ललबहादुर शास्त्री प्रषासनिक अकादमी में मुख्यमंत्री
- आइएएस अधिकारी दायित्वों का ईमानदारी से पालन करें
- अधिकारियों को तेज होने के साथ ही व्यवस्थित, सुलभ,विष्वसनीय व पारदर्षी होना चाहिए: मुख्यमंत्री
देहरादून 19 दिसम्बर, (निस) । आइ.ए.एस. अधिकारी प्रत्येक स्तर पर अपने कर्तव्यों व दायित्वों का ईमानदारी से पालन करें। अपने अधीनस्थों में विश्वास जगाये। फिल्ड में कार्य करने वाले अधिकारियों को अधिक अधिकार दिये जाने की आवश्यकता है, इस कड़ी में हमने अपने जनपद स्तर के अधिकारियों को और मजबूत किया है। सुशासन तभी अच्छा हो सकता है, जब अधिकारी तेज होने के साथ-साथ व्यवस्थित, सुलभ,विष्वसनीय व पारदर्षी हो। मुख्यमंत्री हरीष रावत शुक्रवार को लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी, मसूरी में आयोजित 116वें इंडक्षन ट्रेनिग कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होने कहा आज तकनीक के उपयोग से ये सब संभव है। अधिकारी नियम के नाम पर प्रक्रिया को लंबा न करें, इससे वास्तविक व्यक्ति तक योजना का लाभ पहुंचने में काफी देर हो जाती है। आज के युवा अधिकारियों को अभिनव प्रयोग पर भी जोर देना चाहिए, ताकि सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं का लाभ आम जनता को आसानी से मिल सके। अकारण शासकीय कार्यों में काफी लंबी प्रक्रियाएं अपनायी जाती है, जिससे अधिकारियों का अधिकांश समय बरबाद हो जाता है। जबकि इस समय का उपयोग किसी उत्पादक कार्य में लगाया जा सकता है। हम सभी को आज सोचना होगा कि समय कीमती है, उसका सदुपयोग करते हुए जनता को अधिक से अधिक लाभ दिया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे संविधान के निर्माताओं ने लोकतांत्रिक सिद्धांतों के साथ ही एक धर्मनिरपेक्ष गणराज्य की परिकल्पना की थी। यह सरदार बल्लभ भाई पटेल की दूरदृष्टि थी कि सरकार की योजनाओं को लागू करने में शासन के साधन के तौर पर सिविल सर्विस को प्रमुख स्थान दिया जाय। प्रशासनिक सेवा के लोग नियम और कानून से बंधे होते है, लेकिन जब कोई मुद्दा व्यापक जनहित से जुड़ा होता है, तब निर्णय लेते समय अधिकारियों को दोनो के बीच समन्वय स्थापित कर निर्णय लेना चाहिए। राज्य स्तर पर प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को विशेष रूप से कानून व्यवस्था और क्षेत्र के विकास पर फोकस करना चाहिए। इसके साथ ही बुनियादी सुविधाओं को कैसे और बेहतर बनाया जा सकता है, इस पर अभिनव प्रयोग करने चाहिए। राज्य स्तर पर अधिकारियों को निर्देश दिये है कि सिस्टम में सुधार लाये, इसके लिए अभिनव प्रयोग करे, ताकि समाज के कमजोर वर्ग तक योजनाओं का लाभ पहुंचाया जा सके। चूंकि हमारी सर्विस डिलीवर सिस्टम काफी जटिल है, इसलिए अधिकारियों को निर्देश दिये गये है कि ग्रामीण क्षेत्रो का अधिक से अधिक भ्रमण करें। आज भी बिजली, पानी, गैस जैसी जरूरी चीजे आम आदमी को आसानी से नही मिल पा रही है। इसके लिए समन्वित प्रयास करके ही हम बेहतर विकास कर सकते है। पारदर्शिता को बढ़ावा दिया जा रहा है, इसके लिए विभागों मे कम्प्यूटराईजेशन प्रक्रिया को तेज किया गया है। राज्य में कानून व्यवस्था को बनाये रखना प्रशासनिक अधिकारियों की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। इसके साथ ही यह भी जरूरी है कि बिना किसी दबाव के जनहित में निष्पक्ष होकर कार्य किया जाय। किसी भी राज्य में जिला मुख्य केन्द्र बिन्दु होता है। किसी भी योजना की सफलता जनपद स्तर पर ही निर्भर होती है। इसलिए जनपद स्तरीय अधिकारियों के साथ बेहतर समन्वय स्थापित करना आवश्यक है। यदि जनपद स्तर पर सत्ता का विकेन्द्रीकरण नही होगा, तो योजनाओं में दोहरीकरण का पता नही चलेगा। मुख्यमंत्री श्री रावत ने सभागार में उपस्थित प्रशिक्षु आई.ए.एस. अधिकारियों से लगभग 30 मिनट तक विभिन्न विषयों पर चर्चा की। इस दौरान प्रशिक्षु आईएएस ने मुख्यमंत्री ने विभिन्न विषयों पर सवाल जवाब भी किये, जिसका मुख्यमंत्री श्री रावत ने जवाब दिया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री रावत ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभाग करने वाले आई.ए.एस. अधिकारियों को प्रमाण पत्र भी भेंट किये। इस अवसर पर लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी, मसूरी के निदेशक राजीव कपूर, उप निदेशक जयंत सिंह, श्रीमती जसप्रीत तलवार आदि उपस्थित थे।
अपने ही नियम को तोडने की तैयारी में शिक्षा विभाग
देहरादून, 19 दिसम्बर(निस)। रोजगार देने के मामले में शिक्षा विभाग की असमंजस स्थिति दूर नहीं हो पा रही है। प्राथमिक शिक्षकों के पदों पर भर्ती करने और हाल ही में चल रही बीएड टीईटी भर्ती में स्वीकृत 389 पदों को जोडने के लिए शासन स्तर पर अभी तक निर्णय नहीं हो पाया है। हालात यह है कि अब गेंद शिक्षा मंत्री के पाले में फेंकने की तैयारी है। वहीं आगामी भर्ती को लेकर भी शासन नियमावली में संसोधन को लेकर कोई निर्णय नहीं ले पाया है। वरिष्ठता आधार पर भर्ती का रास्ता खोलने वाला विभाग अब खुद अपनी नीति बदलने की तैयारी कर रहा है। लेकिन यहां भी शिक्षा मंत्री स्तर पर ही निर्णय लिए जाने की बात सामने आ रही है। शासन इस मामले में स्वंय को दूर रखना ही बेहतर समझ रहा है। उत्तराखंड राज्य में यह पहली बार नहीं है कि जब शासन किसी निर्णय को लेने में अपनी असमर्थता बंया कर रहा हो। मामले चाहे बीएड टीईटी भर्ती में 389 पदों को जोडने का हो या आगामी भर्ती को लेकर नियमों में संसोधन। दोनों ही मामलों में शासन अपनी मंशा स्पष्ट नहीं कर पा रहा है। इस असमंजस की स्थिति का कारण स्वंय शिक्षा विभाग ही है। बताते चले कि कई वर्ष पहले प्रशिक्षित बेरोजगारों को रोजगार देने की मंशा के चलते विशिष्ट बीटीसी भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई थी। जिसके चलते हजारों की संख्या में उन लोगों को भी रोजगार मिला जिनका शिक्षक बनने का सपना लगभग टूट गया था। यह प्रक्रिया निरंतर शुरू हुई तो बड़ी संख्या में प्रदेश के शिक्षित युवाओं ने बीएड किया। यही नहीं सरकार ने भी निजि बीएड कालेजों को मंजूरी देकर इनकी भीड़ बढ़ाने का कार्य किया। बीएड डिग्री धारियों की संख्या की हिसाब से शिक्षक भर्ती तो नहीं हुई लेकिन प्रशिक्षित युवाओं का भर्ती का सपना जिंदा रहा। लेकिन अब इसी सपने पर शासन की मार पडने वाली है। आगामी भर्ती को लेकर शासन स्तर पर भर्ती निमयावली में संसोधन की बात चल रही है। हालांकि अभी तय नहीं हुआ है कि भर्ती में वरिष्ठता को रखा जाएगा या मेरिट को। लेकिन अपर मुख्य सचिव एस. राजू विद्यालयी शिक्षा ने भर्ती को लेकर अपनी मंशा जाहिर कर दी है। एस. राजू का कहना है कि भर्ती मेरिट होगी या वरिष्ठता आधार पर, यह शिक्षा मंत्री ही तय करेेंगे। उन्होंने बताया कि शासन स्तर पर अभी तक कुछ तय नहीं किया गया है। वहीं दूसरी ओर स्वीकृत 389 पदों को बीएड टीईटी भर्ती में जोडने के लिए भी शासन कोई निर्णय नहीं ले पा रहा है। यही कारण है कि कई सप्ताह बीत जाने के बावजूद भी न तो शिक्षा विभाग वेटिंग लिस्ट जारी कर पा रहा है और न ही सप्लीमेंटरी लिस्ट निकाल पाया है। जबकि हजारों प्रशिक्षित बेरोजगार शासन की सुस्ती से आक्रोशित हो रखे हैं।
युवती ने लगाया दुराचार का आरोप, मुकदमा दर्ज
देहरादून, 19 दिसम्बर(निस)। डालनवाला थाना क्षेत्र के अंतगर्त नाबालिक के साथ दुराचार के प्रयास का मामला सामने आया है। पीडि़ता की शिकायत पर आरोपित युवक पर दुराचार के प्रयास सहित संलिप्त धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया। वहीं मामलें को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने आरोपी युवक सोनू को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया है। डालनवाला थाना क्षेत्र की अंतर्गत नाबालिक के साथ दुराचार के प्रयास का मामला प्रकाश में आया है। पीडि़त की तरफ से पुलिस शिकायत दी गई जिसके बाद पुलिस ने आरोपी सोनू को आराघर के पास गिरफ्तार कर लिया है। मामलें में जानकारी देते हुए एसएचओं अनिल जोशी ने बताया कि आरोपी पीडि़ता के पड़ोस में ही रहता है। नबालिग को घर में अकेला देख। आरोपी सोनू उसके घर में जा घुसा और उसके साथ जबरदस्ती करने लगा। नाबालिग ने जब उसका विरोध किया तो सोनू ने उसके कपड़े फाड़ डाले। नाबालिग की चील्लाने की आवाज सुनकर पड़ोस की एक महिला वहां आ धमकी। खुद फसता देख सोनू वहां से फरार हो गया। जिसके बाद पीडि़ता के परिजन भी घर पहुंच गये। डरी सहमी बेटी ने सारी बात परिजनों को बताई। जिसके बाद पीडि़ता की तरफ से आरोपी सोनू के खिलाफ दुराचार के प्रयास का मुकदमा दर्ज कराया गया है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामलें को गंभीरता से लेते हुए आरोपी सोनू को चैबीस घंटे के भीतर आराघर चैक के पास से गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया है।
डिप्लोमा इंजीनियर्स ने किया सचिवालय कूच
देहरादून, 19 दिसम्बर(निस)। उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ ने अपर सहायक अभियन्ता के पद पर प्रोन्नति समेत विभिन्न मांगों को लेकर सचिवालय कूच किया। कूच के दौरान महासंघ के प्रान्तीय अध्यक्ष यू एस महर ने कहा कि उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ द्वारा डिप्लोमा इंजीनियर्स की समस्याओं के समाधान के लिये २७ अक्तूबर को मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया गया था तथा समस्याओं का समाधानल न हो पाने की दशा मं प्रथम चरण में जनप्रतिनिधियों के माध्यम से ज्ञापन प्रेषण कार्यक्रम नवम्बर माह में किया गया। उन्होंने कहा कि इसी के दूसरे चरण में जिलामुख्यालय में धरना देते हुए जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को २ दिसम्बर को ज्ञापन प्रेषित किया गया था। उन्होंने बताया कि तृतीय चरण में उन्होंने परेड ग्राउंड में धरना भी दिया था। जिसके बाद भी कोई समाधान न होने पर उन्होंने विशाल रैली निकालकर विरोध जताया। उन्होंने कहा कि कई बार वार्ता होने के बाद भी शासन द्वारा कोई भी सकारात्मक निर्णय नहीं हो पाया है। उन्होंने मांग की कि अपर सहायक अभियन्ता पद को नॉन फक्शनल किये जाने, अधीक्षण अभियन्ता के पद का ग्रेड पे 8700 दिये जाने, वेतन विसंगति दूर किये जाने, निगम परिषद् एवं प्राधिकरण में शासकिय विभागों के अनुरूप वेतन दिये जाने राज्य में बाहर की कार्यदायी संस्थाओं का निर्माण कार्य आंबटित न किये जाने समूह ख के अभियन्ताओं को अनुरक्षण भत्ता दिये जाने, कनिष्ठ अभियन्ता के पदों पर नियमित नियुक्ति, पेयजल निगम एवं जल संस्थान को राजकीय विभाग बनाते हुए एकीकरण किये जाने, गुणवत्ता सुधार हेतु नीति निर्धारण किये जाने एवं तद्पश्चात अनुरूप दंड की व्यवस्था किये जाने आदि समस्याओं का निराकरण समेत विभिन्न मांग की। इस मौेके पर इ पी सी जोशी, हरीश नौटियाल, नवीन कांडपाल, हंसा दत्त पाठक, पी एस रावत, वी एस रांगड, वी के डंगवाल,के सी उनियाल, लोकेन्द्र पैन्यूली, सुरेश जोशी, ए के पैन्यूली, शैलेन्द सिंह चैहान आदि मौजूद थे।
दिल्ली एनसीआर से चलेगा अमित भूरा तलाशी अभियान
- आइएएस की जगह आइपीएस को बनाया गया महानिरीक्षक जेल
देहरादून, 19 दिसम्बर(निस)। अमित उर्फ भूरा की तलाश यूपी में लगभग मंद पड़ गयी है। यह लगभग स्पष्ट हो चुका है कि अमित भूरा अब उत्तर प्रदेश में नहीं है। यही बात पुलिस अधिकारियों को भी परेशान कर रही है। अब तक तलाशी एवं सुरागदेही का ताना-बाना उत्तर प्रदेश में बुना जा रहा था लेकिन तमाम कोशिशों के बाद अधिकारी भी उसके उत्तर प्रदेश में होने की संभावनाओं को अब नकार रहे हैं। वहीं अमित भूरा की तलाश के लिए आपरेशन अब एनसीआर दिल्ली से संचालित करने की योजना बनाई जा रही है। भूरा की तलाश में लगी टीमें एनसीआर में ही अपनी-अपनी टीमों के हैड को रिपोर्ट करेंगी। इस कार्ययोजना पर मंथन करने के लिए प्रदेश के पुलिस महानिदेशक बीएस सिद्धू भी दिल्ली रवाना हो गए हैं। वहीं तमाम प्रयासों के बावजूद फिलहाल अमित भूरा की कोई जानकारी पुलिस को नहीं है। दून पुलिस ने जिस अमित भूरा को पकड़ कर वाहवाही लूटने का काम किया था वहीं अमित भूरा अब उत्तराखंड पुलिस की इज्जत की धज्जियां बखेड़ चुका है। तमाम कोशिशें के बावजूद पुलिस उसके करीबियों तक पहुंचने में तो कामयाब रही है लेकिन फिर भी भूरा पर अब तक शिकंजा नहीं कसा जा सका है। वहीं बार-बार अमित भूरा के पुलिस अभिरक्षा से फरार हो जाने को देखते हुए अब पुलिस का एक बड़ा वर्ग उसे मुठभेड़ में मार गिराने की योजना पर भी सहमत है जबकि उत्तराखंड पुलिस एनकाउंटर से की कार्रवाई से बचने का ही प्रयास कर रही है। इसका मुख्य कारण रणवीर मुठभेड़ कांड के अंजाम है, जिसमेें दून पुलिस के डेढ़ दर्जन पुलिसकर्मियों को उम्र कैद की सजा सुनाई जा चुकी है। अमित भूरा को पकडने में फिलहाल पुलिस टीम को सफलता नहीं मिल पाई है। कुल 30 टीमें लगातार उत्तर प्रदेश के साथ हरियाणा एवं अन्य ऐसे दूसरे संभावित राज्यों में दबिशें दे रही हैं जहां अमित भूरा या फिर राठी गिरोह के तार जुड़े हुए हैं। राठी गिरोह से जुड़े उनके परिजनों एवं जानकारों की भी सूची जुटा कर लगातार इनके ठिकानों पर नजर रखी जा रही है। अब तक उम्मीदें लगाई जा रहीं थीं कि अमित बागपत में ही छिपा हो सकता है लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस एवं उत्तराखंड पुलिस के संयुक्त अभियान के बाद यह संभव नहीं लगता कि वह घटना के बाद बागपत में छिपने की कोशिश करेगा। कयास उसके नेपाल भागने पर भी लगाए जा रहे हैं। यह भी माना जा रहा है कि वह अपने छिपने के ठिकाने के लिए मेरठ या फिर दिल्ली को भी चुन सकता है। पुलिस के सक्रिय रहने तक अमित भी कम से कम बाहर निकलने की तो कोशिश नहीं करेगा। अमित भूरा की तलाश में लगी पुलिस टीमों की सक्रियता को देख कर पुलिस अधिकारी भी ठोस परिणाम मिलने का दावा कर रहे हैं, लेकिन फिलहाल अमित उर्फ भूरा का कोई सुराग नहीं लग पाया है। पुलिस टीमों ने अमित के परिजनों एवं उसकी महिला मित्र से भी पूछताछ की है लेकिन पुलिस अधिकारी भूरा की महिला मित्र से हुई पूछताछ से मिले सुरागों पर चुप्पी साधे हुए हैं। सूत्रों का कहना है कि महिला से मिली जानकारी के बाद पुलिस की टीमों ने कुछ और दिशाओं में भी काम करना शुरू कर दिया है। बता दें कि उपनगर रूड़की की जेल के बाहर से पांच अगस्त 2014 को हुए गोलीकांड का मुख्य आरोपी अमित उर्फ भूरा उर्फ संजय पुत्र यशपाल निवासी ग्राम सिरनवाली फुगाना मुज्जफरनगर हाल निवासी शालीमार गार्डन गाजियाबाद, ने चीनू पंडित को रिहा होते समय शाम लगभग पांच बजे जान से मारने की नीयत से कारबाईन आदी से ताबड़तोड़ फायरिंग की गयी थी। इसमें तीन लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। हालांकि उस समय चीनू पंडित बच गया था। उसके बाद अमित भूरा को एसओजी टीम ने 13 अगस्त 2014 को गिरफ्तार कर रूड़की जेल तथा 16 अगस्त 2014 को सुरक्षा कारणों से हरिद्वार जेल एवं उसके बाद 28 सितंबर 2014 को देहरादून जेल शिफ्ट कर दिया था। अभियुक्त अमित भूरा की पेशी जिला बागपत में होनी थी। देहरादून जेल से पांच पुलिसकर्मी अमित भूरा को लेकर बागपत के लिए चले थे। इन कर्मचारियों में गंगा राम, प्रदीप, धर्मेद्र, इलम चंद्र, रविंद्र सिंह तैनात किए गए थे। उक्त पुलिसकर्मियों को सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस लाईन देहरादून से दो एके-47, 120 कारतूस, व दो एसएलआर 80 कारतूस के साथ भेजा गया था। भूरा की फरारी ने जेल से लेकर पुलिस व्यवस्थाओं में व्याप्त लापरवाहियों की पोल खोल कर रख दी थी। यह तो तय हो गया था कि भूरा ने अपने भागने की योजना जिला कारागार देहरादून से ही बनाई थी। शासन ने भी जेल की व्यवस्थाओं पर नाराजगी जताते हुए आईजी जेल के पद पर से आईएएस अधिकारी को हटा कर आईपीएस अधिकारी डी पीवीके प्रसाद को जेल विभाग की नई जिम्मेदारी सौंपी है। उधर प्रदेश के मुख्यमंत्री हरीश रावत अमित भूरा प्रकरण पर बेहद सख्त मूड में दिखाई दे रहे हैं और उन्होंने एसएसपी अजय रौतेला को हटाए जाने के बाद पुलिस महकमे में कुछ अन्य बड़े बदलाव किए जाने के भी संकेत दिए थे। यही कारण है कि अपनी कुर्सी को खतरे में देख खुद आला अधिकारी अमित भूरा सर्चिग टॉस्क पर निगरानी रखे हुए हैं, हालांकि तमाम टीमों के गठन के बावजूद भी अमित भूरा अब तक पुलिस टीमों पर भारी ही नजर आ रहा है।
अपहरणकर्ताओं को दबोचा
देहरादून,19 दिसम्बर(निस)। पुलिस और एसटीएफ टीम ने अपहृत युवक को अपहरणकर्ताओं के चुंगल से छुड़ाया और अपहरणकर्ताओं को दबोच लिया। गत 17 दिसम्बर की रात्री समय 11 बजे वादी गणेश दत्त जोशी पुत्र जमुना दत्त जोशी निवासी ग्राम बडावे तहसील व जिला पिथौरागढ़ ने कोतवाली पिथौरागढ़ में तहरीरी सूचना अंकित करायी कि उसका सगा बडा भाई रमेश चन्द्र जोशी जो कि कैन्टर संख्या यूके 05- 0674 का चालक तथा स्वंय मालिक है, गत 14 दिसम्बर को समय करीब 3 बजे टनकपुर जनपद चम्पावत सामान लेने गया था और 15 दिसम्बर को प्रातः 9 बजे अपने मोबाईल नम्बर से अपने रिश्ते के मौसा श्याम दत्त जोशी को बताया कि मैं टनकपुर पहॅुच गया हॅू आज बारिश होने की बजह से सामान नहीं मिल पा रहा है, मैं टनकपुर में ही हूॅं। उसके बाद उससे कोई सम्पर्क नहीं हो पाया। 16 दिसम्बर को हमारे मौसा गणेश दत्त जोशी जो 31 वीं बाहिनी पीएसी में एचसीपी के पद पर है के मोबाईल पर किसी अज्ञात व्यक्ति ने मेरे बडे भाई के मोबाइल से ही बताया कि तुम्हारा भाई कोसी कला मथुरा में है। यदि दो लाख रूपये खाते में डालो तो रमेश चन्द्र जोशी को छोड देगें नहीं तो कुछ भी अंजाम भुगतने को तैयार रहों, जिसने अपना नाम मुश्ताक बताया। इसी प्रकार उक्त अज्ञात लोग अलग-अलग मोबाईल नम्बरों से रूपये की माॅग करते रहे। उक्त सूचना पर थाना कोतवाली पिथौरागढ़ में तत्काल अपहरण का मुकदमा मुश्ताक नाम पता अज्ञात सम्बन्धित थाना टनकपुर जनपद चम्पावत पंजीकृत किया गया और तत्काल प्रभारी निरीक्षक कोतवाली पिथौरागढ़ गणेश सिंह सामन्त तथा एसओजी प्रभारी उनि शिशुपाल सिंह राणा एवं उनि प्रकाश सिंह मेहरा, कोतवाली पिथौरागढ़ के नेतृत्व में टीमे गठित की गयी और उक्त मोबाईल नम्बरों का सर्विलांस के माध्यम से लोकेशन ज्ञात की तो उक्त सभी मोबाईल नम्बरो का लोकेशन ग्राम चैकी बांगर थाना कोसीकला जनपद मथुरा आया और तत्काल उपनिरीक्षक प्रकाश सिंह मेहरा के नेतृत्व में रात्रि में ही टीम को मथुरा हेतु रवाना किया गया एवं प्रभारी निरीक्षक गणेश सिंह सामन्त द्वारा अरविन्द कुमार ,थानाध्यक्ष कोसीकला जनपद मथुरा उप्र के मोबाईल नम्बर पर लगातार सम्पर्क किया गया और थानाध्यक्ष कोसीकला की मदद से कोतवाली पिथौरागढ़ पुलिस ने रात्रि में ही तत्काल कार्यवाही करते हुए रमेश चन्द्र जोशी को अपहरण कर्ताओं से मुक्त कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी ।

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