एक दूसरे से नजरें तक मिलाने से कतराने वाले ने मिलाया हाथ - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 27 नवंबर 2014

एक दूसरे से नजरें तक मिलाने से कतराने वाले ने मिलाया हाथ

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नेपाल की राजधानी काठमांडू में दक्षिण एशियाई क्षेंत्रीय संघ दक्षेस.की बैठक के दौरान कल एक दूसरे से नजरें तक मिलाने से कतराने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफं ने आज हाथ मिलाकर एक दूसरे का अभिवादन किया हालांकि उन दोनों के बीच कोई संवाद नहीं हुआ।     दक्षेंस बैठक के आखिरी दिन आज मेजबान देश नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कोईराला ने दक्षेस बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे नेताों के सम्मान में पर्यटन स्थल धुलीखेल में दिन के भोजन का आयोजन किया था। इस मौके पर जैसे ही श्री मोदी और श्री शरीफं का आमना सामना हुआ दोनों नेताों ने हाथ मिलाकर एक दूसरे का अभिवादन किया।     इससे पूर्व दोनों नेताों ने अन्य नेताओं के साथ मिलकर धुलीखेल और उसके आसपास के स्थानों का दौरा किया 1धुलीखेल नेपाल का काफंी जाना माना पर्यटन स्थल है।

श्री मोदी  मोदी तथा श्री शरीफ ने कल  दक्षेस शिखर बैठक के मंच पर एक साथ बैठे थे लेकिन आपस में नजरें तक नहीं मिलायी थीं जबकि शिखर बैठक के दौरान दोनों नेताों के बीच द्विपक्षीय बैठक की संभावना जतायी जा रही थी।विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरूद्दीन के अनुसार दोंनो नेताों के बीच ऐसी कोई बैठक नहीं होगी क्योंकि पाकिस्तान की ओर से इसके लिए कोई प्रस्ताव नहीं आया है।      धुलीखेल में सदस्य देशों के नेताओं के बीच अनौपचारिक बैठक हुयी।उम्मीद की जा रही कि दक्षेस के कई नेता अनौपचारिक वार्ता में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को रेल .मोटरवाहन तथा विद्युत क्षेत्र में समझौतों के लिए राजी करने का प्रयास करेगें। 

पाकिस्तान को छोडकर दक्षेस के सभी सदस्य शिखर बैठक में ये तीन समझौते करना चाहते हैं। लेकिन पाकिस्तान इसमें बाधक बन रहा है।उनका कहना है कि वे इस संबंध में घरेलु प्रक्रियाएं पूरी नहीं कर पा रहे है।भारत ने भी इन समझौतों पर अब तक आम सहमति नहीं बनने पर निराशा व्यक्त की है।विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के अनुसार विभिन्न देशों के नेताों के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठकों में ये आम धारणा थी कि दक्षेस शिखर बैठक में इन समझौतों पर हस्ताक्षर न हो पाना ठीक नहीं होगा। 

मेजबान नेपाल भी चाहता है कि इन तीनों समझौतों पर हस्ताक्षर हो जाएं और उसके नेताों की भी कोशिश होगी कि पाकिस्तान इसके लिए राजी हो जाए 1 दक्षेस में कोई भी समझौता सभी सदस्य देशों की सहमति से ही सकता है। धुलीखेल में करीब पांच घंटे बिताने के बाद सभी नेता अपराह्न कांठमाडु लौटकर शिखर बैठक के समापन सत्र में भाग लेंगे। जिसमें काठमांडु घोषणापत्र को स्वीकृत किया जाएगा। 

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