- दिल्ली में होगा 4 दिवसीय कार्पेट इंडिया एक्स्पो
- कालीन मेला का आयोजन 27-30 मार्च तक प्रगति मैदान के हाॅल सं. 8-11 में होगा
- मेले में 57 देशों के तककरीबन 450 आयातक करेंगे शिरकत
- मेला का मुख्य उद्देश्य सात समुंदर पार से आने वाले विदेशियों के बीच भारतीय सांस्कृतिक विरासत, हस्तनिर्मित कालीनों व अन्य फ्लोर कवरिंग्स के बुनाई कौशल को बढ़ावा देना
- मेले से भारतीय कालीन निर्यातकों को तकरीबन 500 करोड़ से अधिक का कारोबार होने के आसार
भदोही (सुरेश गांधी )। मंदी की मार से जुझ रहे कालीन निर्यातकों की उम्मीदें अब इंडिया कारपेट एक्स्पों पर टिक गयी है। कालीन कारोबारियों को उम्मीद है इस मेले में आने विदेशी ग्राहकों से कारोबार होंगे। कालीन मेले से भारतीय कालीन निर्यातकों को तकरीबन 500 करोड़ से अधिक के कारोबार होने के आसार है। मेला भारत सरकार के तत्वावधान में कालीन निर्यात संवर्धन परिषद् की ओर आयोजित किया गया है। इस चार दिवसीय इंडियन कार्पेट एक्सपो का आयोजन दिल्ली में होगा। मेला 27-30 मार्च तक प्रगति मैदान के हाॅल सं. 8-11 में होगा। मेले में 57 देशों के तककरीबन 450 आयातक शिरकत करेंगे। मेला आयोजन का मुख्य उद्देश्य सात समुंदर पार से आने वाले विदेशी कालीन खरीदारों के बीच भारतीय सांस्कृतिक विरासत, हस्तनिर्मित कालीनों व अन्य फ्लोर कवरिंग्स के बुनाई कौशल को बढ़ावा देना है।
सीईपीसी के चेयरमैन कुलदीपराज बातल व वरिष्ठ प्रशासनिक सदस्य उमेश कुमार गुप्ता ने बताया कि इंडियन कार्पेट एक्सपो अंतरराष्ट्रीय कालीन खरीदारों, बाइंग हाउसेज, बाइंग एजेन्ट्स, आर्कीटेक्ट्स तथा भारतीय कालीन निर्माताओं एवं निर्यातकों के लिए आपस में मिलने और लम्बी अवधि हेतु व्यवसायिक संबंध कायम करने के लिए एक आदर्श मंच है। इंडियन कार्पेट एक्सपो एशिया में सबसे बड़े हस्तनिर्मित कालीन मेलों मंे एक है, जो हाथ के बने सर्वश्रेष्ठ कालीन, रग्स और अन्य फ्लोर कवरिंग्स के खरीदारों को एक छत के नीचे मूलस्रोत से खरीदारी का बेजोड़ मंच उपलब्ध कराता है। यह एक्सपो हस्तनिर्मित कालीन के खरीदारों के बीच खासा लोकप्रिय हो गया है। कालीन खरीदारों की चाहत के मुताबिक डिजाइन, कलर, क्वालिटी और साइज को समझने और तैयार करने की भारतीय बुनकरों की काबिलियत ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय बाजार का जाना पहचाना नाम बना दिया है। इंडियन कार्पेट एक्सपो का उद्घाटन 27 मार्च, 2015 को पूर्वान्ह 11.00 बजे टेक्सटाइल राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संतोष कुमार गंगवार करेंगे। इस दौरान सेक्रेटरी (टेक्सटाइल) आईएएस डाॅ. संजय कुमार पांडा, विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) समीर कुमार बिस्वास के अलावा केन्द्र तथा राज्य सरकारों के वरिष्ठ प्रतिनिधियों के अलावा कालीन कारोबारियों की मौजूदगी होगी। मेले में जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, आगरा, मिर्जापुर-भदोही, पानीपत सहित अन्य प्रांतों के 262 कालीन निर्यातक अपने उत्पादों का प्रदर्शन करेंगे। पिछले वर्षों में, इंडियन कार्पेट एक्सपो ने खुद को पूरी दुनिया के कार्पेट खरीदारों के वास्ते एक बड़े स्रोत के तौर पर स्थापित कर लिया है। मेले में 57 देशों के करीब 450 कार्पेट आयातकों ने एक्सपो में भाग लेने हेतु अपना नाम दर्ज करवाया है। इन देशों में आस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, चिली, जर्मनी, मेक्सिको, रूस, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूके, यूएसए इत्यादि शामिल हैं। खास बात यह है कि बुल्गारिया, इजरायल, मलेशिया, मारीशस, ताईवान, जिम्बावे, वियतनाम, सर्बिया, हंगरी के खरीदार इस मेगा एक्सपो में पहली बार भाग लेंगे। इस बार सीईपीसी द्वारा इंडियन कार्पेट एक्सपो में भाग लेने वाले यूएसए, कनाडा, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, चिली और अन्य सभी लैटिन अमेरिकी देशों के खरीदारों को हवाई यात्रा के लिए 800 यूएस डाॅलर की सब्सिडी और बाकी सभी देशों को 550 यूएस डाॅलर की सब्सिडी उपलब्ध कराने के अलावा नई दिल्ली मंे होटल में 2 रात्रि मुफ्त प्रवास की व्यवस्था की गई है। सीईपीसी ने चेयरमैन कुलदीपराज वट्टल ने उम्मीद जताई है कि एक्सपो में इस बार अन्य सालों की अपेक्षा अच्छा कारोबार होगा। सीईपीसी द्वारा इंडियन कार्पेट एक्सपो की सफलता के लिए सभी संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

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