अफवाह और प्रशासनिक चूक से भगदड़ में हुयी थी लोगों की मौत - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 29 नवंबर 2014

अफवाह और प्रशासनिक चूक से भगदड़ में हुयी थी लोगों की मौत

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बिहार में पटना के गांधी मैदान में रावण वध  के बाद मची भगदड़ की जांच कर रही दो सदस्यीय उच्च स्तरीय कमेटी  ने हादसा का कारण अफवाह बताते हुए पटना जिला प्रशासन .पुलिस.  नगर निगम और यातायात व्यवस्था को जिम्मेवार ठहराया है । राज्य के गृह विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी और अपर पुलिस महानिदेशक :मुख्यालय: गुप्तेश्वर पांडेय ने इस वर्ष के तीन अक्टूबर को गांधी मैदान में रावण वध के बाद मची भगदड़ की जांच रिपोर्ट सरकार को कल साैंपने बाद आज यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि घटना के तत्काल बाद उन्होंने मौके का मुआयना किया था। रिपोर्ट में इस हादसे के लिए अफवाह के अलावा पटना जिला प्रशासन . पटना पुलिस. पटना नगर निगम और यहां की यातायात व्यवस्था को जिम्मेवार ठहराया गया है । श्री सुबहानी और श्री पांडे ने कहा कि घटना स्थल की जांच के बाद दूसरे दिन वह पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल गये जहां इस हादसे में घायल लोगों से स्थिति की जानकारी ली। इसके बाद घायलों के परिजनों से भी जांच दल ने जानकारियां इकट्ठा की 1 घटना के  बाद राम गुलाम चौक पर लगे सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला गया 

दोनों अधिकारियों ने कहा कि हादसे के बाद गांधी मैदान और उसके आसपास तैनात किये गये पुलिस और दंडाधिकारी समेत अन्य लोगों का बयान लिया गया तथा घटना के समय मौजूद लोगों से भी पूछताछ की गयी। इस संबंध में पटना के तत्कालीन जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनु महाराज से भी जानकारियां ली गयी है । श्री सुबहानी और श्री पांडेय ने बताया कि जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से गांधी मैदान में रावण वध के दौरान प्रतिनियुक्त किये गये दंडाधिकारी और पुलिस बल के संबंध में जानकारियां ली गयी 1 उन्होंने कहा कि सभी परिस्थितियों को समझने और इस हादसे से जुड़ें लोगों का बयान र्दज करने तथा खुली जन सुनवाई के बाद रिपोर्ट सरकार को साैंपी गयी है । गृह सचिव और अपर पुलिस महानिदेशक ने बताया कि राज्य सरकार ने इस हादसे में दो बिंदुओं पर जांच करने का  निर्देश दिया था। घटना के कारणों एवं परिस्थितियों और घटना में यदि प्रशासनिक चूक हुयी है तो किस स्तर पर 1 उन्होंने कहा कि जांच के क्रम में यह पाया गया कि गांधी मैदान के दक्षिणी छोर पर रामगुलाम चौक के निकट केबुल का तार गिरा हुआ था।

दोनों अधिकारियों ने कहा कि केबुल का तार गिरे होने के कारण रावण वध के बाद निकल रही भीड़ से यह अफवाह फैली कि बिजली का तार टूटकर गिरा हुआ है जिसमें करंट है । अफवाह के कारण लोगों के बीच भगदड़ मच गयी जिसमें कई लोगों की मौत हो गयी तथा कई अन्य घायल हो गये। व्यवस्था में कमी थी यह भी पता चला है । श्री सुबहानी और श्री पांडेय ने कहा कि गांधी मैदान में जितनी बड़ी संख्या में लोग पहुंचे हुए थें उनके लिये पर्याप्त प्रशासनिक व्यवस्था नहीं की गयी थी और न ही भगदड़ को नियंत्रित करने के लिए कोई योजना बनाय गयी थी। इसके अलावा राम गुलाम चौक और आसपास के क्षेत्रों में लगे हाईमॉस्क लाईट के खराब होने के कारण रौशनी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं थी। गृह सचिव और अपर पुलिस महानिदेशक ने कहा कि इसी तरह गांधी मैदान और उसके आसपास के क्षेत्रों में दंडाधिकारी की संख्या आवश्यकता से कम थी और जो तैनात भी थें उनमें से भी कुछ घटना के वक्त नहीं थें 1 गांधी मैदान के दक्षिण गेट पर काऊ ट्रैपर भी टूटा हुआ था जो घटना का मुख्य कारण बना 

 दोनों अधिकारियों ने कहा कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए न तो ध्वनि विस्तारक यंत्र की व्यवस्था की गयी थी और न ही यातायात को नियंत्रित करने के लिए ट्रैफिक पुलिस के जवान मुस्तैद थे 1 उन्होंने कहा कि जांच के क्रम में यह स्पष्ट रुप से पता चला है कि इतनी बड़ी भीड़ के लिए तैयारी पूरी नहीं की गयी थी। श्री सुबहानी और श्री पांडे ने कहा कि इस हादसे के लिए जिम्मेवार अधिकारियों पर प्रक्रिया के तहत कार्रवाई की जायेगी 1 कार्रवाई सरकार के स्तर पर ही तय किया जायेगा जिसकी अनुशंसा की गयी है । उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि वहां मौजूद कुछ लोगों से पूछताछ में यह भी पता चला है कि भीड़ में कुछ अपराधी किस्म के लोग प्रवेश कर महिलाों के साथ अभद्र व्यवहार किया 1 महिलाों के साथ छेड़छाड़ भी भगदड़ का कारण हो सकता है ।  दोनों अधिकारियों ने कहा कि इस मामले में पुलिस और सामान्य प्रशासन के अधिकारियों .घायलों तथा घटना के समय मौजूद लोगों के बयानों का वीडियो रिकार्डिंग किया गया है । इस मामले में सौ लोगों के बयान लिये गये थे 1 उन्होंने स्पष्ट किया कि स्थानीय स्तर पर किसी भी तरह का आयोजन होने पर प्रशासन की जिम्मेवारी बनती है ।

श्री सुबहानी और श्री पांडेय ने कहा कि यह अनुशंसा की गयी है कि आगे से इस तरह के कार्यक्रम होने पर बेहतर ढंग से कैसे व्यवस्था की जाये 1 इसके लिए गांधी मैदान में मौजूद दरवाजों के अलावा चार बड़े दरवाजे और सीसीटीवी कैमरा तथा ध्वनि विस्तार यंत्र के साथ ही पर्याप्त लाईट की व्यवस्था का सुझाव दिया गया है । इसी तरह प्रवेश द्वार के निकट वॉच टॉवर बनेगा जहां नियंत्रण कक्ष भी होगा दोनों अधिकारियों ने कहा कि गांधी मैदान में कोई बड़ा कार्यक्रम होने से 24 घंटा पहले जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक स्वयं जांच करेंगे 1 व्यवस्था से संतुष्ट नहीं होने पर आयोजकों को सुधार के लिए दिशाश निर्देश दिये जायेंगे 1उन्होंने कहा कि इस वर्ष छठ के मौके पर बेहतर प्रशासनिक व्यवस्था की गयी थी। उल्लेखनीय है कि तीन अक्टूबर को रावण वध के बाद गांधी मैदान के दक्षिणी छोर पर रामगुलाम चौक के निकट मची भगदड़ में 33 लोगों की मौत हो गयी थी तथा 30 लोग घायल हो गये थें 1 इसके बाद मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के  निर्देश पर राज्य सरकार ने श्री सुबहानी और श्री पांडे की संयुक्त जांच कमिटी बनायी थी। सरकार ने हादसे के दो दिन बाद पांच अक्टूबर को पटना की तत्कालीन आयुक्त एन. विजयलक्ष्मी. पटना के पुलिस उप महानिरीक्षक अजिताभ कुमार . जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनु महाराज को पद से हटा दिया था। 

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