जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में खंडित जनादेश मिलने तथा विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच किसी तरह का कोई समझौता नहीं होने से यहां सरकार बनाने को लेकर अनिश्चितता बरकरार है। सबसे बडी पार्टी के तौर पर उभरी पीपुल्स डेमोके्र टिक पार्टी पीडीपी भारतीय जनता पार्टी .भाजपा. से र्समथन लेकर अथवा उसके र्समथन से सरकार बना सकती है। लेकिन पीडीपी ने कहा है कि पार्टी के सामने सभी विकल्प खुले हैं। उधर नेशनल कान्फे्रं स नेकां ने सरकार बनाने के लिए भाजपा को र्समथन देने से इन्कार किया है। कांग्रेस अगवा पार्टी को सत्ता से दूर रखने के लिए पीडीपी को बिना शर्त र्समथन देने को तैयार है। 28 सीटों वाली पीडीपी सरकार बनाने के लिए अपने विधायकों तथा पार्टी पदाधिकारियों के साथ विचार विर्मश कर रही है। पीडीपी ने स्वीकार किया है कि वह इस मुद्दे पर भाजपा के साथ संपर्क में है लेकिन भाजपा के नेताों की तरफ से आ रहे बयान गठबंधन में रोडा बन रहे हैं।
गौरतलब है कि भाजपा के जम्मू कश्मीर इकाई के अध्यक्ष जुगल किशोर शर्मा ने हाल में कहा था कि अगला मुख्यमंत्री उनकी पार्टी का होगा इसके बाद से दोनों दल किसी निर्णय पर नहीं पहुंच सके हैं। पीडीपी के एक सूत्र ने यूनीवार्ता को बताया कि आज पार्टी के नेताों तथा विधायकों के बीच बैठक हुई है. जिसमें कांग्रेस के बिना शर्त र्समथन तथा तीन विधायकों के र्समथन पर चर्चा की गई लेकिन ये आंकडा भी सरकार बनाने के लिए आवश्यक 44 के आंकडे तक वहीं पहुंच पाएगा। जानकारों के अनुसार 17 जनवरी तक अगर राजनीतिक दल मिल कर सरकार नहीं बनाते हैं तो राज्य में राज्यपाल शासन लागू हो जाएगा।

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