धर्मांतरण के मुद्दे पर विपक्ष के कडे तेवर को देखते हुए संसद के शीतकालीन सत्र के आखिरी सप्ताह में भी राज्यसभा की कार्यवाही चलने की संभावना क्षीण नजर आ रही है। राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा से आज यहां कहा कि इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री के जवाब से कम उन्हें कुछ भी मंजूर नहीं है। यह पूछने पर कि सरकार के मंत्री इस मुद्े पर बयान देने को तैयार हैं तो विपक्ष को शांत हो जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमें सदन में सिर्फ प्रधानमंत्री का बयान चाहिए।गौरतलब है कि धर्मांतरण के मुद्दे पर राज्यसभा में प्रधानमंत्री के बयान देने को लेकर विपक्ष के हंगामें के कारण पूरे सप्ताह राज्यसभा की कार्यवाही बाधित रही।
श्री शर्मा ने इससे पहले यहां वाणिज्य उद्योग मंडल फिक्की के 87वें सालाना समारोह को संबोधित करते हुए सरकार पर करारा हमला किया और कहा कि श्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के पास कुछ भी नया करने को नहीं है। वह सिर्फ पुरानी योजनाों को नया रूप दे रही है लेकिन इसके लिए बजट में बढोतरी तक नहीं कर रही है। निर्मल भारत योजना का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि इसे अब स्वच्छ भारत योजना नाम दिया गया है लेकिन इसके लिए बजट सीमा वही रखी गई ैहै जो पहले उनकी सरकार के दौरान थी।
उन्होंने कहा कि सरकार हर मुद्दे को इस तरह से पेश कर रही है कि पहले जो कुछ हो रहा था वह सब गलत था और यह सरकार जो कर रही है वह सब असाधारण और अभूतपूर्व है। इसी तरह से संसद में भी परंपराों का उल्लंघन हो रहा है। पहले सभी विधेयक पारित होने से पहले स्थायी समिति के पास भेजे जाते थे लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं हो रहा है और सारी परंपराों को ताक पर रखकर काम किया जा रहा है।

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