भदोही। चार साल पहले किशोरी के साथ बलातकार के मामले में जिला न्यायालय ने आरोपी को सात साल की सश्रम कारावास एवं 10 हजार रुपये की अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड जमा न करने पर दो वर्ष का अतिरिक्त सजा होगी। इसके अलावा आईपीसी की धारा 506 के तहत दो वर्ष की सश्रम सजा सुनाई है। मुकदमें की पैरवी कर रहे अपर जिला शासकीय अधिवक्ता श्याम सूरत पांडेय ने बताया कि भदोही के सर्रोई दुलुमदासपुर निवासी 13 वर्षीय किशोरी के साथ गांव के ही बीरु उर्फ शाहआलम पुत्र स्वर्गीय बदरेआलम ने 10 अगस्त 2011 को रात्रि आठ बजे जबरदस्ती पकड बलात्कार की थी। इस मामलें में पीडि़ता के भाई संजय कुमार चैरसिया ने आईपीसी की धारा 376 के तहत नामजद रपट दर्ज कराई थी।
पीडि़ता द्वारा बताया गया कि वह उस दिन बाजार में सब्जी लेने गयी थी। सब्ली लेकर वह घर लौट रही थी। रास्ते में आरोपी ने उसे पकड़ लिया। शोर मचाने पर मुंह दबाकर जबरन बलात्कार किया। इसके बाद वह घटना की जानकारी अपनी मां को दी। मां ने सूचना पुलिस को दी। काफी हीलाहवाली के बाद पुलिस ने 26 अगस्त को आरोपी के खिलाफ नामजद रपट दर्ज की। इस मामलें में सभी गवाहों को परिक्षित कराया गया। मामले की सुनवाई के बाद अपर जिला मजिस्टेट संजय शंकर पांडेय ने सजा सुनाई। बचाव पक्ष के अधिवक्ता का कहना है कि पीडि़ता के पास स्वयं के बयान के सिवाय दुसरा अन्य साक्ष्य नहीं था। शायद इसीलिए सजा कम हुई है।

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