विश्व की नंबर एक खिलाड़ी सायना नेहवाल और किदांबी श्रीकांत ने इंडिया ओपन के खिताब पहली बार जीतकर रविवार का दिन भारतीय बैडमिंटन के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज करा दिया। विश्व की नंबर एक खिलाड़ी बनने का अपना सपना पूरा कर चुकीं सायना ने योनेक्स सनराइज इंडिया आेपन सुपर सीरीज बैडमिंटन टूर्नामेंट में चैंपियन बनने का अपना ख्वाब खिताबी मुकाबले में थाईलैंड की रत्चानोक इंतानोन को लगातार गेमों में 21-16, 21-14 से हराकर पूरा किया जबकि दूसरी वरीयता प्राप्त श्रीकांत ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुये डेनमार्क के विक्टर एक्सेलसन को 18-21 21-13 21-12 से पराजित कर पुरूष वर्ग का खिताब अपने नाम कर लिया। इंडिया ओपन में इस दोहरी कामयाबी ने भारतीय बैडमिंटन को एक झटके में नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया। टॉप सीड सायना ने दो लाख 75 हजार डॉलर के इस टूर्नामेंट के महिला एकल के फाइनल में तीसरी वरीयता प्राप्त इंतानोन को 49 मिनट में हार झेलने के लिये मजबूर कर दिया। सायना का इस वर्ष का यह दूसरा खिताब है। वह जनवरी में सैयद मोदी टूर्नामेंट में चैंपियन बनीं थीं और मार्च में अॉल इंग्लैंड चैंपियनशिप में उपविजेता रहीं थीं।
दूसरे गेम में भी यही स्थिति रही आैर सायना ने लगातार पांच अंकों के साथ 5-0 की बढ़त बनाकर शानदार शुरूआत की। इस गेम में भी इंतानोन एक बार भी सायना को बराबरी पर नहीं पकड़ पायीं। सायना के लाजवाब स्मैश, नेट पर बेहतरीन खेल अौर शानदार कोर्ट कवरेज ने थाई खिलाड़ी को बराबर गलतियां करने पर मजबूर किया। इंतानोन ने काफी कोशिश की मगर वह सायना और भारतीय दर्शकों से पार नहीं पा सकीं। सायना ने जैसे ही 21-14 से गेम अौर मैच समाप्त किया, पूरा स्टेडियम तालियों की गड़गड़ाहट और खुशी से झूम उठा। भारत को आखिर लंबे इंतजार के बाद इंडिया ओपन में अपना पहला चैंपियन मिल गया। सायना ने अपना हाथ हिलाते हुये दर्शकों का अभिवादन स्वीकार किया। सायना की कामयाबी के बाद विश्व के चौथे नंबर के खिलाड़ी और दूसरी सीड श्रीकांत जैसे ही कोर्ट पर छठी सीड एक्सेलसन के खिलाफ कोर्ट पर उतरे, दर्शकों ने जोरदार तालियां बजाकर उनका स्वागत किया। पहले गेम में नजदीकी मुकाबले में श्रीकांत को 18-21 से हार झेलनी पड़ी लेकिन भारतीय खिलाड़ी ने दूसरे गेम में गजब का प्रदर्शन करते हुये 12-4 की बढ़त बनाने के बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा। एक्सेलसन ने हालांकि स्कोर 12-14 किया मगर श्रीकांत ने फिर लगातार पांच अंक लेने के बाद दूसरा गेम 21-13 पर समाप्त कर मैच में बराबरी हासिल कर ली। श्रीकांत निर्णायक गेम में 3-7 और 10-12 से पिछड़ गये थे लेकिन दर्शकों के जोरदार समर्थन से उत्साहित भारतीय खिलाड़ी ने फिर लगातार 11 अंक लेकर गेम 21-12 से समाप्त करते हुये खिताब अपनी झोली में डाल लिया। श्रीकांत की इस जीत के साथ ही भारत के लिये आज का दिन यादगार बन गया। दर्शकों को भी इस डबल जीत के बाद जश्न मनाने का भरपूर मौका मिला।

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