मधु कोड़ा, दो पूर्व आईएएस अधिकारियों, अन्य के खिलाफ आरोपपत्र - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 12 दिसंबर 2014

मधु कोड़ा, दो पूर्व आईएएस अधिकारियों, अन्य के खिलाफ आरोपपत्र

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केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाला मामले में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोडा, झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव अशोक कुमार बसु और छह अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है। आरोपपत्र विशेष सीबीआई न्यायाधीश भरत पाराशर के समक्ष दायर किया गया, जिन्होंने जांच अधिकारी के यह कहे जाने के बाद इस पर विचार के लिए 22 दिसंबर की तारीख निर्धारित की कि वह कुछ दिन में मामले में आवश्यक दस्तावेज दाखिल कर देंगे। कोडा और मधु के अतिरिक्त पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता तथा दो लोक सेवकों बसंत कुमार भटटाचार्य और बिपिन बिहारी सिंह के खिलाफ भी आरोपी के रूप में आरोपपत्र दायर किया गया है। आरोपी कंपनी विनी आयरन एंड स्टील उद्योग लिमिटेड के निदेशक वैभव तुलसियान और एक निजी व्यक्ति विजय जोशी के नाम भी सीबीआई की अंतिम रिपोर्ट में आरोपी के रूप में लिए गए हैं। सभी आरोपियों के खिलाफ भादंसं की धारा 120-बी (आपराधिक षडयंत्र), 420 (धोखाधड़ी) और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए हैं।

 वरिष्ठ लोक अभियोजक वीके शर्मा ने अदालत को बताया कि एजेंसी द्वारा आरोपी बनाए गए आठ लोगों में से दो आरोपी सिंह और भट्टाचार्य अब भी सरकारी सेवा में हैं, इसलिए उनपर अभियोग के लिए सक्षम प्राधिकरण से आवश्यक अनुमति मांगी गई है। न्यायाधीश ने कहा, मामले के तथ्यों और परिस्थितियों के मददेनजर, निर्देश दिया जाता है कि जांच अधिकारी वर्तमान अंतिम रिपोर्ट पर अदालत द्वारा विचार के लिए आरंभिक रूप से दस्तावेजों के संभावित सेटस का संकलन तैयार करेगा। उन्होंने कहा, मामले को 22 दिसंबर को विचार के लिए रखिए। मामले में कोडा और अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दायर करने का सीबीआई का कदम अदालत द्वारा पांच सितंबर को एजेंसी के पूर्व के आरोपपत्र को वापस किए जाने के बाद आया है। अदालत ने पूर्व में सीबीआई द्वारा दायर किया गया आरोपपत्र यह कहकर लौटा दिया था कि एजेंसी उसके सवालों पर कोई ठोस व्याख्या देने में विफल रही है। मामला विनी आयरन एंड स्टील उद्योग लिमिटेड को झारखंड के राक्षरा शहर में कोयला ब्लॉक आंवटन से जुड़ा है जिसमें सीबीआई द्वारा सितंबर 2012 में दर्ज की गई प्राथमिकी में इसके निदेशकों और कोयला मंत्रालय, झारखंड सरकार के अज्ञात लोक सेवकों तथा अन्य को आरोपी बनाया गया था।

सीबीआई ने विनी आयरन एंड स्टील उद्योग लिमिटेड, इसके निदेशकों-संजीव कुमार तुलस्यान, प्रशांत तुलस्यान, वैभव तुलस्यान, निशा तुलस्यान, निर्मला तुलस्यान और हेमंत कुमार अग्रवाल के खिलाफ भादंसं की धारा 120-बी के साथ 420 पढ़ें और भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के विभिन्न प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया था। उनके अतिरिक्त, चार्टर्ड एकाउंटेंट नवीन कुमार तुलस्यान और कोयला मंत्रालय क्षारखंड सरकार के अज्ञात अधिकारियों तथा अन्य के नाम भी प्राथमिकी में आरोपी के रूप में थे। सीबीआई ने अपनी प्राथमिकी में आरोप लगाया था कि फर्म ने क्षारखंड में 17.09 एमएमटी के भंडार के साथ राक्षरा उत्तर (मध्य और पूर्वी) कोयला ब्लॉक सहित कोयला ब्लॉकों के आवंटन के लिए आवेदन किया था। इसने कहा था कि शुरू में विनी आयरन एंड स्टील उद्योग लिमिटेड के पास इस्पात मंत्रालय या झारखंड सरकार की संस्तुति नहीं थी, लेकिन झारखंड के तत्कालीन सचिव, जो तीन जुलाई 2008 को स्क्रीनिंग कमेटी की 36वीं बैठक में शामिल हुए थे, ने कमेटी के मिनटस पर हस्ताक्षर किए थे जिसने फर्म के पक्ष में आवंटन की संस्तुति की थी। सीबीआई ने आरोप लगाया था कि विनी आयरन एंड स्टील उद्योग लिमिटेड ने अपनी शुद्ध परिसंपत्ति बढ़ाकर दिखाई थी और स्क्रीनिंग कमेटी की 36वीं बैठक की समयावधि के दौरान फर्म का स्वामित्व भी बदल दिया था।

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