कांग्रेस के कुछ पुराने नेताों द्वारा एक नया समानान्तर राजनीतिक संगठन खडा करने की कवायद के बीच लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद गंभीर राजनीतिक संकट के दौर से गुजर रही उत्तर प्रदेश कांग्रेस की मुश्किलें और बढ सकती हैं। प्रस्तावित नये राजनीतिक संगठन का नाम राजीव कांग्रेस होगा और इसमें कुछ पुराने कांग्रेसी शामिल हो सकते हैं। इस गुट से जुडे सूत्रों ने आज यहां बताया कि यह संगठन राज्यसभा के पूर्व सदस्य की पहल पर गठित होगा। इस समानान्तर संगठन के गठन के लिए लखनऊ में जल्द ही पुराने कांग्रेसियों की एक बैठक आहूत की जायेगी। उन्होंने बताया कि कांग्रेस के अनेक वरिष्ठ नेता राज्य में पार्टी की मौजूदा स्थिति से खिन्न हैं। ऐसा लगता है कि पार्टी नेतृत्व को राज्य में अमेठी और रायबरेली के अलावा किसी अन्य स्थान की परवाह नहीं है।
सूत्रों ने कहा कि इसके चलते पार्टी नेताों और कार्यर्कताों में असंतोष है और वे एक नया राजनीतिक संगठन स्थापित कर सकते हैं। इसके पहले हाल में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के रायबरेली यात्रा के दौरान पार्टी कार्यकर्त्ता ने उनकी बहिन प्रियंका गांधी वाड्रा को कांग्रेस की कमान साैंपे जाने की मांग को लेकर जमकर नारेबाजी की थी। इसके अलावा इलाहाबाद महानगर तथा राज्य के अन्य हिस्सों में भी कुछ साल से परोक्ष रुप से पार्टी नेतृत्व की क्षमता पर सवाल उठाये जाते रहे हैं।

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