प्रशांत भूषण और लोकपाल एडमिरल रामदास की छुट्टी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 29 मार्च 2015

प्रशांत भूषण और लोकपाल एडमिरल रामदास की छुट्टी

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आम आदमी पार्टी (आप) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से निकाले गए प्रशांत भूषण को आज अनुशासन समिति के प्रमुख पद से भी हटा दिया गया जबकि आंतरिक लोकपाल एडमिरल (सेवानिवृत्त) रामदास की भी छुट्टी कर दी गयी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निवास पर हुई आप की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में श्री भूषण को अनुशासन समिति से निकालने का फैसला लिया गया। इसके स्थान पर नयी समिति का गठन किया गया है जिसका अध्यक्ष दिनेश वाघेला को बनाया गया है। आशीष खेतान और पंकज गुप्ता को भी इस समिति में शामिल किया गया है। बैठक के बाद पार्टी के नेता संजय सिंह ने बताया कि तीन सदस्यीय एक नई लोकपाल समिति का गठन किया गया है। पूर्व आईपीएस दिलीप कुमार इसके अध्यक्ष होंगे जबकि पूर्व डीजीपी राकेश सिन्हा और शिक्षाविद डॉ. एसपी वर्मा को सदस्य बनाया गया है। आप का कहना है कि एडमिरल रामदास का कार्यकाल खत्म हो चुका है। वह आप के सदस्य नहीं थे और उन्हें आंतरिक लोकपाल की स्वतंत्र जिम्मेदारी दी गई थी। उनका एक पत्र लीक होने से ही पार्टी में बवाल मचा था। उन्हें शनिवार को राष्ट्रीय परिषद की बैठक में शामिल नहीं होने दिया गया था जबकि प्रशांत भूषण और योेगेंद्र यादव इसकी मांग का रहे थे। इस बीच प्रशांत भूषण ने एडमिरल रामदास को पद से हटाए जाने पर प्रतिक्रया व्यक्त करते हुए कहा कि जो पार्टी लोकपाल आंदोलन से उपजी है वह अपने ही लोकपाल के साथ घटिया हरकत कर रही है। ऐसा नाटक चल रहा है जिसका कोई अंत नहीं। 

अाप ने 22 अप्रैल को भूमि अधिग्रहण संशाेधन विधेयक के खिलाफ संसद का घेराव करने का फैसला है। इसके लिए छह सदस्यीय एक समिति का गठन किया गया है जिसमें इलियास आजमी, प्रेम सिंह पहाड़ी, सोमेंद्र ढाका, योगेश दहिया, गुरनाम सिंह और किरण बिस्सा को शामिल किया गया है। साथ ही संजय सिंह की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गयी है जो विभिन्न राज्यों में पार्टी के मौजूदा सांगठनिक ढांचे पर 15 दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। इसी रिपाेर्ट के आधार पर राज्यों में चुनाव लड़ने को लेकर आगे की रणनीति तय की जाएगी। इस बीच पार्टी ने शनिवार को कापसहेड़ा में हुई राष्ट्रीय परिषद की बैठक में दिए गए श्री केजरीवाल के भाषण को सार्वजनिक कर दिया है। इसमें वह कह रहे हैं कि दिल्ली चुनावों में पार्टी के दो गुट काम कर रहे थे। एक गुट पार्टी को जिताने में लगा था जबकि दूसरा हराने में। उन्होंने कहा कि अगर पार्टी चाहे तो वह सभी पद छोड़ने को तैयार हैं। अब यह राष्ट्रीय परिषद को तय करना है कि वह किसे चाहती है। श्री केजरीवाल भाषण देने के तुरंत बाद बैठक से चले गए और इसके बाद मनीष सिसोदिया ने श्री भूषण, श्री यादव, अजीत झा और प्रोफेसर आनंद कुमार को पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर निकालने से लिए एक प्रस्ताव पेश किया जो पारित हो गया। माना जा रहा है कि चारों नेताओं पर लगे पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोपों की जांच अनुशासन समिति को सौंप सकती है। अनुशासन समिति की रिपोर्ट आते ही बागी नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है।

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