लखवी को जमानत दिए जाने की लोकसभा ने की निंदा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 19 दिसंबर 2014

लखवी को जमानत दिए जाने की लोकसभा ने की निंदा

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मुंबई में 2008 में हुए आतंकवादी हमलों के मुख्य आरोपी जकीउर रहमान लखवी को पाकिस्तान में जमानत दिए जाने के फैसले की लोकसभा ने आज कडे शब्दों में निंदा की। सदन ने एक प्रस्ताव पारित कर लखवी को जमानत दिए जाने के फैसले की एक सुर में निंदा की और केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि वह मुंबई हमले के मामले को संतोषजनक अंजाम तक पहुंचाने के लिए पाकिस्तान सरकार पर हरसंभव तरीके से दबाव बनाए जिसमें अन्य देशों के साथ अपने संबंधों के माध्यम से कदम उठाना भी शामिल है। प्रस्ताव में दोहराया गया है कि पाकिस्तान अपने यहां आतंकवाद के ढांचे को नेस्तनाबूद करे और यह सुनिश्चित करे कि भारत और क्षेत्र के दूसरे देशों के खिलाफ आतंकवादी अपनी नापाक हरकतों को अंजाम नहीं दे सकें। 

 लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन में यह प्रस्ताव पढा जिसका सदस्यों ने मेजें थपथपाकर र्समथन किया। प्रस्ताव में कहा गया है ..सदन 26 नवंबर 2008 के मुंबई हमले में 166 लोगों की हत्या के मुख्य आरोपी जकीउर रहमान लखवी को जमानत दिए जाने के फैसले की एक सुर में निंदा करता है। हम मुकदमे में देरी और पाकिस्तान सरकार के रवैये की निंदा करते हैं जिसके फलस्वरूप एक अभियुक्त आतंकवादी को जमानत मिली है। हम इस बात को लेकर भारत के लोगों की तरफ से गहरी चिंता व्यक्त करते हैं कि 145 मासूम बच्चों और अन्य लोगों की हत्या की नृशंस घटना के एक दिन बाद उसी देश ने एक अभियुक्त आतंकवादी को जमानत पर रिहा कर दिया।

प्रस्ताव में कहा गया है कि लगता है कि पाकिस्तान ने यह सबक नहीं सीखा है कि आतंकवादियों के साथ कोई समझौता नहीं होना चाहिए। सदन ने पाकिस्तान सरकार से अनुरोध किया कि वह लखवी को जमानत दिए जाने के खिलाफ अपील करने की अपनी घोषित मंशा पर सख्ती के साथ आगे बढे और यह सुनिश्चित करे कि किसी भी हालत में ऐसे व्यक्ति को रिहाई की अनुमति न मिले। प्रस्ताव में कहा गया है कि भारत के लोग इस बात को बहुत महत्व देते हैं कि 26/11 हमले के जिम्मेदार व्यक्तियों. पाकिस्तान में उनके आकाों और उनके सहयोगियों को सजा मिले। 

सदन ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि वह इस मामले को संतोषजनक अंजाम तक पहुंचाने के लिए पाकिस्तान सरकार पर हरसंभव तरीके से दबाव बनाए जिसमें अन्य देशों के साथ अपने संबंधों के माध्यम से कदम उठाना भी शामिल है। प्रस्ताव में दोहराया गया है कि पाकिस्तान अपने यहां आतंकवाद के ढांचे को नेस्तनाबूद करे और इस बात को सुनिश्चित करे कि आतंकवादी भारत और क्षेत्र के दूसरे देशों के खिलाफ अपनी नापाक हरकतों को अंजाम नहीं दे सकें।

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