पूर्व प्रधानमंत्री एवं अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह का कहना है कि देश से बेरोजगारी उन्मूलन के लिए आठ से नौ प्रतिशत की आर्थिक विकास दर जरूरी है। डॉ. सिंह ने आज यहाँ उद्योग संगठन फिक्की द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहा यदि हम अपने जीवनकाल में बेरोजगारी को खत्म करना चाहते हैं तो हमें आठ से नौ प्रतिशत की विकास दर हासिल करनी होगी। उन्होने कहा कि भारत के पास इसके लिए अवसर भी है जिसे भुनाया जाना चाहिये।
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि इस समय अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत कम है। इससे हम अपना भुगतान संतुलन और वित्तीय घाटा सुधार सकते हैं। हमारे पास मौका है कि हम पहले छह से सात प्रतिशत की विकास दर हासिल करें और उसके बाद उसे आठ से नौ प्रतिशत तक ले जायें। हालॉंकि उन्होंने स्वीकार किया कि इस अवसर के साथ जोखिम भी है।
डॉ. सिंह ने कहा कि हम अकेले विकास नहीं कर सकते। इसके लिए हमें निर्यात करना होगा और घरेलू माँग को पूरा करने के लिए आयात भी करना होगा। वृहद स्तर पर आर्थिक मंदी के बाद उभरती हुई अर्थ व्यवस्थाों के पास विकास के ज्यादा अवसर हैं। विकसित देशों में जापान की अर्थव्यवस्था मंदी की ओर है वहीं र्जमनी की विकास दर दो प्रतिशत है और यूरो क्षेत्र में भी विकास गिर रहा है। दूसरी ओर उभरती अर्थव्यवस्थाों में चीन अभी सात प्रतिशत से ज्यादा की दर से बढ़ रहा है। भारत के लिए भी विकास दर बढ़ाना संभव है।

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