भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने मधुबनी गोलीकांड की जाँच के लिए गठित-न्यायिक जाँच आयोग की रिपोर्ट, जिसे सरकार ने विधानमंडल में पेष किया है, पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि यह रिपोर्ट मनगढ़ंत तथ्यों पर आधारित और राजनीति से प्रेरित है। पार्टी ने मांग की है कि राज्य सरकार इस रिपोर्ट को वापस ले और इसकी पुनः समीक्षा करें।
आज यहां जारी अपने बयान में पार्टी के राज्य सचिव राजेन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा है कि मधुबनी गोलीकांड की जाँच के लिए गठित न्यायिक जाँच आयोग की रिपोर्ट जान-बूझ कर प्रषासन और पुलिस को बचाने के लिए तैयार की गयी है। यह रिपोर्ट विरोधाभाषों से भरा पड़ा है। एक ओर रिपोर्ट में पुलिस द्वारा भीड़ पर कई राउन्ड गोली चलाने की बात कही गयी है और पुलिस की इस कार्रवाई को गलत भी माना गया है क्योंकि फायरिंग हवा में की गई है। दूसरी ओर रिपोर्ट पुलिस फायरिंग को जायज करार दे रही है। श्री राजेन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा है कि रिपोर्ट में प्रषासन की गलती भी बतायी गयी है लेकिन उसे भी क्लीनचीट दे दिया गया है। प्रषासन की गलती की वजह से ही लोगों में स्वतः गुस्सा फूटा और प्रषासन के खिलाफ शहर में जहां-तहां प्रदर्षन हुए। प्रषासन का विरोध स्वतःस्फूर्त ढंग से लोगों ने किया था किसी राजनीतिक दल के द्वारा आयोजित नहीं था। इस तथ्य को रिपोर्ट में नजरअदांज कर दिया गया है और राजनीतिक पार्टी के नेताओं और कार्यकत्र्ताओं को गलत रूप से जिम्मेवार बनाया गया है। यह रिपोर्ट आम जनता को स्वीकार नहीं होगी। इसलिए राज्य सरकार इस रिपोर्ट को वापस ले और इसकी पुनः समीक्षा करे जिससे घटना के दोषियों को पकड़ा जाय और केंस में फंसाए गए निर्दोष व्यक्तियों को न्याय मिल सके।

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