उच्चतम न्यायालय ने आज स्पष्ट कर दिया कि सहारा समूह अपने मुखिया सुब्रत राय की रिहाई के लिए दस हजार करोड रुपये की राशि जुटाने के लिए लाए जा रहे विदेशी धन को भारतीय रिर्जव बैंक से आवश्यक मंजूरी के बाद ही देश में लाया जाए। न्यायमूर्ति टी एस ठाकुर. न्यायमूर्ति ए के ठाकुर एवं न्यायमूर्ति ए आर दवे की विशेष खंडपीठ ने इस बात से सहमति व्यक्त की कि विदेशी बैंक एजेन्ट के एस्क्रो खाते से धन के स्थानांतरण में आ रही कानूनी अड़चनों को दूर करने के लिए विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून (फेमा) के तहत सक्षम प्राधिकारी की विशेष अनुमति की आवश्यकता है।
सहारा समूह ने भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) को 77.8 करोड़ रुपये के चेक दिये। साथ ही इसने 1884 करोड़ रुपये के 21 पोस्ट डेटेड चेक भी सेबी को दिये हैं। न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए नौ जनवरी की तारीख मुर्करर की।

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