सरकार महिलाों को 33 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने के लिए संविधान संशोधन विधेयक लाने से पहले सभी राजनीतिक दलों की आम सहमति हासिल करने का प्रयास करेगी। विधि एवं न्याय मंत्री डी वी सदानन्द गौड़ा ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि संसद और विधान सभाों में महिलाों के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित करने को लेकर सरकार प्रयासरत है. लेकिन इस पहलू पर विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच आम सहमति के आधार पर सावधानीपूर्वक विचार करना जरूरी है।
श्री गौड़ा ने बताया कि संसद और विधानसभाों में महिलाों को 33 प्रतिशत सीटें उपलब्ध कराने के लिए एक विधेयक राज्य सभा में छह मई 2008 को पेश किया गया था। उच्च सदन ने इस विधेयक को नौ मार्च 2010 को पारित कर दिया था। हालांकि यह विधेयक 15वीं लोकसभा में पारित नहीं हो सका। पंद्रहवीं लोकसभा के भंग होने के साथ ही यह विधेयक भी निरस्त हो गया।

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