राजधानी की एक निचली अदालत ने बहुचर्चित ललित नारायण मिश्रा हत्याकांड मामले में चारों दोषियों को आज उम्रकैद की सजा सुनाई। कडकडडूमा अदालत के जिला जज विनोद गोयल ने चारों अपराधियों को आजीवन कारावास की सजा का एलान किया तथा प्रत्येक पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। इस हत्याकांड में 39 साल 11 महीने और 16 दिन बाद अपराधियों को सजा सुनाई गई है। श्री गोयल ने गत 15 दिसम्बर को इस मामले में सजा पर सुनवाई पूरी की थी और सजा के एलान के लिए आज की तारीख तय की थी। इससे पहले आठ दिसंबर को इस मामाले में चारों आरोपियों आनंदमार्ग अनुयायी..गोपाल जी. रंजन द्विवेदी . संतोषानंद अवधूत और सुदेवानंद अवधूत को भारतीय दंड संहित (आईपीएस) की धाराों 302 हत्या और 120 बी.. आपराधिक षडयंत्र.. के तहत दोषी करार दिया गया था।इनपर विस्फोट करने तथा सबूत नष्ट करने का दोष सिद्ध हुआ है।
अदालत ने उन्हें विस्फोटक कानून के तहत भी दोषी ठहराया था। इस मामले के एक अन्य आरोपी की मृत्यु हो चुकी है। अदालत ने 15 दिसम्बर को सुनवाई में दोषियों की सजा की अवधि पर दोनों पक्षों की राय सुनने के बाद सजा सुनाने के लिए आज की तारीख मुर्करर की थी। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने दोषियों को फांसी की सजा दी जाये या नहीं. इसका निर्णय अदालत पर छोड़ दिया था। बचाव पक्ष के वकीलों ने दोषियों की अधिक उम्र को देखते हुये नरमी बरतने की अपील की है। पूर्व रेल मंत्री ललित नारायण मिश्रा बिहार के समस्तीपुर जिले में 2 जनवरी 1975 को समस्तीपुर .मुजफफरपुर ब्राडगेज रेलवे लाइन का उद्घाटन करने गए थे जहां वह एक बम विस्फोट में गंभीर रू प से घायल हो गए थे। उन्हें दानापुर के रेलवे अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां अगले दिन उनकी मृत्यु हो गयी थी। इस घटना में दो और व्यक्ति मारे गए थे जबकि सात घायल हुए थे। इस मामले में 200 लोगों की गवाही हुई 1 इसमें 161 अभियोजन पक्ष और 40 बचाव पक्ष की तरफ से पेश किए गए।

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