पाकिस्तान ने 2014में रिकार्ड बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 29 दिसंबर 2014

पाकिस्तान ने 2014में रिकार्ड बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया

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पाकिस्तान सेना की ओर से संघर्ष विराम के रिकार्ड उल्लंघन के कारण गोलियों .मोर्टारों और गोलों की गडगडाहट से पूरे साल जम्मू कश्मीर की सरहदें गूंजती रहीं और बेकसूर 32 आम नागरिकों के लहू से धरती लाल हो गयी पिंर भारतीय सेना ने ऐसा करारा जवाब दिया कि पडोसी मुल्क को संयुक्त राष्ट्र की शरण लेनी पडी. वर्ष 2014 में लोकसभा और विधानसभा चुनाव में खलल डालने के लिए लोकतंत्र के दुश्मन दहशतगर्दों ने राज्य को दहलाने की कई कोशिशें की लेकिन उनकी इस नापाक मंशा को नाकाम करने के लिए बहादुर सुरक्षा बलों के आतंकवाद विरोधी अभियान में 110आतंकवादी मारे गये। इस दौरान सीमा और देश के नागरिकों की रक्षा करने में 51बहादुर जवानों को प्राणोत्र्सग करना पडा. हालांकि पिछले वर्ष के मुकाबले इस बार शहीद होने वाले जवानों की तादाद कम रही. रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता र्कनल एस डी गोस्वामी ने बताया कि वर्ष 2003 से अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर लागू संघर्ष विराम के बाद से पाकिस्तान सेना ने 2014 में रिकार्ड 562बार इस विराम का उल्लंघन किया. सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक डी के पाठक ने भी कहा कि 1971के भारत शपाकिस्तान युद्ध के बाद से पडोसी मुल्क ने पहली बार इतनी जबर्दस्त पांयंिरग और गोलाबारी की है । 

अगस्त से अक्टूबर के बीच पाकिस्तानी रेंजरों ने अग्रमि भारतीय चौकियों के साथ ही सरहद के वाशिंदों को भी निशाना बनाकर सबसे भीषण फायरिंग की जिसमें 32आम नागरिक मारे गये और 32हजार से ज्यादा को घर शबार छोडकर पलायन करना पडा. सत्ताइस नवंबर को जिस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीपं नेपाल में दक्षेस सम्मेलन में शिरकत कर रहे थे .उसी समय जम्मू संभाग के अरनिया सेक्टर  में आतंकवादियों ने सेना पर हमला किया. इसके बाद चौबीस घंटे से भी ज्यादा चली मुठभेड में पांच नागरिक और तीन सैनिकों समेत 12 लोगों के मारे जाने की घटना भी सुर्खियों में रही. अक्टूबर से दिसंबर तक पांच चरणों में पूरे हुए विधानसभा चुनाव के दौरान आतंकवादियों ने हमलों से लोगों में खौफ पैदा करने की कोशिश की और साल का अंत आते शआते दिसंबर में सबसे ज्यादा खून शखराबा हुआ जिसमें पांच नागरिकों और 13जवानों समेत 31जानें गयीं.

 तीसरे चरण के चुनाव के ठीक चार दिन पहले पांच दिसंबर को दहशतगर्दों ने एक साथ कई हमले करके कश्मीर घाटी में आतंक का तांडव मचाया. लोकतंत्र के महापर्व में खलल डालने की आतंकवादियों की कोशिश को नाकाम करने में 11 सुरक्षार्कमी वीरगति को प्राप्त हुए जबकि दो आम नागरिक मारे गये।इस दौरान जांबाज जवानों ने सभी आठ आतंकवादियों को ढेर कर दिया. इसी दिन हथ्ियारों से लैस आतंकवादियों ने बारामूला जिले के  उडी सेक्टर में मोहरा स्थितसेना के 31फील्ड रेजीमेंट आर्डिनेंस कैंप पर हमला करके मतदाताों को खौफजदा करने की कोशिश की. आतंकवादियों के साथ चली भीषण मुठभेड में एक लेफिटनेंट र्कनल समेत सेना के आठ जवान .जम्मू कश्मीर पुलिस बल के एक थानाप्रभारी और दो कांस्टेबलों को जान गंवानी पडी 1छह आतंकवादियों के सफाये के साथ यह मुठभेड समाप्त हुई.

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