चीन ने अमेरिका के मिसाइल रोधी कवच को भेदने में सक्षम एक सुपर सोनिक प्रक्षेपास्त्र का सफंल परीक्षण किया है। चीन के रक्षामंत्रालय ने इसकी पुष्टि की है। रक्षामंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार इस मिसाइल .वू 14. का देश के पश्चिमी हिस्से में किसी स्थान पर सफंल परीक्षण किया गया। हालांकि इसमें कहा गया है कि यह परीक्षण किसी देश की सैन्य क्षमता को नजर में रखते हुए नहीं किया गया है।वेबसाइट पर मिसाइल के बारे में इससे अधिक कोई जानकारी नही दी गयी है।
रूस की समाचार एजेंसी रिया नोवोंस्ती ने मिसाइल की खूबियां गिनाते हुए खबर दी है कि वू 14 मिसाइल को परीक्षण के दौरान एक इंटर कांटिनेंटल मिसाइल के जरिए दागा गया।इस प्रक्रिया के एक चरण में वू 14 मिसाइल वायुमंडल की ऊपरी सतह पर जाकर दागी गयी मिसाइल से अलग हो गयी और बाद में ध्वनि की गति से करीब दस गुना अधिक तेजी से यानी करीब 12800 किलोमीटर की तेज रफतार से धरती की ओर लपकी।
रक्षा जानकारों के अनुसार दक्षिण चीन सागर में स्थित द्वीपों को लेकर पडोसी देशों के साथ बढती तनातनी के बीच अपनी रक्षा क्षमता को दुरूस्त करने की तैयारियों के मद्देनजर संभवत चीन ने यह परीक्षण किया है। रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार इतनी तेज गति वाले सुपरसोनिक मिसाइल प्रौद्योगिकी पर रूस की .टेक्टिकल मिसाइल वेपन कंपनी. नए सिरेसे अनुसंधान कर रही है।इस प्रौद्योगिकी पर वर्ष 1980 में प्रतिबंध लगा दिया गया था। यूक्रेन को लेकर पश्चिमी देशो के साथ बढते तनाव के कारण चीन और रूस की नजदीकियां बढने की खबर है।ऐसा माना जा रहा है कि मिसाइल की इस प्रौद्योगिकी में भी दोनों देश कहीं साथ साथ आ रहे हैं।

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