कट्टरपंथी संगठन इस्लामिक स्टेट ने गैर-मुस्लिम महिलाओं और बच्चों को दास बनाने और उनके साथ यौन संबंध बनाने को जायज ठहराया है। सीएनएन की रपट के मुताबिक, इस संदेश को पर्चो द्वारा प्रचारित किया जा रहा है। आईएस के इस पर्चे का शीर्षक है: महिला दास और उनकी स्वतंत्रता। जिन्हें आतंकवादियों के कब्जे वाले इराक के शहर मोसुल के लोगों में बांटा गया।
इन पर्चो में यह भी दावा किया गया है कि गैर मुस्लिम महिलाओं और बच्चों को बेचा जा सकता है और किसी को उपहार स्वरूप भी दिया जा सकता है। मोसुल के एक निवासी ने आईएस के पर्चो पर कहा कि हममें से ज्यादातर लोग इन पर्चो को लेकर हैरान हैं, पर हम कुछ कर नहीं सकते।
सीरिया और इराक में इस आतंकवादी संगठन के उदय के बाद से आईएस द्वारा अपहृत किए गए कई महिलाओं और बच्चों को बेचा जा चुका है और उनके साथ बलात्कार किया जा चुका है। यह आरोप उन सभी आरोपों से ज्यादा सनसनीखेज हैं, जो कि आईएस पर अब तक लगते आए हैं, जैसे बेकसूर लोगों को शरिया कानून के मुताबिक आईएस की विचारधारा का समर्थन नहीं करने पर मौत के घाट उतार देना आदि।
आईएस आतंकवादियों ने अल्ला के नाम पर पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के सर कलम करने के कृत्य को भी उचित ठहराया। इन पर्चो में कहा गया है कि अगर महिलाएं मुस्लिम नहीं है तो उनको बंधक बनाया जा सकता है। ज्यादातर पर्चो पर महिला दासों के साथ यौन संबंध बनाने के लिए आईएस की नीतियों के बारे में लिखा है, साथ में इनको जायज ठहराने के लिए कुरान के पवित्र पाठों का हवाला दिया गया है।

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