जिला पंचायतों का आरक्षण संपन्न, 26 जिला पंचायतों में अध्यक्ष महिला ह¨गी
- 4 अजा, 7 अजजा, 7 अपिव अ©र 8 पद सामान्य महिला के लिये आरक्षित
टीकमगढ़, 12 दिसंबर 2014। प्रदेश की पंचायत¨ं के सामान्य निर्वाचन 2014-15 के संबध में जिला पंचायत के अध्यक्ष पद के आरक्षण की कार्यवाही भोपाल में आज प्रातः 11 बजे जल एवं भूमि प्रबंधन संस्थान (वाल्मी) के आॅडिट¨रियम में हुई। आयुक्त पंचायत राज श्री रघुवीर श्रीवास्तव ने निर्धारित प्रक्रिया के साथ जिला पंचायत अध्यक्ष पद के आरक्षण की कार्यवाही संपन्न करवाई। मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियिम 1993 की धारा 32 अ©र धारा 129 के प्रावधान के तहत प्रदेश की 51 जिला पंचायतों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग तथा सभी प्रवर्ग में महिलाअ¨ं के लिये 50 फीसदी पद का आरक्षण किया गया। इस म©के पर संचालक, वाल्मी श्री राजेश मिश्रा, संयुक्त आयुक्त पंचायत श्रीमती शिवानी वर्मा के साथ ही त्रि-स्तरीय पंचायत के प्रतिनिधि म©जूद रहे। इस द©रान प्रदेश की कुल ग्रामीण जनसंख्या में से अनुसूचित जाति अ©र अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या के अनुपात में अवर¨ही क्रम में (अधिक जनसंख्या अनुसार) जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिये आरक्षण किया गया । राज्य की सभी 51 जिला पंचायत के अध्यक्ष पद के लिये अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग तथा सभी आरक्षित वगर्¨ं में से 50 फीसदी स्थान महिलाअ¨ं के लिये आरक्षित किये गये। अन्य पिछड़े वगर्¨ के लिये प्रदेश की 51 जिला पंचायत में 25 फीसदी स्थान आरक्षित किये गये। महिला वर्ग में पिछड़ा वर्ग अ©र सभी महिला वर्ग में जिला पंचायत अध्यक्ष के पद का आरक्षण लाॅट डालकर किया गया। राज्य की सभी 51 जिला पंचायत के अध्यक्ष पद के लिये आरक्षण की कार्यवाही में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग तथा सभी वर्ग की महिलाअ¨ं के लिये 50 फीसदी स्थान आरक्षित किये गये । इस प्रकार जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिये कुल 26 पद महिलाअ¨ं के लिये लाॅट डालकर आरक्षित किये गये। इनमें से 4 अजा, 7 अजजा, 7 अपिव के लिये लाॅट डालकर आरक्षित किये गये। इन वगर्¨ं के लिये आरक्षित की गई जिला पंचायत¨ं में से शेष रही जिला पंचायत मुक्त (अनारक्षित) की गई। अनुसूचित जाति प्रवर्ग के जिला पंचायत अध्यक्ष के लिये आरक्षित 8 जिला पंचायत में से दतिया, आगर-मालवा, शाजापुर अ©र सीह¨र महिला वर्ग के लिये रहेंगी । इस प्रवर्ग में उज्जैन, टीकमगढ़, छतरपुर अ©र भिंड सहित कुल 4 जिला पंचायत मुक्त (अनारक्षित) रहेंगी। अनुसूचित जनजाति प्रवर्ग के जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिये आरक्षित कुल 14 जिला पंचायत में से 7 जिला पंचायत महिलाअ¨ं के लिये आरक्षित हुई है। इनमें बड़वानी, डिण्ड¨री, मंडला ,धार, छिंदवाड़ा, खरग¨न अ©र खंडवा जिला पंचायत शामिल है। इस प्रवर्ग में अलीराजपुर, झाबुआ, अनूपपुर, शहड¨ल, उमरिया, बैतूल अ©र रतलाम इस तरह कुल 7 जिला पंचायत मुक्त (अनारक्षित) रहेंगी। अन्य पिछड़ा वर्ग प्रवर्ग के जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिये आरक्षित कुल 13 जिला पंचायत में से 7 जिला पंचायत महिलाअ¨ं के लिये आरक्षित हुई हैं। इनमें हरदा, राजग़ढ, अश¨कनगर,शिवपुरी, बुरहानपुर, सतना अ©र कटनी जिला पंचायत शामिल हैं। इस प्रवर्ग में भ¨पाल , मुरैना, नरसिंहपुर, विदिशा, श्य¨पुर अ©र ह¨शंगाबाद इस तरह कुल 6 जिला पंचायत मुक्त (अनारक्षित) रहेंगी। अनारक्षित प्रवर्ग-जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिये 16 जिला पंचायत अनारक्षित हुई। अनारक्षित जिला पंचायत में से 8 जिला पंचायत महिला वर्ग के लिये आरक्षित हुई हैं। इनमें इंद©र, नीमच, रायसेन, जबलपुर, बालाघाट, सागर, गुना अ©र सिवनी जिला पंचायत शामिल है। शेष अनारक्षित 8 जिला पंचायत मुक्त रहेंगी। इनमें ग्वालियर, रीवा, पन्ना, देवास, सिंगर©ली, दम¨ह, सीधी अ©र मंदस©र शामिल है।
नेशनल लोक अदालत आज, जिले में 43 खण्डपीठ गठित
- पक्षकारों को आपसी सहमति से प्रकरण निपटाने के लिये प्रेरित करने की अपील
टीकमगढ़, 12 दिसंबर 2014। तृतीय व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-एक एवं सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री एस.के. गुप्ता ने बताया है कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार 13 दिसंबर 2014 को टीकमगढ़ जिले में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जायेगा। इस नेशनल लोक अदालत में विगत वृहद लोक अदालत में निराकृत प्रकरणो से अधिक प्रकरणों का निराकरण किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। इस हेतु जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री प्रद्युम्न सिंह ने संबंधित विभागों के अधिकारियों से उनके विभाग के अधीन लंबित मामलों को सहमति से निपटाने के लिये पक्षकारों को प्रेरित करने की अपील की है। विधिक सहायता अधिकारी टीकमगढ़ ने बताया कि इस नेशनल लोक अदालत में आपराधिक, सिविल, विद्युत, श्रम, मोटर दुर्घटना, नेगोसिएबल एन्स्टुमेंट एक्ट, के अंतर्गत चैक बाउंस प्रकरण, उपभोक्ता फोरम, कुटुम्ब न्यायालय, ग्राम न्यायालय, राजस्व न्यायालय, वन विभाग, वाणिज्य कर विभाग, स्वास्थ्य विभाग, परिवार परामर्श केन्द्र, शिक्षा विभाग, बैंक, पंचायत, जनपद पंचायत, परियोजन विभाग, सहकारिता विभाग, जिला उद्योग केन्द्र, सामाजिक न्याय विभाग, नागरिक आपूर्ति विभाग, बी.एस.एन.एल., ग्राामीण यांत्रिकी सेवा, सिंचाई विभाग, जल संसाधन विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, लोक निर्माण विभाग, नेशनल हायवे, वेयर हाउस, हाउसिंग बोर्ड, जेल विभाग, पुलिस विभाग, होमगार्ड, रेल्वे, खेल विभाग, उर्जा विकास निगम, इन्डस कार्यालय, कृषि विभाग, कृषि उपज मण्डी, कोष लेखा, महिला बाल विकास, परिवहन विभाग, नापतौल विभाग, पावरग्रिड, विपणन बोर्ड, विक्रय कर, पुरातत्व विभाग, प्रदूषण मण्डल, रोजगार कार्यालय, राज्य बीमा निगम, आई.टी.आई. उद्योग विभाग, डेयरी विभाग, डूडा फम्र्स एण्ड सोसायटी, जनसंपर्क, नेहरू युवा केन्द्र, नगर एवं ग्राम निवेश, नगर निगम, नगर पालिका, नगर परिषद, आबकारी, आदिम जाति कल्याण विभाग, मौसम विभाग, मत्स्य विभाग, जिला अंतव्यवसायी विभाग, अल्प बचत, रेडक्रास, जिला पंचायत, जननी सुरक्षा योजना, लाड़ली लक्ष्मी योजना, मनरेगा, आंगनबाड़ी तथा अन्य समस्त प्रकार के प्रकरणों का अधिक से अधिक संख्या में निराकरण किया जाना है।
लोक अदालत में होगा विद्युत प्रकरणों का निराकरण
टीकमगढ़, 12 दिसंबर 2014। कार्यपालन अभियंता (संचा./संधा.) म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कं.लि., टीकमगढ़ ने बताया है कि न्यायालयों में लंबित विभिन्न प्रकरणों के निपटारे हेतु 13 दिसंबर 2014 को शासन द्वारा नेशनल/मेगा लोक अदालत का आयोजन किया गया है जिसमें विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135, 138 एवं 126 के अंतर्गत लंबित प्रकरणों के निपटारे का भी प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि न्यायालय में लंबित प्रकरणों में कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारित आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात प्रत्येक छःमाही चक्रबृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि में 50 प्रतिशत छूट दी जायेगी। इसके अतिरिक्त विद्युत चोरी के ऐसे प्रकरणों में जिनमें न्यायालय में प्रस्तुत किये जाने के पूर्व प्रीलिटिगेशन के माध्यम से वितरण केंद्र स्तर पर समझौता कर निपटारा कराया जाता है, कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि के भुगतान के चूक लिये जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात प्रत्येक छःमाही चक्रवृद्धि प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि में 50 प्रतिशत की छूट के साथ साथ सिविल दायित्व की राशि पर भी 40 प्रतिशत की छूट दी जायेगी।
मध्यप्रदेश देश के ग्रीन काॅरीड¨र में शामिल, नवकरणीय ऊर्जा क¨ बढ़ावा देने मिलेंगे 2100 कर¨ड़
- मुख्ममंत्री श्री च©हान ने की समीक्षा
टीकमगढ़, 12 दिसंबर 2014। मध्यप्रदेश क¨ देश के ग्रीन कारीड¨र में शामिल कर लिया गया है। इससे प्रदेश में नवकरणीय ऊर्जा क¨ बढ़ावा देने के लिये केन्द्र सरकार से 2100 कर¨ड़ रूपये प्राप्त ह¨ंगे। प्रदेश में नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में हुई अभूतपूर्व प्रगति क¨ देखते हुए 13वें वित्त आय¨ग की अ¨र से पुरस्कार स्वरूप करीब 225 कर¨ड़ रूपये मिलेंगे। यह जानकारी आज भोपाल स्थित मंत्रालय में नवकरणीय ऊर्जा परिय¨जनाअ¨ं अ©र नीतिय¨ं के क्रियान्वयन की समीक्षा बैठक में दी गई। मुख्यमंत्री श्री च©हान ने नवकरणीय ऊर्जा परिय¨जनाअ¨ं क¨ व्यवस्थित रूप से बढ़ावा देने के निर्देश देते हुए परिय¨जनाअ¨ं की लागत अ©र भूमि की आवश्यकता जैसे मुद्द¨ं पर चर्चा की। बैठक में बताया गया कि ग्ल¨बल इन्वेस्टर्स समिट में 1 लाख 13 हजार कर¨ड़ मूल्य की परिय¨जनाअ¨ं में प्रस्ताव मिले हैं। राष्ट्रीय कंपनिय¨ं एनटीपीसी, क¨ल इण्डिया, माॅइल, नाल्क¨ ने भी परिय¨जनाअ¨ं के प्रस्ताव दिये हैं। वर्ष 2013-14 में स©र ऊर्जा 306 मेगावाट क्षमता बढ़ी ज¨ देश में किसी भी राज्य में एक साल में बढ़ी अधिकतम क्षमता आंकी गई। रीवा, रामपुरा (नीमच), लातुर (शाजापुर) में अल्ट्रा मेगा स¨लर संयंत्र के लिये सर्वाधिक उपयुक्त स्थल बताये गये हैं। बैठक में बताया गया कि वर्ष 2012 से 2014 में स©र एवं पवन ऊर्जा की स्थापित क्षमता 227 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। नवकरणीय ऊर्जा में स्थापित क्षमता 992 मेगावाट ह¨ गई है। वर्ष 2014 तक 1678 मेगावाट अ©र वर्ष 2017 तक 5247 मेगावाट तक पहुँच जायेगी। पवन ऊर्जा की संभावनाएँ बढ़ी हैं। वर्तमान में नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र की 7678 परिय¨जनाएँ स्थापना की प्रक्रिया में है।
पाँच जिले में दस्तावेज¨ं का शत-प्रतिशत पंजीयन आॅनलाइन ह¨गा, अधिसूचनाएँ जारी
टीकमगढ़, 12 दिसंबर 2014। प्रदेश के अनूपपुर, बालाघाट, सीह¨र, टीकमगढ़ अ©र उज्जैन जिले में 15 दिसम्बर 2014 से दस्तावेज¨ं के शत-प्रतिशत आॅनलाइन पंजीयन की व्यवस्था लागू की जा रही है। इस संबंध में ई-स्टाम्पिंग एवं ई-पंजीयन संबंधी अधिसूचनाएँ 8 दिसम्बर क¨ राजपत्र में प्रकाशित कर दी गयी हैं। ई-स्टाम्प संबंधी अधिसूचना के अनुसार, उन दस्तावेज¨ं पर स्टाम्प शुल्क का संग्रहण ई-स्टाम्पिंग के माध्यम से विभाग की इलेक्ट्राॅनिक स्टाम्पिंग प्रणाली “सम्पदा” द्वारा किया जाएगा, जिन्हें रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1908 की धारा 17 के अधीन अनिवार्य रूप से पंजीकृत किया जाना है। जिन दस्तावेज का पंजीयन इस धारा में अनिवार्य नहीं है, उनके लिए ई-स्टाम्पिंग एच्छिक रहेगी।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें