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सोमवार, 1 दिसंबर 2014

भारत में मधुमेह रोगियों की संख्या दुनिया में सबसे अधिक

india-has-most-diabetic-patientभारत में मधुमेह रोगियों की संख्या चार करोड़ से अधिक होने के साथ इसका विश्व में पहला स्थान है जो विश्व की कुल पीडि़तों की आबादी का 15 प्रतिशत है। भारत में ग्लूकोज से परहेज नहीं कर पाना मधुमेह के लिए बहुत बड़ी समस्या है जिसके कारण 2025 तक इसमें सात करोड़ और रोगियों के जुड़ने की संभावना है।  मधुमेह रोग वैश्विक और गैर.संचारी महामारी का रूप धारण कर चुका है। यह बीमारी विश्व की 6.6 फीसदी जनसंख्या को अपने चपेट में ले चुकी है जिसमें  20..79 वर्षा की उम्र के लोग हैं। अंतरराष्ट्रीय मधुमेह फेडरेशन के अनुसार वर्ष 2025 तक इसकी चपेट में संसार के 3808 करोड़ लोग आ जाएंगे।  फेडरेशन ने 2007 में अनुमान लगाया था कि संसार में सबसे ज्यादा मधुमेह रोगी 4.9 करोड़ भारत में हैं 1 उसके बाद चीन 3.9 करोड़ . संयुक्त राज्य अमेरिका 1.9 करोड़. रू स 1.6 करोड़ और र्जमनी 74 लाख है। 

भारतीयों  में टाइप..2 मधुमेह बहुत तेजी से बढ रहा है जिसके  पीछे वंशानुगत और जीवन शैली में आए बदलाव . कैलोरी की मात्रा भोजन में बढ़ जाना और व्यायाम से दूर भागती पीढी.  किशोरों में मधुमेह रोग का पाया जाना प्रमुख कारण है। इसके महामारी का रूप धारण करने के पीछे वही सब कारण हैं जो विश्व के विकसित देशों में प्रचलित है। अंधाधुंध शहरीकरण. कैलोरी की खपत बढना. मोटापा बढना. फास्ट फूड का बढता चलन भारत में मधुमेह की बढती महामारी के मुख्य कारण हैं। दूसरी ओर शारीरिक श्रम वाले कार्यों में आ रही कमी और सेवा क्षेत्र की नौकरियों में बढ़ोतरी. वीडियो गेम्स का बढता चलन टेलीविजन और कंप्यूटर जिससे लोग घंटों चिपककर बैठे रहते हैं मधुमेह रोग को बढ़ावा देते हैं।

गरीबों और ग्रामीणों में यह बीमारी आमतौर पर नहीं पायी जाती लेकिन अमीरों में तेजी से बढ़ती यह बीमारी गंभीर समस्या का रूप धारण कर रही है। शहरी क्षेत्रों में झुग्गी..झोपडियों के लोगों अब यह रोग फैल रहा है इसलिए अब यह कहा जाने लगा है कि मधुमेह केवल अमीरों और बडे लोगों की ही बीमारी नहीं रह गई है ।अब यह उच्च तथा वर्ग मध्य वर्ग यहां तक कि गरीबों को भी अपनी चपेट में ले रही है। नवंबर को राष्ट्रीय मधुमेह माह घोष्ित किया गया है ताकि न केवल देशभर के बल्कि पूरे विश्व में इससे बचाव के लिए संवाद किया जा सके और लोगों की जीवन शैली में बदलाव के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। नवंबर को विश्व मधुमेह दिवस इसलिए भी मनाया जाता है क्योंकि इस बीमारी के उपचार के लिए इंसुलिन के आविष्कारक डेरिक बंटिंग की जन्म तिथि भी 14 नवंबर ही है । बंटिंग और चाल्र्स बेस्ट ने मिलकर इंसुलिन का आविष्कार किया था। 

मधुमेह .गुर्दा तथा ह्दय रोग विशेषज्ञ डा0 बलविंद्र सिंह वालिया ने बताया कि बच्चों का अब खेलकूद के प्रति रूझान घटना और मोबाइल .कंप्यूटर खेलों की तरफ बढ़ना .टीवी से चिपके रहना और जंक फूंड खाने से बच्चे भी इस रोग के शिकार हो रहे हैं 1 मधुमेह एक तरह की स्थायी बीमारी है जिसमें जीवन भर उपचार की जरू रत पड़ती है इसके कारण मरीज और उसके परिवार पर आर्थिक भार पड़ता है। मधुमेह की बीमारी कई अन्य जटिल कारकों को भी साथ लाती है और यह महंगे साबित होते हैं 1 मधुमेह के दौरान हृदय रोगों की संभावना 21.4 प्रतिशत ज्यादा बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि  धमनी संबंधी रोग 17.5 प्रतिशत. अल्सर की संभावना 6.3 से 30 फीसदी. रेटिना संबंधी बीमारी 19.00 प्रतिशत और किडनी संबंधी रोगों की संभावना 26.3 प्रतिशत ज्यादा बढ जाती है।

 तेजी से भारतीय समाज में इसके पैर पसारने के कारण केन्द्र सरकार सातवीं पंचवष्रीय योजना 1987 में राष्ट्रीय मधुमेह नियंत्रण कार्यक्र म बनाने पर मजबूर हो गई थी। उस समय बजट की कमी के कारण तमिलनाडु .जम्मू..कशमीर और र्कनाटक के कुछ जिलों में यह कार्यक्र म रोकना पड़ा था। हालांकि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने गैर..संचारी रोगों की विकरालता को ध्यान में रखते हुए जनवरी 2008 में राष्ट्रीय मधुमेह हृदयघात रोग नियंत्रण एवं बचाव कार्यक्र म की शुरूआत की थी। भारत सरकार ने 2010 में राष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण कार्यक्र म में ही मधुमेह हृदयाघात  धमनी रोग नियंत्रण कार्यक्र म को एक साथ मिला दिया था। वर्तमान में यह कार्यक्र म देश के 100 जिलों में चल रहा है और बारहवीं पंचवष्रीय योजना के दौरान इसका विस्तार पूरे देश में कर दिया जाएगा। जिला स्तर पर इन सभी कार्यक्र मों  को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत लाए जाने की योजना है। 

बारहवीं पंचवष्रीय योजना के दौरान राष्ट्रीय कैंसर एवं मधुमेह नियंत्रण कार्यक्र म को 35 राज्यों केन्द्र शसित प्रदेशों में 2013..14 के दौरान पूरी तरह लागू करने की योजना है। जिला स्तर पर इस योजना को लागू करने के लिए इसे एनसीडी फलैकक्सी पूल के माध्यम से धनराशि उपलव्ध कराने की योजना है। इस कार्य में लगी वििभन्न इकाईयां 21 राज्यों में कार्य कर रही हैं। यह कार्यक्र म देश के 96 जिलों में कार्यरत है। अब तक 6.15 प्रतिशत संदिग्ध मधुमेह रोगी मिले हैं जबकि 5.12 प्रतिशत में मधुमेह पूर्व लक्षण पाये गये हैं 1 29000 ग्लूकोज मीटर 5.8 करोड ग्लूको स्टि्रप और 6.67 लैंक्टस 21 राज्यों में वििभन्न राष्ट्रीय स्वास्थय कार्यक्र मों के तहत वितरित किये जा चुके हैं। 31 मार्च 2014 तक 5539571 लोगों का मधुमेह चेकअप किया जा चुका था। यह चेकअप अिभयान वििभन्न स्वास्थय सुविध केन्द्रों  स्कूलों  शहरी झुग्गी झोंपडियों और कार्यस्थलों पर चलाया गया। साल 2011 में भारत सरकार और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने संयुक्त रू प से यह तय किया था कि राष्ट्रीय मधुमेह कार्यक्र म की निरंतर निगरानी करते हुए आगे बढाना है। राष्ट्रीय मधुमेह नियंत्रण के लिए बनाई गई इस कार्यक्र म की सफलता के लिए यह जरू री है कि लोग अपनी जीवन शैली में बदलाव लाएं और स्वास्थ जीवन शैली का अनुसरण करें। 

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