धर्मांतरण के मुद्दे पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े संगठनों पर निशाना साधते हुए माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने संघ के कथित .घर वापसी. कार्यक्रम पर रोक लगाने की आज मांग की। पार्टी पोलित ब्यूरो की ओर से यहां जारी एक बयान में कहा कि संघ के कथित .घर वापसी. कार्यक्रम पर मौजूदा कानूनों के प्रावधानों के तहत रोक लगायी जानी चाहिए। बयान में कहा गया है कि धर्मांतरण के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी और संघ के बयान विरोधाभासी हैं।
माकपा ने कहा है ..संघ प्रमुख मोहन भागवत ने धर्मांतरण को सही ठहराते हुए इसे घर वापसी की संज्ञा दी है। आगरा में कराये गए धर्मांतरण से यह बात सामने आ गई है कि वहां धर्मांतरण के लिए किस प्रकार से प्रलोभन दिया गया था।. पोलित ब्यूरो के अनुसार. भाजपा और संघ के नेता जबर्दस्ती धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए कानून बनाने की मांग कर रहे हैं. जबकि इसके लिए किसी कानून की जरूरत नहीं है. क्योंकि संविधान के अनुच्छेद 25 में धर्म और पेशे की आजादी है। जबरन धर्मांतरण का मुद्दा भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए के दायरे में आता है। इसलिए नये कानून की आवश्यकता नहीं है।

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