नई दिल्ली (अशोक कुमार निर्भय ): आम आदमी पार्टी सरकार के कानून मंत्री और त्रिनगर विधानसभा से विधायक जितेंद्र सिंह तोमर पर फर्जी स्नातक डिग्री रखने के आरोप में मुकदमा चलाया जाएगा। दिल्ली उच्च न्यायलय ने तोमर के खिलाफ दायर फर्जी डिग्री से संबंधित याचिका वापस लेने की इजाजत देने से इन्कार कर दिया है। दायर याचिका में आरोप लगाया गया है की कानून मंत्री जितेंद्र तोमर ने स्नातक की फर्जी डिग्री के आधार पर वकील के रूप में बार काउंसिल में पंजीकरण कराया है। दिल्ली उच्च न्यायलय न्यायमूर्ति राजीव शकधर ने जितेंद्र तोमर सहित उत्तर प्रदेश के फैजाबाद स्थित अवध विश्वविद्यालय और बिहार के मुंगेर स्थित विश्वनाथ सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडी कॉलेज को नोटिस जारी कर 27 अप्रैल तक जवाब देने को कहा है।
गौरतलब है की विवादों में पहले भी आप सरकार के पिछले कार्यकाल में कानून मंत्री रहे सोमनाथ भारती भी विदेशी महिलाओं के घर छापा मारने के मामले में कानूनी कार्यवाही का सामना कर रहे हैं। न्यायलय के मुताबिक अधिवक्ता संतोष शर्मा द्वारा दायर याचिका दिलचस्प है, लेकिन हैरानी इस बात की है जिस वकील ने यह याचिका दायर की है वह अब इसे वापस लेना चाहता है। खंडपीठ ने कहा कि मामले में अभी प्रतिवादियों को रुख स्पष्ट करना है। इस लिए याचिका को वापस नहीं लिया जा सकता है। इससे पहले अदालत ने चार फरवरी को बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बी सी आई ) व बार काउंसिल ऑफ दिल्ली (बीसीडी) को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।
सुनवाई में दोनों पक्ष अदालत में हाजिर हुए। बार काउंसिल के सदस्यों ने बताया कि अवध विश्वविद्यालय के पास जितेंद्र तोमर की स्नातक डिग्री से संबंधित कोई रिकार्ड नहीं है। उनकी डिग्री कथित तौर पर फर्जी है। बी सी आई के सदस्यों ने कहा कि अगर अदालत याचिका को वापस लेने की इजाजत देना चाहती है तो वह मामले को आगे नहीं बढ़ाएंगे। इस बीच, याचिकाकर्ता संतोष शर्मा ने मामले में अर्जी दाखिल कर अदालत से याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी थी। संतोष की ओर से दलील दी गई थी कि जो मामला उन्होंने अपनी याचिका में उठाया था, उसका समाधान बीसीडी के पास है।लेकिन अदालत ने मुक़दमा चलाने का आदेश दे दिया।

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