उच्चतम न्यायालय ने मराठा आरक्षण संबंधी फैसले पर बम्बई उच्च न्यायालय की अंतरिम रोक के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार की याचिका की सुनवाई से आज इन्कार कर दिया। मुख्य न्यायाधीश एच एल दत्तू की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा फिलहाल बम्बई उच्च न्यायालय ने अंतरिम आदेश दिये हैं। इस बारे में उसका अंतिम फैसला आ जाने दीजिए।
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव से चार महीने पहले कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की गठबंधन सरकार ने नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में मराठों को 16 प्रतिशत और मुस्लिमों को पांच प्रतिशत आरक्षण देने का एलान किया था और इसके लिए एक अध्यादेश जारी किया था। इसके बाद उच्च न्यायालय में इस फैसले के खिलाफ एक जनहित याचिका डाली गई थी. जिसकी सुनवाई के दौरान उसने 14 नवंबर को अध्यादेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी।
हालांकि न्यायालय ने शिक्षण संस्थानों में मुसलमानों के पांच प्रतिशत आरक्षण को बरकरार रखा था। उच्च न्यायालय के फैसले के बाद राज्य की नवगठित फडणवीस सरकार ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। शीर्ष अदालत ने कहा कि उच्च न्यायालय का अंतिम फैसला आने तक वह इस मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी।

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