन स्रोतो ने लिखित रूप से अपनी बात हमें कही है और मैंने श्री जेटली तथा श्रीमती हरसिमरन कौर को वे पत्र दिखाएं भी है। उन्होंनें कहा कि हरजीत सरकार के संपर्क में है और उसकी सुरक्षा भी रखी जा रही है। श्रीमत स्वराज ने कहा कि उन्होंने इस पूरे मामले मे सदन को कोई गुमराह नहीं किया है और कुछ भी छिपाया नहीं है. बल्कि भारतीय बंधकों का पता लगाने के लिए जमीन और आसमान एक कर दिया है।
उन्होंने कहा कि हरजीत के बयान में विरोधाभास भी है. इसलिए हमने उन छह स्रोतों के बयान के आधार पर भारतीय बंधकों की आज भी तलाश जारी रखी है और अब दो नए भारतीय अफसरों को भी इस काम में लगाया है जो अरबी भाषा भी जानते है। उन्होंने कहा कि अगर हम हरजीत के बयान को पूरी तरह स्वीकार कर लें तो भारतीय बंधकों की तलाश जारी रखना बंद कर देंगे। हरजीत तो पहले दिन से अपनी कहानी कह रहा है पर छह अन्य स्रोत दूसरी बात कह रहे है। इसलिए हम आज भी उन स्रोत की सूचनाों के आधार पर काम कर रहे है। उन्होंने कहा कि हमने उन हर देशों से. हर संस्था और हर व्यकि्त से मदद ली है जिनका इस पूरे मामले में सीधा संपर्क है। उन्होंने कहा कि वह भी उम्मीद करती है कि भारतीय बंधक जीवित निकले और जिस दिन उन्हें सबूत मिल जाएगा वह उन सभी को लाकर उपस्थित कर देगी।
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इससे पहले सदन की कार्यवाही शुरू होने पर कांग्रेस के आनंद शर्मा. राजीव शुक्ला. प्रमोद तिवारी. समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव. जया बच्चन जनता दल.यू. के शरद यादव. के0सी0 त्यागी. सपा की मायावती तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के माजिद मेनन. बीजू जनता दल के भूपिंदर सिंह. शिरोमणि अकाली दल के सुखदेव सिंह ढींढसा. तथा माकपा के पी. राजीव ने इराक में 39 भारतीय बंधकों के मारे जाने की खबर जोर शोर से उठायी और उन्होंने इस मामले में सरकार की विफलता का भी जिक्र किया। अधिकतर सदस्यों ने मीडिया की खबरों के आधार पर इन भारतीय बंधकों को मृत बताया केवल सुश्री मायावती ने कहाकि अभी केवल यह कहा जा सकता है कि इन बंधकों का अता..पता नहीं चला है। हालांकि कई सदस्यों ने यह भी कहा कि उनकी ईश्वर से प्रार्थना है कि भारतीय बंधक जीवित निकले और उनके मरने की खबर झूठी साबित हो। कांग्रेस के आनंद शर्मा ने कहा कि पहले सरकार ने यह बयान दिया था कि ये भारतीय बंधक कहा है. उनके ठिकाने का पता चल चुका है. लेकिन श्रीमती सुषमा स्वराज ने कहा कि उन्होंने कम से कम ऐसा कोई बयान नहीं दिया है। सदन में भारतीय बंधकों के मामले को उठाने के दौरान विपक्षी सदस्यों ने सीमा पर मारे गए छह जवानों का भी मामला उठाया। लेकिन श्रीमती स्वराज ने कहा कि वह इस मुद्दे पर बाद में सदन में जवाब देंगी।

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